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Turkey Earthquake: स्निफर डॉग रोमियो और जूली ने मलबे से खोजी 6 साल की बच्ची, जानें सेना में स्निफर डॉग का क्या है काम 

02:17 PM Feb 13, 2023 IST | Supriya Sarkaar
turkey earthquake  स्निफर डॉग रोमियो और जूली ने मलबे से खोजी 6 साल की बच्ची  जानें सेना में स्निफर डॉग का क्या है काम 

अंकारा। तुर्की और सीरिया में आए भूंकप के बाद मलबे में दबे लोगों को ढूंढने की कोशिश लगातार जारी है। एक तरफ जहां मृतकों की संख्या बढ़ती जा रही है वहीं दूसरी और मलबे में दबे लोगों को जिंदा बाहर निकाला जा रहा है। तुर्की में आए इस विनाशकारी भूकंप के बाद कई देशों ने मदद के लिए हाथ बढ़ाया है। भारत भी भूंकप प्रभावी क्षेत्रों से लोगों को बचाने की पूरजोर कोशिश कर रहा है, वहीं मलबे से जिंदा लोगों के मिलने की राहत भरी खबरें भी सामने आ रही है। ऐसी ही एक खबर सामने आयी है कि रोमियो और जूली नामक स्नीफर डॉग्स ने 6 साल की बच्ची को ढूंढ निकाला है।

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ऑपरेशन दोस्त के दौरान मिली बच्ची

आपको बता दें कि इस आपातकालीन स्थिति में भारत ने तुर्की को मदद देने के लिए ऑपरेशन दोस्त की शुरूआत की है। अभियान के तहत कई लोगों को जिंदा बचाया जा चुका है। इस अभियान में एनडीआरएफ की टीमें लगातार काम कर रही है। एनडीआरएफ के इन्ही भारतीय स्नीफर डॉग्स ने मलबे में दबी 6 साल की बच्ची को खोजने में मदद की है। इनका नाम रोमियो और जूली है। दोनों डॉग्स की मदद से बच्ची को पूरे 80 घंटे बाद जिंदा निकाला गया है। वहीं इस खबर के बाद रोमियो और जूली की काफी चर्चा भी हो रही है।

दरअसल बच्ची का पता लगाने में जूली ने खास भूमिका निभाई, उसने जब बच्ची के जिंदा दबने का अनुमान लगाया तो वह वहां भोंखने लगी। इसके बाद रोमियो ने मलबे के अंदर गया। जब उसे पता लगा कि अंदर बच्ची फंसी हुई है तो उसने भोंकना शुरू कर दिया। इस तरह टीम को किसी के अंदर फंसे होने की जानकारी मिली। इसके बाद टीम ने मलबे को खोदकर बच्ची को बाहर निकाला।

क्या होतें हैं स्नीफर डॉग्स

स्नीफर डॉग भारतीय सेना में विशेष रूप से कार्य करते हैं। इन्हें कई आपराधिक और अपातकालीन घटनाओं के दौरान काम में लिया जाता है। इसके लिए भारतीय सेना की ओर से इन्हें खास ट्रेनिंग दी जाती है। इन्हें 9 महीने की कड़ी ट्रेनिंग देकर तैयार किया जाता है। इसके बाद जब इनकी ट्रेनिंग पूरी हो जाती है तो कई घटनाओं में सुराग का पता लगाने के लिए इन्हें काम में लिया जाता है।

34 हजार लोग गवा चुके जान

आपको बता दें कि तुर्की और सीरिया में 6 फरवरी की सुबह तेज भूंकप आया था। जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 7.8 मापी गयी थी। अब तक इस हादसे में 34 हजार से ज्यादा लोग जान गवां चुके हैं। आपको बता दें कि भूंकप के दौरान मलबे में फंसे लोगों को बचाने के लिए कोशिशें की जा रही है। वहीं इस दौरान कई लोगों के बचने की चमत्कारिक खबरें भी सामने आ रही है।

(Also Read- तुर्की- सीरिया में अब तक 28,000 लोगों की मौत, एक भारतीय का शव मिला)

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