पेट की आग मिटाने के लिए दो मासूम बने 'भिखारी', पिटाई के डर से हुए गायब, अब मिले तो ऐसे…
अलवर। कहते हैं कि भूख इंसान से कुछ भी करा सकती है। यह बात अलवर की एक घटना पूरी तरह चरितार्थ कर रही है। दरअसल यहां पेट की आग मिटाने घर से गरीब परिवार के दो मासूम बच्चे पड़ोसी मोहल्ले में भीख मांगने चले गए। लेकिन उन्हें भीख मांगते हुए उनके साथ के बच्चों ने देख लिया और उनकी मां से शिकायत करने की धमकी दी। घर पर मां की पिटाई के डर से दोनों मासूम घर नहीं गए बल्कि वे कहीं औऱ ही चले गए। इधर बच्चों के घर पर न पहुंचने से मां-बाप परेशान हो गए। उन्होंने एनईबी पुलिस थाने में मामला दर्ज कराया।
पुलिस ने बच्चों की तलाश शुरू की तो करीब 18 घंटे बाद उन्हें ढूंढ निकाला। लेकिन जिस अवस्था में वे बच्चे मिले। उससे हर किसी का दिल पसीज गया। दरअसल ये बच्चे एक सूने मकान के बाहर के आंगन में कड़ाके की ठंड में सिर्फ एक कंबल में लिपटे मिले थे। दोनों बच्चे सो रहे थे। पुलिस का कहना है कि बच्चों की तलाश में पुलिस की टीम और परिजन रात भर इधर-उधर लगे रहे।
शहर के एनईबी थाना क्षेत्र स्थित सूर्य नगर में घटित हुई इस घटना से एक तरफ पुलिस की नींद उड गई थी। थानाधिकारी ने जानकारी देत हुए बताया सूर्य नगर फ्लेट में रहने वाले धर्मपाल ने अपनी 12 वर्षीय बच्ची और 10 वर्षीय बेटे के गायब होने की सूचना दर्ज कराई। बालकों के गायब होने की सूचना को गंभीरता से लेते हुए बालको की तलाश तेज कर दी। लेकिन कोई सुराग नहीं लगा। सुबह से ही खाली पडे फ्लैट्स की जांच की जिसमें दोनों बच्चें सही सलामत मिल गए है। थाना पुलिस ने दोनों बच्चों को दस्तयाब कर बाल कल्याण समिति के सौंप दिया है।
बच्चों की मां ने बताया उनके तीन बेटे और दो बेटियां है। उनके परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। जिससे बच्चों की पढ़ाई भी बंद करानी पड़ी। परिवार का गुजर बसर ही काफी मुश्किल से हो पाता है। पति-पत्नी दोनों ही मजदूरी कर परिवार का लालन पालन करते है। दोनों बच्चें जैन मंदिर के लिए दो जनवरी को सुबह घर से बिना कुछ खाये पिए निकलें। उन्हें काफी भूख लगी थी। इसलिए दूसरे घरों में भीख मांगने पहुंच गए। मां ने कहा पिटाई होने के डर से घर नहीं पहुंचे।