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Twin Tower Noida Demolition : सिर्फ 9 सेकेंड में जमींदोज हो जाएंगे ट्विन टॉवर, जानिए निर्माण में किस हद तक हुआ भ्रष्टाचार

07:30 AM Aug 27, 2022 IST | Jyoti sharma
twin tower noida demolition   सिर्फ 9 सेकेंड में जमींदोज हो जाएंगे ट्विन टॉवर  जानिए निर्माण में किस हद तक हुआ भ्रष्टाचार

Twin Tower Demolition : नोएडा स्थित बहुचर्चित सुपरटेक ट्विन टॉवर को 28 अगस्त को गिरा दिया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने इस टॉवर ने अवैध घोषित कर दिया था और इसे गिराने के निर्देश दे दिए। जांच रिपोर्ट में सामने आया है कि इस टॉवर को बनाने में नियमों की हद से ज्यादा अनदेखी की गई, सबसे हौरानी की बात यह है कि खुद नोएडा अथॉरिटी के अधिकारी इस भ्रष्टाचार में शामिल रहे। नियमों का उल्लंघन कर टॉवर का नक्शा पास कराने के मामले में नोएडा अथॉरिटी के 24 अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

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इस टॉवर को लेकर यहां की सोसाइटी में रहने वाले लोगों ने सबसे पहले ऑब्जेक्शन उठाया था। उन्होंने बिल्डिंग को अवैध तरीके से बनाने को लेकर नोएडा अथॉरिटी के पास शिकायत की। लेकिन अथॉरिटी ने कोई सुनवाई नहीं की। दरअसल इसी सोसाइटी में जो दूसरी बिल्डिंग्स बनी हैं। उनमें एक दूसरे के बीच का स्पेस 16 मीटर से ज्यादा का है। लेकिन ट्विन टॉवर के बीच का स्पेस 9 मीटर से भी कम का है। वहीं जब बिल्डर ने लोगों को फ्लैट खरीदने के लिए दिखाया था तो वहां पर अपन स्पेस दिखाया गया था। लेकिन 2008 के बाद बिल्डर ने टॉवर 1 से 15 तक परकब्जा जमाना शुरू कर दिया। जिसके खिलाफ आवाज उठाने के लिए वहां फ्लैट खरीदने वालों ने कमेटी बनाई, और बिल्डर-नोएडा अथॉरिटी के खिलाफ जंग छेड़ दी। लेकिन बात यहीं नहीं बनीं। इस विरोध के बावजूद टॉवर्स का निर्माण होता रहा था। और यह पूरी तरह बनकर भी तैयार हो गया।

इस तरह नोएडा अथॉरिटी ने उड़ाई नियमों की धज्जियां

साल 2004 में नोएडा अथॉरिटी ने सेक्टर 93A में ग्रुप हाउसिंग को प्लॉट-4आवंटित किया था। इसके तहत पहले तो प्लॉट न. 14 का नक्शा पास किया गया था। यानी तब बिल्डिंग को 9वीं मंजिल तक ही बना सकते थे। लेकिन इसके बाद साल 2006 में नोएडा अथॉरिटी ने इस प्रोजेक्ट में संशोधन कर इसे 11 मंजिल का कर दिया, फिर तो साल दर साल अथॉरिटी इसकी ऊंचाई का नक्शा पास करती गई और बिल्डर मंजिलों पर मंजिल तानता चला गया।

साल 2009 में बिल्डर्स ने प्लॉट नं 17 के लिए नक्शा पास कर लिया। इस प्लॉट पर 24 मंजिल के टॉवर का नक्शा पास किया गया। इसके बाद साल 2012 में नोएडा अथॉरिटी ने प्रोजेक्ट में और संसोधन किए, जिसके बाद इन टॉवर्स को 40 मंजिल तक पास कर दिया गया। अब इन टॉवर्स की ऊंचाई 121 मीटर हो गई है।

इन टॉवर्स के अवैध निर्माण को लेकर फ्लैट खरीदने वालों की वेलफेयर एसोशिएशन RWA ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया क्योंकि नोएडा अथॉरिटी ने उनकी कोई सुनवाई नहीं की थी। सुनवाई होते-होते मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया, कई सालों तक इसकी सुनवाई होती गई, सुप्रीम कोर्ट ने मामले में बिल्डर्स के साथ ही नोएडा अथॉरिटी के अधिकारियों को भी दोषी बनाया। अथॉरिटी के 24 अधिकारियों इस भ्रष्टाचार में लिप्त थे। उनके खिलाफ 4 अक्टूबर 2021 को मामला दर्ज किया गया। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल ही इस टॉवर को अवैध माना और इसे 21 गिराने का फैसला दे दिया। लेकिन टॉवर गिराने वाली कंपनी एडिफिस इंडीनियरिंग को NOC नहीं मिल पाई थी। इसलिए इस टॉवर को अब 28 अगस्त यानी रविवार को गिराया जाएगा।

इस तरह गिराया जाएगा टॉवर

इस गगनचुंबी ट्विनटॉवर को गिराने के लिए सारी तैयारियां पूरी हो गई हैं। नोएडा पुलिस ने भी ट्विनटॉवर को गिराने की व्यवस्था का निरीक्षण कर लिया है। इसे लेकर मॉक ड्रिल भी किया जा रहा है। इस टॉवर को 28 अगस्त को दोपहर 2.30 बजे गिरा दिया जाएगा। इसके लिए सेफ्टी के सारे इंतजाम कर  लिए गए हैं। आसपास की सोसाइटी में रहने वाले लोंगो को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया जाएगा। साथ ही लगभग 3000 गाड़ियां सोसाइटी के बाहर निकाली जाएंगी।

टॉवर गिराने वाले एडिफिस इंजीनियर्स के सदस्य की दी जानकारी के मुताबिक बारूद की सहायता से इस बिल्डिंग को धाराशाई किया जाएगा। इसके लिए एक टॉवर में 60 प्रतिशत बारूद रखा गया है और दूसरे में 40 प्रतिशत रखे गए हैं। इसके लिए 60 प्रतिशत बारूद वाले टॉवर में में पहले विस्फोट किया जाएगा, इसके बाद दूसरे टॉवर का बारूद फटेगा। सभी बारूदों को फटने में कम से कम 9 सेकेंड का वक्त लगेगा, और देखते ही देखते 4 सेकेंड के अंदर पूरी बिल्डिंग ध्वस्त हो जाएगी। वहीं जब ये बिल्डिंग ध्वस्त होगी तो धूल-गुबार हटने के बाद घटनास्थल पर 6 लोगों की टीमें जाएंगी, वे यहां निरीक्षण करेंगी कि कोई बम जिंदा तो नहीं। इसके बाद अंदर जाकर भी इसका निरीक्षण किया जाएगा। तब जाकर ही सोसाइटी के लोगों को अपनी बिल्डिंग में आने की अनुमति दी जाएगी।

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