उद्धव ठाकरे को लगा बड़ा झटका, करीबी रहे भूषण देसाई ने थामा शिंदे गुट का हाथ
मुंबई। उद्धव गुट की शिवसेना को आज एक बड़ा झटका लगा है। बगावत का जो सिलसिला साल 2022 में शुरू हुआ वह अभी थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब उद्धव ठाकरे के करीबी सहयोगी और पूर्व मंत्री सुभाष देसाई के बेटे भूषण देसाई ने उद्धव गुट का दामन छोड़कर शिंदे गुट का हाथ थाम लिया है लेकिन उनके पिता सुभाष देसाई अभी भी उद्धव ठाकरे के साथ ही हैं।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बालासाहेब भवन में भूषण देसाई का स्वागत किया। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि उद्धव के भाइयों और भतीजे ने शिंदे का समर्थन किया है। एकनाथ शिंदे के गुट को ज्वाइन करने के बाद भूषण देसाई ने कहा कि जब एकनाथ शिंदे ने उद्धव गुट की शिवसेना से अलग होने का फैसला लिया, तब से ही मैं उनके साथ आने की सोच रहा था। उसके बाद कई संघर्ष के बाद आखिर जब वह सत्ता में आए तो मैंने उनके साथ होने का फैसला कर ही लिया।
शुरू से ही शिंदे के साथ रहना चाहता था
भूषण ने कहा कि एकनाथ शिंदे की शिवसेना वह पार्टी है जो बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा को आगे बढ़ाती है और जनता के लिए काम करती है। यह मेरे अपने विचार हैं, मैं एकनाथ शिंदे के साथ रहना चाहता हूं, इसलिए मैं अपना फैसला लेने के लिए स्वतंत्र हूं मेरे पिता की राजनीति का इससे कोई लेना-देना नहीं है।
जल्द भूषण को मिलेगी ‘अच्छी’ जिम्मेदारी
वहीं भूषण के पार्टी में शामिल होने को लेकर एकनाथ शिंदे ने कहा कि बीते लंबे समय से भूषण ने मेरे साथ काम किया है। मैं उन्हें अच्छी तरह जानता हूं, वह मुझे अच्छी तरह जानते हैं। उन्हें अच्छी तरह पता है कि असली शिवसेना कौन सी है। भूषण को पार्टी में जल्द ही अच्छी जिम्मेदारी दी जाएगी। वहीं भूषण के इस पार्टी में शामिल होने के विरोध में आदित्य ठाकरे ने कहा कि भूषण वह कार्यकर्ता है जो कभी भी अपनी पार्टी में सक्रिय नहीं रहते थे और जो लोग वॉशिंग मशीन में अपनी गंदगी को साफ करना चाहते हैं तो वे पार्टी से स्वेच्छा से जा सकते हैं।