कोटा में बन रही दुनिया की सबसे बड़ी घंटी, 8 किमी तक सुनाई देगी गूंज
कोटा। राजस्थान के कोटा में चंबल रिवर फ्रंट पर बनाए जा रहे दुनिया की सबसे बड़ी घंटी का काम अब अंतिम दौर में हैं। इस घंटी की गूंज 8 किलोमीटर दूर तक सुनाई देगी। कोटा में चंबल नदी के तट पर राजस्थान खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के उपाध्यक्ष पंकज मेहता ने आज एक सादे समारोह में इस घंटी की पहली जॉइंटलेस चैन का वंदे मातरम की गूंज और लहराते तरंगों के बीच अनावरण किया जो भी दुनिया की पहली जोड़-रहित चेन है। इसके अलावा इसके दुनिया में फाइबर की 3डी प्रिंट तकनीकी से बने सबसे बड़े उत्पाद होने का भी दावा किया गया है।
इस मौके पर खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के उपाध्यक्ष पंकज मेहता ने राजस्थान के तीसरे सबसे बड़े शहर कोटा में हो रहे अद्भुत और अकल्पनीय सौंदर्य एवं विकास कार्यों की जमकर सराहना की। उन्होंने खासतौर से चंबल रिवर फ्रंट का उल्लेख करते हुए कहा कि यह अपने आप में न केवल भारत का बल्कि समूची दुनिया में एक अनोखा आकर्षण का केंद्र बनकर उभरेगा। चंबल रिवर फ्रंट के बनने के बाद कोटा केवल औद्योगिक या शैक्षणिक नगरी नहीं रह जाएगा बल्कि आने वाले समय में कोटा देश-प्रदेश का प्रमुख पर्यटन केंद्र बनेगा। इस अद्भुत और अनुपम फ्रंट के सपने को साकार होने का काम अंतिम चरण में है। जिसकी शुरुआत आज दुनिया की इस सबसे बड़ी घंटी की जोड़ी रहित चेन के अनावरण के साथ हो गई है।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार चंबल रिवर फ्रंट पर दुनिया के सबसे बड़े घंटी को ढालने की तैयारी पूरी कर ली गई हैं। घंटी को ढालने के लिए जयपुर से तीन टुकड़ों में लाए गए फाइबर के थ्री-डी मदर पैटर्न को जोड़कर फाइनल फिनिशिंग दे दी गई है। अब इसके सहारे विभिन्न धातुओं के मिश्रण (कास्टिंग अलॉय) को घंटी के आकार में ढालकर दुनिया की सबसे बड़ी घंटी को आकार दिया जाएगा।
घंटी को बजाने के लिए दुनिया की सबसे लंबी साढ़े छह मीटर की चार सौ किलो वजनी ज्वाइंटलेस रिंग चैन भी तैयार की जाएगी। इसकी विशेषता यह होगी कि घंटी बजाते समय ये चैन अलग से आवाज नहीं करेगी। ऐसे में घंटी की आवाज की गुणवत्ता में सुधार होगा और ये पास खड़े लोगों को भी अच्छी लगेगी। घंटी की गूंज आठ किलोमीटर दूर तक सुनाई देगी।
घंटी बनाने के विशेषज्ञ देवेन्द्र कुमार आर्य ने बताया कि घंटी को महज 15 मिनट के भीतर ही ढालना होगा। ऐसे में 2200 किलो धातुओं को एक साथ ढालने के लिए 35 विशेष भट्टियां बनाई गई है। इसमें ढली धातुओं को चार विशेष पात्रों से सांचे तक पहुंचाया जाएगा। जिनकी टेस्टिंग कर ली गई है। अगले माह घंटी की ढलाई के लिए तैयारियां की जा रही है।
तैयार घंटी सुनहरी रंग की नजर आएगी, जो वक्त के साथ और चमकीली होती जाएगी। यह इतनी मजबूत होगी कि पांच हजार साल तक भी इसका कुछ नहीं बिगड़ेगा। आर्य ने बताया कि अभी तक दुनिया की सबसे बड़ी घंटी रूस व चीन में है। रूस में घंटी बनाते समय टूट गई थी। ऐसे में यहां टूटी घंटी प्रदर्शित की गई है। यह दोनों घंटियां 6 गुणा 6 डायमीटर की है। कोटा की घंटी सवा नौ मीटर ऊंची, साढ़े आठ मीटर चौड़ी और करीब 57 टन वजनी होगी।