For the best experience, open
https://m.sachbedhadak.com
on your mobile browser.

हवा का रूख बताने वाले सटोरियों का सबसे बड़ा अड्डा है फलौदी सट्टा बाजार जहां कभी लगती थी फलों की मंडी

फलौदी सट्टा बाजार को सबसे सटीक अनुमानों को लेकर एक बार फिर चुनावी नतीजों से पहले खासी गहमागहमी बनी हुई है.
03:52 PM Dec 02, 2023 IST | Avdhesh
हवा का रूख बताने वाले सटोरियों का सबसे बड़ा अड्डा है फलौदी सट्टा बाजार जहां कभी लगती थी फलों की मंडी

Phalodi Satta Bazaar Rajasthan: देश में 5 राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के मतदान के बाद अब हर किसी को कल नतीजों का इंतजार है जहां ईवीएम में हजारों प्रत्याशियों का भविष्य कैद है जहां 3 दिसंबर को राजस्‍थान, मध्‍य प्रदेश, छत्‍तीसगढ़, और तेलंगाना विधानसभा चुनाव के नतीजे आने वाले हैं. राज्यों के चुनावी नतीजों से पहले जहां एग्जिट पोल की चर्चा हर तरफ होती है वहीं राजस्थान में चर्चा के केंद्र में फलोदी का सट्टा बाजार रहता है जो सुर्खियों में आए बिना चुनाव संपन्न होना लाजमी नहीं है. इस बार भी अब नतीजों से कई दिन पहले फलोदी सट्टा बाजार को सबसे सटीक अनुमानों को लेकर खासी गहमागहमी है.

Advertisement

बता दें कि राजस्थान के चुनावों को लेकर फलोदी सट्टा बाजार बीजेपी की सरकार वापसी का अनुमान लगा रहा है जहां सटोरियों का मानना है कि बीजेपी की 110 सीटें आ सकती है. वहीं सटोरियों के गलियारों में राजस्थान में वसुंधरा राजे के ही मुख्यमंत्री बनने की पूरी संभावना बताई जा रही है जहां बाजार का कहना है कि अगर बीजेपी वसुंधरा राजे को सीएम फेस के तौर पर प्रोजेक्ट करती है तो 160 से ज्यादा सीटें आ सकती थी.

कभी लगती थी फलों की मंडी

जानकारी के मुताबिक राजस्‍थान की ब्लू सिटी कहे जाने वाले शहर जोधपुर से करीब 164 किलोमीटर की दूरी पर फलौदी बसा हुआ है जो बीते दिनों नया जिला बना दिया गया. बताया जाता है कि फलौदी सट्टा बाजार जहां है वहां एक जमाने में फलों की मंडी लगा करती थी जहां हर सुबह लोग मुख्य बाज़ार में बने गांधी चौक में जमा होते थे जहां इसी चौक पर व्यापारी फलों की मंडी लगाते थे और अब यहां सटोरिए सट्टे का बाज़ार लगाते हैं जहां चुनावी भविष्य का अनुमान लगाया जाता है.

हालांकि सट्टा वैसे तो ग़ैर क़ानूनी है लेकिन फलौदी के बाजार में ज़ुबानी और एक-दूसरे के भरोसे सारा खेल चलता है जहां 20-22 लोग सट्टे का आयोजन करते हैं और इसमें एक दलाल, लगाईवाल (सट्टा लगाने वाला) और खाईवाल (सट्टे पर पैसे लगाने वाला) होता है जो तीनों मिलकर सट्टा बाज़ार में चुनावी आंकलन करते हैं.

यहां बैठते हैं एक से बढ़कर मौसम वैज्ञानिक

बता दें कि फलौदी में कोई आज से सट्टा लगने नहीं लगा है इस बाजार में आज़ादी से पहले से किसी ना किसी तरह का सट्टा लगता आया है जहां रुई की तेज़ी या मंदी से लेकर आंधी, बारिश और ओले गिरने तक पर लोग सट्टा खेलते हैं. बताया जाता है कि यहां ऐसे सटोरिए मिलते हैं जो हवा का रुख और बादलों को देखकर बारिश का सटीक अनुमान लगा देते हैं.

.