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'ERCP को भाजपा सरकार ही करेगी पूरा' चुनाव से पहले पूर्व सीएम राजे ने प्रदेशवासियों से किया वादा

राजस्थान में 25 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (ERCP) के मुद्दे को भुनाने में जुटी हुई है।
12:13 PM Nov 09, 2023 IST | Anil Prajapat
Vasundhara Raje

Vasundhara Raje : जयपुर। राजस्थान में 25 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (ERCP) के मुद्दे को भुनाने में जुटी हुई है। एक ओर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत करीब 5 साल से ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने मांग उठाने के साथ ही पीएम मोदी पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते रहे है। वहीं, अब पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने दावा किया है कि ईआरसीपी भाजपा सरकार ने शुरू की थी। साथ ही पूर्व सीएम राजे ने दावा किया कि ईआरसीपी को अब भाजपा सरकार ही पूरा करेगी।

चुनाव प्रचार अभियान में जुटी पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने बुधवार को बारां जिले सहित सीसवाली, किशनगंज व छीपाबड़ौद में कार्यकर्ता सम्मेलनों में शिरकत की। इस दौरान राजे ने कहा कि पूर्वी राजस्थान को पानी पिलाने वाली ईआरसीपी भाजपा सरकार ने ही शुरू की थी, जिसे अब पूरा भी भाजपा सरकार ही करेगी। उन्होंने कहा कि हमारा काम है जनता के लाभ की योजनाओं को आगे बढ़ाने का है। लेकिन, गहलोत सरकार का काम विकास कार्यों को अटकाने का है।

पेपर लीक को लेकर भी बोला हमला

राजस्थान में हुए पेपर लीक मामलों का जिक्र करते हुए पूर्व सीएम राजे ने कहा कि पेपर लीक के कारण 70 लाख से ज्यादा युवाओं का भविष्य बर्बाद हुआ है। इसलिए अब राजस्थान में भाजपा सरकार आएगी और ऐसी व्यवस्था बनाएगी कि कभी पेपर लीक नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि राजनीति में जो चमकते सितारे दिखते हैं, उनकी चमक लंबी नहीं होती और राजनीति में जो सीधे और सरल स्वभाव के होते हैं, उनकी चमक स्थाई होती है।

जानें-क्या है ईआरसीपी योजना?

ईआरसीपी का पूरा नाम ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट है। इस योजना का उद्देश्य दक्षिणी राजस्थान में बहने वाली चंबल और उसकी सहायक नदी कुन्नू, पार्वती, कालीसिंध में बारिश के दौरान ओवरफ्लो होते पानी को इकट्ठा कर उसे राजस्थान के दक्षिण-पूर्वी जिलों में भेजना है। जिससे वहां पीने के पानी और फसलों की सिंचाई के लिए होती कमी को पूरा किया जा सके। यह योजना चालू होने के बाद प्रदेश के झालावाड़. बारां, कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, अजमेर, टोंक, जयपुर, करौली, अलवर, भरतपुर, दौसा और धौलपुर के बाशिंदों के लिए जीवनदायिनी साबित होगी। इस योजना की अनुमानित लागत लगभग 60 हजार करोड़ रुपए है।

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