OPS vs NPS: पुरानी पेंशन स्कीम को लेकर इतना हल्ला क्यों, जानिए OPS और NPS के बीच बड़े अंतर
Major differences between OPS and NPS: पुरानी पेंशन योजना लागू करने के खिलाफ दिल्ली के रामलीला मैदान में बड़ा विरोध प्रदर्शन हो रहा है। दिल्ली के रामलीला मैदान में सरकारी कर्मचारियों की भारी भीड़ जुटी है। सरकारी कर्मचारियों की मांग है कि इसे दोबारा लागू किया जाए। पुरानी पेंशन योजना और नई पेंशन योजना के बीच क्या अंतर है आइए जानते है…
पुरानी पेंशन योजना के तहत यह उन कर्मचारियों को दी जाती है जो 2004 से पहले सेवानिवृत्त हुए थे। इस पेंशन योजना के तहत एक निश्चित राशि पेंशन के रूप में दी जाती है। यह राशि सेवानिवृत्ति के समय कर्मचारियों के वेतन के आधार पर तय की गई थी। वहीं, 2004 से सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारियों को नई पेंशन योजना का लाभ दिया गया है।
पुरानी पेंशन योजना
- इस योजना के तहत सरकारी कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के समय मिलने वाले वेतन का आधा हिस्सा पेंशन के रूप में दिया जाता है।
- ओपीएस के तहत पेंशन के लिए कर्मचारियों के वेतन से कोई पैसा नहीं काटा जाता है।
- पुरानी पेंशन योजना के तहत भुगतान सरकार अपने खजाने से करती है।
- इस स्कीम में 20 लाख रुपये तक ग्रेच्युटी मिलती है।
- इसमें सामान्य भविष्य निधि का प्रावधान है
- छह महीने के बाद महंगाई भत्ता बढ़ाने का प्रावधान है।
नई पेंशन योजना में क्या है?
- कर्मचारी की बेसिक सैलरी और डीए का 10 फीसदी काटा जाता है।
- नई पेंशन योजना शेयर बाजार पर आधारित है, जिसके कारण यह उतनी सुरक्षित नहीं है।
- छह महीने के बाद महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी का कोई प्रावधान नहीं है।
- रिटायरमेंट के बाद निश्चित पेंशन की कोई गारंटी नहीं है।
- यह भी टैक्स कटौती के अंतर्गत आता है।
- रिटायरमेंट के बाद पेंशन पाने के लिए आपको एनपीएस का 40 फीसदी एन्युटी में निवेश करना होगा।
किन राज्यों में पुरानी पेंशन योजना लागू है
नई पेंशन योजना के विरोध में देश के पांच राज्यों में पुरानी पेंशन योजना बहाल कर दी गई है, जिसका मतलब है कि इन राज्यों के कर्मचारियों को हर महीने बिना किसी कटौती के पुरानी पेंशन योजना के तहत पेंशन का लाभ मिलेगा। पुरानी पेंशन योजना सबसे पहले राजस्थान में लागू की गई थी। इसके बाद यह योजना छत्तीसगढ़, झारखंड, पंजाब और हिमाचल प्रदेश में लागू की गई है।
पुरानी पेंशन का सहारा मिल रहा है
सरकारी कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाली की मांग को विपक्षी दलों का पूरा समर्थन मिल रहा है। इसी क्रम में बीकेयू नेता राकेश टिकैत और आप नेता सरकारी कर्मचारियों को समर्थन देने के लिए रामलीला मैदान पहुंचे थे। राकेश टिकैत ने कहा कि देश के किसान इस लड़ाई में उनके साथ हैं और मजबूती से लड़ने का काम करेंगे।
संजय सिंह ने कहा कि अगर 40 दिन विधायक या सांसद रहने वाले व्यक्ति को जीवन भर पेंशन मिल रही है तो 40 साल काम करने वाले कर्मचारियों को क्यों नहीं। उन्होंने कहा कि जहां आम आदमी पार्टी की सरकार है वहां पुरानी पेंशन लागू है।