एलोन मस्क और डोनाल्ड ट्रंप के बीच बढ़ता विवाद: भारत पर संभावित प्रभाव
अमेरिकी राजनीति और व्यापार जगत में एक नई हलचल मच गई है, जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और टेस्ला के सीईओ एलोन मस्क के बीच सार्वजनिक विवाद ने तूल पकड़ लिया। दोनों के बीच यह विवाद पहले सहयोग और साझेदारी का प्रतीक था, लेकिन अब यह एक गंभीर राजनीतिक और आर्थिक मुद्दे में बदल चुका है।
यह विवाद मई 2025 में शुरू हुआ, जब मस्क ने ट्रंप के "बिग, ब्यूटीफुल बिल" को लेकर आलोचना की। यह बिल टैक्स में कटौती और सरकारी खर्चों में वृद्धि का प्रस्ताव था, जिसे मस्क ने "आर्थिक रूप से असंवेदनशील" बताया। इसके बाद, मस्क ने व्हाइट हाउस से इस्तीफा दे दिया और सोशल मीडिया पर ट्रंप की नीतियों की आलोचना की।
इस विवाद ने और तूल पकड़ा जब मस्क ने ट्रंप पर जेफ्री एपस्टीन से जुड़े दस्तावेजों को छिपाने का आरोप लगाया। इसके जवाब में, ट्रंप ने मस्क की कंपनियों को सरकारी समर्थन हटाने की धमकी दी और मस्क को "अस्थिर" करार दिया। यह आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला अब तक जारी है।
इस विवाद का असर बाजारों पर भी पड़ा है। टेस्ला की मार्केट वैल्यू में $152 बिलियन की गिरावट आई है, और रिपब्लिकन पार्टी के भीतर भी इस मुद्दे पर मतभेद उभर रहे हैं। हालांकि, एक हालिया पोल के अनुसार, 71% रिपब्लिकन ट्रंप के पक्ष में हैं, जबकि केवल 6% मस्क का समर्थन कर रहे हैं।
व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने बताया कि ट्रंप फिलहाल मस्क से कोई बातचीत नहीं करना चाहते, और दोनों के बीच कोई फोन कॉल भी निर्धारित नहीं है। यह स्थिति उनके पहले के करीबी रिश्ते के विपरीत है, जो अब पूरी तरह से टूट चुका है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और टेस्ला के सीईओ एलोन मस्क के बीच हालिया विवाद ने न केवल अमेरिका में हलचल मचाई है, बल्कि इसका प्रभाव भारत पर भी पड़ सकता है। दोनों के बीच बढ़ते मतभेदों के चलते भारत को अपनी रणनीतियों में बदलाव पर विचार करना पड़ सकता है।
डिजिटल और डेटा नीति पर असर
भारत ने हाल ही में एलोन मस्क की कंपनी स्टारलिंक को उपग्रह इंटरनेट सेवा शुरू करने के लिए लाइसेंस प्रदान किया है। हालांकि, मस्क और ट्रंप के बीच बढ़ते विवाद के कारण भारत को अपनी डिजिटल और डेटा नीति पर पुनर्विचार करना पड़ सकता है। विशेष रूप से, डेटा स्थानीयकरण और क्रॉस-बॉर्डर डेटा फ्लो जैसे मुद्दे भारत के लिए महत्वपूर्ण हैं।
व्यापारिक संबंधों में जटिलताएँ
भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंधों में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहे हैं। ट्रंप प्रशासन की "अमेरिका फर्स्ट" नीति के तहत, भारत को अमेरिकी बाजार में अपनी उपस्थिति बढ़ाने में चुनौतियाँ आ सकती हैं। इसके अलावा, ट्रंप ने मस्क की टेस्ला कंपनी को भारत में फैक्ट्री स्थापित करने की योजना को "अत्यधिक अनुचित" बताया है, जो भारत के लिए एक झटका है।
कूटनीतिक दृष्टिकोण
भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण संबंधों के बीच, ट्रंप ने दावा किया है कि उन्होंने संभावित युद्ध को रोका। ऐसे में, भारत को अपनी कूटनीतिक रणनीतियों में सावधानी बरतने की आवश्यकता है, ताकि किसी भी प्रकार की असहमति से बचा जा सके।
एलोन मस्क और डोनाल्ड ट्रंप के बीच बढ़ते विवाद का भारत पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष प्रभाव पड़ सकता है। भारत को अपनी डिजिटल, व्यापारिक और कूटनीतिक नीतियों में संतुलन बनाए रखते हुए इन परिवर्तनों का सामना करना होगा।