International Women's Day: देश की आजादी और राजस्थान हाईकोर्ट की स्थापना के 76 वर्ष में एकमात्र महिला वरिष्ठ अधिवक्ता— गायत्री राठौड़
International Women's Day 2025: एडवोकेट एक्ट, 1961 की धारा 16 के अनुसार, कोई अधिवक्ता हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट द्वारा उसकी कानूनी क्षमता, बार में उसकी प्रतिष्ठा और कानून में विशेष अनुभव के आधार पर सीनियर एडवोकेट के रूप में नामित किया जा सकता है. ये पुरूष और महिला अधिवक्ता कोई भी हो सकता हैं.
लेकिन राजस्थान हाईकोर्ट ने अपनी स्थापना के 76 साल में एकमात्र महिला अधिवक्ता को सीनियर एडवोकेट या वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया हैं.
वरिष्ठ अधिवक्ता के नामांकन के लिए एडवोकेट की सहमति आवश्यक होती है क्योंकि वरिष्ठ अधिवक्ता बनने के बाद उनके कामकाज पर कुछ सीमाएँ लागू होती हैं.
इसलिए जब भी राजस्थान हाईकोर्ट ने वरिष्ठ अधिवक्ताओं के लिए आवेदन मांगे, 1980 से लेकर 2025 तक करीब एक दर्जन महिला अधिवक्ताओं ने आवेदन किए.
राजस्थान हाईकोर्ट को अपनी पहली महिला वरिष्ठ अधिवक्ता जनवरी 2022 में मिली हैं. जब राजस्थान हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल ने 26 अधिवक्ताओं को सीनियर एडवोकेट नामित करते हुए सूची जारी की.
इस सूची में केवल एक महिला अधिवक्ता गायत्री राठौर का नाम शामिल किया गया और वे राजस्थान की पहली महिला सीनियर एडवोकेट के रूप में नामित हुई.
गायत्री राठौड़ नागौर के कड़लू के एक जागीरदार परिवार से संबंध रखती है, उनका ननिहाल जयपुर के निकट स्थित खोचपुरी में है उनके नाना और दादा दोनो ही जमिंदार रहे है और परिवार ने उन्हे वकालत में आने के लिए प्रोत्साहित किया.
कभी डॉक्टर बनने का सपना देखने वाली गायत्री राठौड़ ने पीएमटी में असफलता के बाद वकालात के चुना था, लेकिन इस क्षेत्र में उनकी मेहनत और डेडीकेशन ने उन्हे प्रदेश की पहली महिला सीनियर एडवोकेट के रूप में नामित कराया.
अजमेर कि सोफिया स्कूल से प्राथमिक शिक्षा और जयपुर के सेंट ऐंजीला सोफिया से सीनियर के बाद महारानी कॉलेज से आगे की पढाई की.
इसी दौरान राजस्थान विश्वविद्यालय में वर्ष 1984 में फाइव ईयर लॉ कॉलेज की शुरूआत हुई. गायत्री राठौड़ इस कॉलेज से निकलने वाले 1989 के पहले बैच की लॉ ग्रेज्यूएट हैं.
लॉ ग्रेज्यूएट होने के बाद गायत्री राठौड़ ने देश के ख्यातनाम वकील पारस कुवाड़ का आफिस ज्वाईन करते हुए वर्ष 1990 में राजस्थान बार कांउसिल जोधपुर में रजिस्ट्रेशन कराया.
इसके साथ ही गायत्री राठौड़ ने जयपुर डिस्ट्रीक्ट कोर्ट और हाईकोर्ट जयपुर पीठ में अपनी प्रेक्टिस शुरू की.
वर्ष 1990 से शुरू हुए वकालात के सफर के तीन दशक बाद जनवरी 2022 में राजस्थान हाईकोर्ट ने उन्हे सीनियर एडवोकेट नामित किया हैं.
वर्तमान में राजस्थान हाईकोर्ट की पहली और एकमात्र महिला सीनियर एडवोकेट के रूप में जयपुर हाईकोर्ट में कार्यरत हैं. और वकालात के पेशे में आने वाली हर महिला एडवोकेट के लिए वे एक नेतृत्व की भूमिका निभाती हैं.