संगठनात्मक नियुक्तियों से विधानसभा चुनावों का वर्क आउट, नियुक्तियों में विधायकों की पसंद, हारे प्रत्याशियों के क्षेत्रों में मंथन
जयपुर। प्रदेश में इसी साल होने जा रहे विधानसभा चुनावों को देखते हुए प्रदेश कांग्रेस ने संगठन को मजबूत करने के लिए निचली कड़ी से काम शुरू किया है। प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने प्रदेश के हारे और जीते हुए विधायकों, पूर्व पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से चर्चा कर संगठनात्मक नियुक्तियों पर मुहर लगाई है। जिसमें सबसे पहले कांग्रेस के जीते हुए विधायकों के क्षेत्रों में ब्लॉक अध्यक्ष नियुक्त किए हैं।
विधानसभा चुनाव 2018 में कांग्रेस के हारे हुए 98 विधायकों में से मात्र चार उम्मीदवारों के क्षेत्रों में ही ब्लॉक अध्यक्ष नियुक्त किए गए हैं। जिसमेंकांग्रेस स्टीयरिंग कमेटी के सदस्य रघुवीर मीणा, बीज निगम के अध्यक्ष और निवर्तमान कांग्रेस सचिव धीरज गुर्जर, राज्यसभा सांसद नीरज डांगी और पूर्व नेता प्रतिपक्ष और वर्तमान में कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त रामेश्वर डूडी है। इसके अलावा ऐसी किसी विधानसभा में ब्लॉक अध्यक्ष घोषित नहीं किए गए हैं, जहां कांग्रेस के प्रत्याशी को हार मिली थी। ऐसे में आगामी चुनावों को देखते हुए हारे हुए उम्मीदवारों के क्षेत्रों में नियुक्तियों को लेकर वर्कआउट किया जा रहा है।
प्रदेश के 25 जिलों के 50 विधानसभा क्षेत्रों में नियुक्तियां
की गई हैं। शेष 150 विधानसभा क्षेत्रों में संगठनात्मक नियुक्तियों को लेकर वर्कआउट चल रहा है। प्रदेश के 7 जिले अजमेर, चूरू, हनुमानगढ़, करौली, पाली, प्रतापगढ़ और राजसमंद में एक भी ब्लॉक अध्यक्ष नहीं बनाया गया है। जैसलमेर एकमात्र ऐसा जिला है जहां चारों ब्लॉक अध्यक्ष नियुक्त किए गए है।
चुनावों में ब्लॉक अध्यक्ष की महत्वपूर्ण भूमिका
संगठन में ब्लॉक अध्यक्ष चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका के रूप में हैं। टिकट वितरण के दौरान ब्लॉक अध्यक्ष से राय मशवरा कर संगठन उम्मीदवार मैदान में उतारते है। ब्लॉक अध्यक्ष नियुक्तियों को लेकर विवाद होते रहे हैं। नए प्रदेश प्रभारी के निर्देश में पुनः ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्ति की है।
100 ब्लॉकों में अध्यक्षों की नियुक्ति
25 जिलों में 100 ब्लॉक अध्यक्षों की घोषणा की गई है। उनमें अलवर के 22 में से 6, बांसवाड़ा के 10 में से 4, बारां के 8 में से 6, बाड़मेर के 14 में से 6, भरतपुर के 14 में से 4, भीलवाड़ा के 14 में से 4, बीकानेर के 14 में से 8, बूंदी के 6 में से 2, चित्तौड़गढ़ के 10 में से 4, दौसा के 10 में से 6, धौलपुर के 8 में से 2, डूंगरपुर के 8 में से 2, गंगानगर के 12 में से 2, जयपुर के 38 में से केवल 4, जैसलमेर के 4, जालौर 10 में से 2, झुंझुनूं के 14 में से 8, जोधपुर 20 में से 4, कोटा 6 में से 4, नागौर 20 में से 4, सवाई माधोपुर के 8 में से 2, सीकर के 16 में से 4, सिरोही के 6 में से 2, टोंक 8 में से 2 और उदयपुर 8 में से 4 ब्लॉक अध्यक्षों की घोषणा की है।