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जाट आरक्षण आंदोलन का तीसरा दिन… हाथों में लाठियां लेकर पहुंची महिलाएं, 22 जनवरी बाद उग्र होगा आंदोलन

04:24 PM Jan 19, 2024 IST | Anil Prajapat
Jat-Samaj-Mahapadav

Jat Andolan : भरतपुर। केंद्र में आरक्षण की मांग को लेकर जाट समुदाय के लोग पिछले तीन दिन से उच्चैन तहसील के निकटवर्ती गांव जयचौली में धरने पर बैठे हुए है। जाट आरक्षण आंदोलन के तीसरे दिन शुक्रवार को महिलाएं हाथों में लाठियां लेकर महापड़ाव स्थल पर पहुंची। वहीं, जाट समाज के लोगों ने आज सरकार की सद्बुद्धि के लिए यज्ञ किया। जिसमें महिलाएं, बच्चों सहित जाट समाज के सैकड़ों लोग मौजूद रहे।

बता दें कि भरतपुर और धौलपुर जिले के जाटों ने केंद्र में आरक्षण की मांग को बुधवार को रेलवे ट्रैक से 500 मीटर दूर जयचौली गांव में महापड़ाव शुरू किया था। इससे पहले जाट समाज के लोगों ने केंद्र सरकार को 10 दिन का अल्टीमेटम दिया था। लेकिन, मांग पर अमल नहीं करने के कारण अब जाट समाज के लोग आर-पार की लड़ाई के मूड में है। तीन दिन से जाट समाज के लोग जयचौली रेलवे स्टेशन के पास टैंट गाड़ कर बैठे हुए है और शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे है। लेकिन, 22 जनवरी के बाद आंदोलन उग्र होने की संभावना है।

सरकार की सद्बुद्धि के लिए किया यज्ञ

जाट आरक्षण संघर्ष समिति समिति के संयोजक नेम सिंह फौजदार ने कहा कि अब महापड़ाव को महिलाओं का साथ मिल गया है। आज सुबह सैकड़ों की तादात में महिलाएं हाथों में लाठियां लेकर धरना स्थल पर पहुंची और सरकार की सद्बुद्धि के लिए यज्ञ में आहूति दी। उन्होंने कहा कि कि हम शांतिपूर्ण धरना दे रहे है और यदि सरकार वार्ता के लिए बुलाएगी तो हम तैयार हैं।

22 जनवरी बाद उग्र होगा आंदोलन

साथ ही उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि 22 जनवरी तक मांग नहीं मानने पर हम उग्र आंदोलन करेंगे। क्योंकि 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है। ऐसे में हम किसी तरह का विवाद खड़ा करना नहीं चालते है। लेकिन, 23 जनवरी से आंदोलन उग्र होगा। उन्होंने साफ-साफ कहा कि 23 जनवरी से रेलवे ट्रैक के साथ-साथ नेशनल और स्टेट हाईवे जाम किया जाएगा, जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी।

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2015 में केंद्र सरकार ने खत्म किया था आरक्षण

बता दें कि भरतपुर और धौलपुर के जाटों को केंद्र की सरकारी नौकरियों में आरक्षण दिए जाने की मांग साल 1998 से चली आ रही है। साल 2013 में केंद्र की मनमोहन सरकार ने भरतपुर और धौलपुर जिले के साथ अन्य 9 राज्यों को जाटों को केंद्र में ओबीसी का आरक्षण दिया था। साल 2014 में केंद्र में भाजपा की सरकार बनी तो कोर्ट का सहारा लेकर 10 अगस्त 2015 को भरतपुर-धौलपुर के जाटों को केंद्र में राज्य में ओबीसी आरक्षण खत्म कर दिया था।

23 अगस्त 2017 को वसुंधरा राजे ने दोनों जिलों के जाटों को ओबीसी में आरक्षण दिया, लेकिन केंद्र में नहीं मिला। उल्लेखनीय है कि राजस्थान के बाकी हिस्सों के जाटों को केंद्र में आरक्षण मिलता है। केवल भौगोलिक आधार पर भरतपुर-धौलपुर के जाटों को आरक्षण से वंचित रखा गया है।

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