अलवर: साइबर गिरोह पर शिकंजा कसने गई पुलिस से हाथापाई, भीड़ ने ठग को करवाया फरार, मामला दर्ज
Alwar News: पुलिस मुख्यालय क्राइम ब्रांच की टीम ने अलवर जिले के सदर थाना इलाके के लोहरवाड़ी गांव में डीएसटी के सहयोग से दबिश देकर साइबर ठगी की रकम 6 लाख 93 हजार 500 बरामद की हैं। मामले में थाना सदर पर मुकदमा दर्ज कर अग्रिम कार्रवाई की जा रही है।
गैंग बनाकर साइबर फ्रॉड की वारदातों को दे रहे अंजाम
अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस अपराध दिनेश एमएन ने बताया कि क्राइम ब्रांच के एएसआई बनवारी लाल शर्मा को मुखबिर से सूचना मिली कि अलवर जिले के थाना सदर इलाके में लोहरवारी गांव निवासी मोबिन पुत्र इशाक नाम का युवक गैंग बनाकर साइबर फ्रॉड की वारदातों को अंजाम दे रहा है। सूचना आईजी क्राइम प्रफुल्ल कुमार के सुपरविजन तथा एडिशनल एसपी आशा राम चौधरी एवं राजेश मलिक के नेतृत्व में विकसित की गई।
सेक्सटॉर्शन के जरिए ब्लैकमेल
एडीजी एमएन ने बताया कि सूचना के सत्यापन में सामने आया कि लोहरवाड़ी गांव निवासी मोबिन पुत्र इशाक, शाहरुख पुत्र अख्तर व अख्तर पुत्र रहमान एक गिरोह संचालित कर साइबर अपराध तथा सेक्सटॉर्शन के जरिए ब्लैकमेल कर रुपए ऐंठते हैं। इस पर अलवर डीएसटी को साथ लेकर टीम लोहरवाड़ी गांव पहुंची। रास्ते में तीन युवक आते नजर आए, जिनमें से एक के कंधे पर बैग लटका हुआ था। पुलिस को देख तीनों मुड़कर भागने लगे। पीछा कर एक को पुलिस ने दबोच लिया, दो युवक भागने में सफल हो गए।
6 लाख 93 हजार 500 रुपये बरामद
भागने वाले युवक के कंधे पर कपड़े का एक बैग था, जो मौके पर पटक कर भाग गया था, जिसमे कुल 6 लाख 93 हजार 500 रुपये थे। पकड़े गए युवक ने अपना नाम मुबीन पुत्र इशा निवासी लोहरवाड़ी बताया। भागने वाले शाहरुख और अख्तर थे।
भीड़ ने छुड़ा करवाया फरार
आरोपी को लेकर पुलिस टीम जैसे ही रवाना होने लगी तो काफी भीड़ मौके पर पुलिस की गाड़ी के सामने आ गई। भीड़ ने पुलिस पार्टी के साथ हाथापाई कर काबू में किए आरोपी को जबरन छुड़ा लिया और मौके से फरार करवा दिया।
फरार आरोपियों के पास कई एटीएम कार्ड, मोबाइल और नकदी होने की सीआईडी टीम को सूचना थी। मामले में थाना सदर जिला अलवर में ठगी, पुलिस कर्मियों से मारपीट, राजकार्य में बाधा से संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर फरार आरोपियों की तलाश की जा रही है।
कार्रवाई के दौरान यह लोग रहे शामिल
सोहन सिंह, कांस्टेबल कुलदीप सिंह, अरुण कुमार व चालक सुरेश कुमार की विशेष भूमिका रही, वहीं कांस्टेबल जितेंद्र कुमार का तकनीकी सहयोग रहा। अलवर पुलिस टीम से कांस्टेबल दीन मोहम्मद, देवेंद्र, समुद्र, देवकीनंदन और महिला कांस्टेबल रितु शामिल थी।