For the best experience, open
https://m.sachbedhadak.com
on your mobile browser.

विजन विद विनायक शो में बोलीं अर्चना गौतम-'जिन्होंने मेरा छुआ गिलास फेंक दिया था, आज वो मुझे बुलाते हैं डिनर'

बिग बॉस फेम अर्चना गौतम ने कहा, एक बार मैं अपने पड़ोस की सहेली के घर चली गई और वहां पानी पी लिया तो उन्होंने उस गिलास को ही फेंक दिया, आज वो ही मुझे डिनर ऑफर करते हैं।
09:28 AM Sep 10, 2023 IST | BHUP SINGH
विजन विद विनायक शो में बोलीं अर्चना गौतम  जिन्होंने मेरा छुआ गिलास फेंक दिया था  आज वो मुझे बुलाते हैं डिनर

जयपुर। ‘मैं छोटी थी। पड़ोस में सहेली रहती थी। उनके घर के अंदर चली गई और पानी पी लिया। उन लोगों ने उस गिलास को ही फेंक दिया, जिसमें मैंने पानी पिया था। मुझे बहुत डांटा और पिटाई भी कर दी। शायद उन्हें मेरी कास्ट से परेशानी थी। आज उनके घर से डिनर का ऑफर आता है। अब क्या मेरी कास्ट बदल गई? इन बातों से मुझे लगता है, कि दनिु या फे क है। कै से जब आप उंचाइयों पर जाते हो तो लोगों की सोच बदल जाती है।

Advertisement

मेरे मेरठ का मिजाज भी बदल गया है।’ ये किस्से और अनुभव हैं बिग बॉस फेम एक्ट्रेस अर्चना गौतम के , जो उन्होंने जयपुर में वीडियो एलबम ‘एसी लगवा दे’… के प्रमोशन के दौरान विजन विद विनायक में शेयर किए। अर्चना गौतम विजन विद विनायक शो में ‘सच बेधड़क’ मीडिया ग्रुप के फाउंडर और एडिटर इन चीफ विनायक शर्मा के साथ रूबरू हो रही थीं। इस दौरान उन्होंने बेबाकी से बिग बॉस, राजनीति और जिंदगी के अनुभव बताए।

यह खबर भी पढ़ें:-25 सालों तक रहे गुमनाम…अब ‘स्कैम 2003’ ने दिलाई जबरदस्त पहचान, जानिए कौन है एक्टर गगन देव रियार

अब मेरठ का मिजाज क्या है?

शर्मा के अब मेरठ मिजाज क्या है? के सवाल पर एक्ट्रेस ने कहा, अब तो सब पास बुलाते हैं। पिता पुलिस की मेस में खाना बनाते थे। कोई ज्यादा पूछता नहीं था, लेकिन आज खाने के और फोटो क्लिक कराने के ऑफर आते हैं। मां ने गहने गिरवी रखे थे, तब मैं बनी हूं। मेरी नजर में ये दनिु या नकली है। पास्ट में बहुत परेशानी थी, लेकिन अब सब सॉल्व हो गया है।

मेरी आंखों में कु छ है, जो आकर्त करता है

ट्रेंड में क्या चल रहा है? तो उन्होंने कहा, अर्चना ट्रेंडिंग चल रही है। मैं आए दिन ट्रेंड करती हूं। अभी मेरा गाना हाइप पर है। शायद मेरी आंखों में कु छ है, जो आकर्षित करता है। यदि आप रियल हो तो आंखों से आंखों मिलाकर बात करोगे।

सफलता की गारंटी कितनी है?

विनायक शर्मा ने पूछा कि सफलता की गारंटी कितनी है? इस पर उन्होंने कहा, सामान्य परिवारों में जब लड़की पैदा होती है तो ताने आते हैं। लड़की हो गई है, जला दो या फें क दो। दहेज कहां से लाओगे? इसे बर्तन धोना सिखाओ आदि। जैसे-तैसे यदि 10वीं-12वीं कर ली तो ग्रेजुएशन करने के लिए फिर स्ट्रगल शुरू हो जाता है। मैं जिस कास्ट से आती हूं, वहां मेरी शादी 14-15 साल में करने वाले थे। 11वीं में फे ल हो गई थी तो शादी की बातें उठने लगी। गवर्नमेंट से झूठ बोलकर कागज में बदलावा कर देते हैं। वहां भी एक लड़की को स्ट्रगल करना पड़ता है। लडकी की कोई जिंदगी नहीं है क्या? उसकी मर्जी के बिना शादी कर दी जाती है।

राजनीतिक दौर किया एंजॉय

शर्मा ने अर्चना से उनके राजनीति कॅ रियर के बारे में पूछा तो गौतम ने कहा, इलेक्शन फाइट किया था। वह दौर बहुत एंजॉय किया। मेरे लिए नया एक्सपीरियंस था। मुझे पता नहीं था कि पावर क्या होती है। बस एक कोशिश की थी। अचानक टिकट भी मिल गया तो बात बन गई। सच कहू तो मैंने देखा था कि लोग कितना प्यार दे रहे हैं। बुजुर्गों के बीच गई और उनकी परेशानी समझी।

आवाज के कारण हुई रिजेक्ट

अर्चना ने कहा, इंटर्नशिप करने गई थी, लेकिन मेरी आवाज के कारण रिजेक्ट कर दिया गया। फिर रियल स्टेट में काम किया, लेकिन वहां भी बात नहीं बनी। फिर 6 हजार की जॉब मिली, जो दिल्ली में काफी नहीं थे। जिस कमरे में रहती थी, वहां बारिश का पानी भर जाता था। मोमोज खाकर काम चलाती थी। कास्टिंग काउच के सवाल पर कहा कि कास्टिंग काउच होता है। मुझे भी ऑफर आया था। लडकी इज्जत बचाने के लिए नाम नहीं लेती है। मैंने डील नहीं की तो बडी नही बन सकी। यदि कर लेती तो आज बड़े स्टार के साथ मूवी कर रही होती।

यह खबर भी पढ़ें:-Welcome 3 : Akshay kumar ने बर्थडे पर फैंस को दिया बड़ा सरप्राइज, ‘वेलकप 3’ का मजेदार टीजर जारी

बिग बॉस में सब रियल होता है?

हां ! सब रियल होता है। मैं फेमस और कलर्स फेस नहीं थी, इसलिए कम दिखती थी। कलर्स फेस को महत्व मिलता है। बड़े फेस को अच्छे से दिखाते हैं। यदि मैं लड़ती नहीं होती तो टॉप 4 में नहीं आती। फैन फॉलोइंग नहीं थी, लेकिन बाहर आने के बाद फैंस तेजी से बढ़े। बात की जाए सलमान सर की तो मैं चाहती हूं कि वे मुझे अपनी बहन के रोल में ही ले लें।

हर लड़की दबंग हो

उन्होंने कहा कि मैं चाहती हूं, कि हर लडकी दबंग हो। गंदी नजर से देखे तो थप्पड़ लगा दे और जो लोग बचाने नहीं आ रहे उनके भी थप्पड़ जड़ दे। एक किस्सा है, मुंबई में मेरा किडनेप हो गया था। 10 लाख रुपए की मांग हो रही थी। मैने भाई को फोन करके बुलाया और पैसे देने से पहले ही मैं किडनेपर्स से भिड़ गई, लेकिन हमें कोई बचाने नहीं आया। किसी ने मदद नहीं की। तभी सोच लिया था कि हर लड़की दबंग हो।

.