पीएम मोदी के वाशिंगटन दौरे को लेकर अमेरिका उत्साहित
नई दिल्ली। अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने कहा कि अमेरिका ने भारत को मित्रता और रणनीतिक साझेदारी की ऐसी गहराई दी है जो दुनिया में बेजोड़ है और अगले महीने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की वाशिंगटन यात्रा को लेकर अमेरिका उत्साहित है। गार्सेटी ने कहा कि दोनों देश रक्षा सहयोग को मजबूत करने के लिए कुछ समझौतों पर काम कर रहे हैं और मोदी के अमेरिका दौरे या अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के सितंबर में जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए भारत आने पर उनके मजबूत होने की संभावना है।
भारत द्वारा चीन से अपनी सीमा के साथ-साथ समुद्री क्षेत्र में चुनौतियों का सामना करने से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि नई दिल्ली वाशिंगटन पर निर्भर रह सकती है क्योंकि वह सीमाओं, संप्रभुता और कानून के शासन का सम्मान करने के लिए खड़ा है। हम इन सिद्धांतों की रक्षा और बचाव करेंगे। अगर कोई देश सोचता है कि वह एकतरफा यथास्थिति को बदल सकता है, तो यह हम सभी के लिए अस्वीकार्य है। हम कार्रवाई को भी रोकना चाहते हैं।
किसी की धौंस जमाना स्वीकार्य नहीं
साथ ही, गार्सेटी ने जोर दिया कि किसी के द्वारा धौंस जमाने की हरकत स्वीकार्य नहीं होगी। भारत-अमेरिका साझेदारी वर्तमान भू-राजनीतिक हालात के संदर्भ में दुनिया के लिए काफी महत्वपूर्ण है। गार्सेटी ने कहा कि यह साझेदारी न केवल दोनों देशों के लिए बल्कि विश्व के लिए भी फायदेमंद है। हथियार प्रणाली देने को तैयार गार्सेटी ने कहा, हम ऐसी हथियार प्रणालियों की पेशकश कर रहे हैं जो अत्याधुनिक हैं।
साथ ही प्रौद्योगिकी हस्तांतरण भी हैं जो यह सुनिश्चित करते हैं कि भारत इनमें से कुछ चीजों को अपने यहां बना सकता है। हमने अपने कुछ निकटतम सहयोगियों के लिए ऐसा नहीं किया। वाशिंगटन रक्षा, व्यापार और निवेश, जलवायु परिवर्तन तथा लोगों के आपसी संपर्क समेत विभिन्न क्षेत्रों में संबंधों को और गहरा करने पर विचार कर रहा है।
सितंबर में बाइडन की भारत यात्रा संभव
बाइडन जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए सितंबर में भारत आने वाले हैं। मोदी जून में अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन और उनकी पत्नी जिल बाइडन के निमंत्रण पर अमेरिका की अपनी पहली राजकीय यात्रा पर जाएं गे। अमेरिकी राष्ट्रपति 22 जून को राजकीय रात्रिभोज में मोदी की मेजबानी भी करेंगे। यह पूछे जाने पर कि क्या मौजूदा भू-राजनीतिक स्थिति के संदर्भ में भारत, अमेरिका की साझेदारी दुनिया के लिए अधिक महत्वपूर्ण हो गई है, उन्होंने कहा, बिल्कुल।
निवेश व व्यापार के नए अवसरों की तलाश गार्सेटी ने कहा, हम सब कुछ एकीकृत कर रहे हैं- हमारी सेना से लेकर हमारे अंतरिक्ष कार्यक्रमों तक। हम नए व्यापार और निवेश के अवसरों को तलाश रहे हैं, अमेरिका भारत का नंबर एक व्यापारिक भागीदार बन गया है और अमेरिका में पढ़ाई के लिए जाने वाले सबसे अधिक भारतीय छात्रों को वीजा स्वीकृत हुआ था। ये इस बात के प्रमाण हैं कि संबंध कितने गहरे हैं। लेकिन यह सिर्फ ऐसा नहीं है कि हम एक दूसरे के लिए क्या कर सकते हैं। (कोविड-19) महामारी के दौरान, अमेरिका और भारत के संबंधों ने अफ्रीका और विकसित दुनिया के देशों की मदद की और विकासशील दुनिया को काफी बेहतर परिणाम मिले।