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बीजेपी का स्थापना दिवस आज, दो सीट से देश की सबसे बड़ी पार्टी बनने का सफर

01:24 PM Apr 06, 2025 IST | Ashish bhardwaj

बीजेपी आज अपना स्थापना दिवस मना रही है। 1980 में स्थापित यह पार्टी आज देश की सबसे बड़ी राजनीतिक ताकत बन चुकी है। बीजेपी फिलहाल 15 राज्यों में अपनी सरकार चला रही है, वहीं इसके नेतृत्व वाला गठबंधन (एनडीए) 21 राज्यों में सत्ता में है। लोकसभा चुनाव 2024 में भले ही बीजेपी की सीटें कम हुई हों, लेकिन उसके बाद विधानसभा चुनावों में पार्टी ने एक के बाद एक शानदार जीत दर्ज कर अपनी ताकत का लोहा मनवाया है।

2024 में पार्टी ने दिखाया था अपना दम
पिछले साल हुए महाराष्ट्र और हरियाणा के हुए चुनावों में मिली जीत ने राजनीतिक पंडितों को हैरान कर दिया। हरियाणा में लगातार तीसरी बार सत्ता में वापसी और महाराष्ट्र में गठबंधन के साथ मजबूत जीत ने पार्टी की रणनीति की मजबूती को दिखाया। लेकिन सबसे बड़ा उलटफेर दिल्ली में देखने को मिला, जहां 27 साल बाद बीजेपी ने फरवरी 2025 में हुए विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की। 70 सीटों वाली दिल्ली विधानसभा में बीजेपी ने 48 सीटें जीतकर आम आदमी पार्टी को करारी शिकस्त दी। यह जीत इसलिए भी खास है, क्योंकि लोकसभा चुनावों में दिल्ली में बीजेपी का दबदबा रहा, लेकिन विधानसभा में वह हमेशा पिछड़ती रही थी।

कभी 2 सीटों पर मिली थी बीजेपी को जीत
बीजेपी के गठन के बाद साल 1984 में जब लोकसभा चुनाव हुए उस समय पार्टी को केवल 2 सीटें ही मिली थी। इसके बाद राममंदिर आंदोलन शुरू हुआ। आंदोलन का ऐसा असर कुछ ऐसा पड़ा कि पड़ा कि 1989 के चुनाव में 80 से अधिक सीटें भारतीय जनता पार्टी ने जीती थीं। 1996 के चुनाव में पार्टी ने रिकॉर्ड बनाया और 161 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी और केंद्र में सरकार बनाई लेकिन बहुमत नहीं होने लम्बे समय तक चल नहीं पाई। 1999 में पार्टी फिर सत्ता में आई और 2004 तक सत्ता में रहकर कार्यकाल पूरा किया।

बीजेपी की सफलता का राज
राजनीतिक विश्लेषक को मानना है की बीजेपी के सफलता का राज आक्रामक रणनीति, पीएम नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता और विपक्ष की आपसी फूट है। जहां बीजेपी हर चुनाव को गंभीरता से लेती है, वहीं विपक्ष अभी तक एकजुट होकर कोई ठोस रणनीति नहीं बना पाया। आने वाले बिहार चुनाव में भी बीजेपी-एनडीए की नजर मजबूत प्रदर्शन पर है। स्थापना दिवस के मौके पर बीजेपी का यह बढ़ता कद न सिर्फ उसके कार्यकर्ताओं के लिए गर्व का विषय है, बल्कि विपक्ष के लिए एक बड़ी चुनौती भी बन गया है।

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