10 करोड़ के इनाम पर उदयनिधि स्टालिन का, बोले- 10 रुपये की कंघी काफी...
जयपुर। तमिलनाडु की डीएमके सरकार में मंत्री उदयनिधि स्टालिन द्वारा सनातन धर्म आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। अयोध्या में तपस्वी छावनी मंदिर के मुख्य पुजारी परमहंस आचार्य ने सनातन धर्म पर उदयनिधि स्टालिन के विवादित बयान के बाद उनका सर काट के लाने वाले के लिए 10 करोड़ के इनाम की घोषणा की है।
काफी है 10 रुपए की कंघी
अब परमहंस आचार्य के बयान के बाद उदयनिधि स्टालिन ने कहा- परमहंस आचार्य ने घोषणा की है कि वह मुझे सनातन (धर्म) के बारे में बात करने के लिए अपना सिर कटवाने के लिए 10 करोड़ रुपये देंगे। मेरे सिर पर कंघी करने के लिए 10 रुपए का कंघा ही काफी है।
चेन्नई के एक कार्यक्रम में दिया बयान
चेन्नई में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान उदयनिधि स्टालिन ने कहा कि धमकी हमारे लिए कोई नई बात नहीं है। मैं उस व्यक्ति (एम करुणानिधि) का पोता हूं, जिसने तमिलनाडु के लिए अपना जीवन दांव पर लगा दिया.” पांच बार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री रहे करुणानिधि ने पेरियार की ओर से शुरू किए गए तर्कवादी और ब्राह्मण विरोधी द्रविड़ आंदोलन का नेतृत्व किया था।
ये रावण के खानदान के लोग…
धीरेंद्र शास्त्री ने सोमवार को मीडिया में बयान देते हुए कहा कि ये रावण के खानदान के लोग हैं। अगर ऐसा भारत में रहने वाले किसी भारतीय ने कहा है तो भारत में रहने वाले समस्त सनातनियों के दिल पर उसने चोट पहुंचाई है।
यह राम का देश है और राम के देश में जब तक इस भूमि पर सूर्य और जल रहेगा, तब तक सनातन रहेगा। ऐसे लोग बहुत आए और चले जाएंगे। ऐसे जानवरों को जवाब नहीं देना चाहिए। धीरेंद्र शास्त्री ने उदयनिधि स्टालिन की तुलना रावण के खानदान से भी की।
अमित शाह ने भी साधा था निशाना
स्टालिन के बेटे द्वारा सनातन धर्म पर दिए गए बयान को लेकर रविवार को राजस्थान के डूंगरपुर में परिवर्तन यात्रा से पहले हुई जनसभा में गृहमंत्री अमित शाह ने निशाना साधते हुए कहा- दो दिन से आप सनातन धर्म का अपमान कर रहे हैं।
INDIA के 2 प्रमुख दल DMK और कांग्रेस पार्टी के बड़े नेता कह रहे हैं कि सनातन धर्म को समाप्त कर देना चाहिए। इन लोगों ने वोट बैंक और तुष्टिकरण की राजनीति करने के लिए हमारी संस्कृति का अपमान किया है।
‘सनातन धर्म मलेरिया और कोरोना की तरह’
मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि ने कहा था कि सनातन धर्म डेंगू, मलेरिया और कोरोना की तरह है। जिसका यूं ही विरोध नहीं किया जा सकता बल्कि ख़त्म किया जाना चाहिए। संयोग से, स्टालिन की पार्टी डीएमके इंडिया अलायंस का एक प्रमुख घटक दल है, जो विपक्षी दलों का गठबंधन है।