Jaisalmer में गरजा भारत का 'Konark Gunners', रेगिस्तान में दिखी सेना की ताकत
जैसलमेर- भारत की सैन्य शक्ति का प्रतीक माने जाने वाले 'Konark Gunners' ने जैसलमेर की रेतीली ज़मीन पर अपनी ताकत का प्रदर्शन किया. रेगिस्तान की चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में किए गए इस अभ्यास ने भारतीय सेना की रणनीतिक तैयारी और तकनीकी कुशलता को बखूबी दर्शाया।
धमाकेदार फायर पावर का प्रदर्शन
‘Konark Gunners’ द्वारा किए गए अभ्यास में लंबी दूरी तक मार करने वाले तोपों, अत्याधुनिक रडार सिस्टम और आधुनिक फायर कंट्रोल उपकरणों का उपयोग किया गया. इस दौरान गोलों की गूंज और तोपों की धमक से जैसलमेर का रेगिस्तान थर्रा उठा।
रणनीतिक संदेश भी स्पष्ट
यह अभ्यास न केवल सेना की ताकत दिखाने का माध्यम रहा, बल्कि इसका उद्देश्य दुश्मनों को यह स्पष्ट संदेश देना था कि भारत की सीमा सुरक्षा अडिग और सशक्त है. ‘Konark Gunners’ भारतीय सेना की 17 माउंटेन डिवीजन के अंतर्गत आने वाली एक अत्यंत प्रशिक्षित तोपखाना यूनिट है, जो युद्ध के समय निर्णायक भूमिका निभाने में सक्षम है।
स्थानीय लोगों में उत्साह
सेना के इस शक्ति प्रदर्शन को लेकर स्थानीय नागरिकों और युवाओं में खासा उत्साह देखा गया. उन्होंने गर्व के साथ भारत की सेना की इस गौरवशाली झलक को देखा और देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत हुए।
क्या है 'Konark Gunners'?
‘Konark Gunners’ भारतीय सेना की एक प्रतिष्ठित आर्टिलरी रेजिमेंट है, जो अपने तेज़, सटीक और घातक तोपों की फायरिंग क्षमताओं के लिए जानी जाती है. इसका नाम सूर्य मंदिर 'कोणार्क' से प्रेरित है, जो शक्ति, सटीकता और परंपरा का प्रतीक है।