आखिर कैसे होंगी भर्तियां! RPSC और चयन बोर्ड में सदस्यों के पद लंबे समय से पड़े हैं खाली
जयपुर। पेपर लीक मामले में कांग्रेस सरकार की किरकिरी के बावजूद भी भर्तियां आयोजित कराने वाली संस्थाओं में पदों को नहीं भरा जा रहा है। हालात यह है कि आरएएस, सब इंस्पेक्टर जैसी भर्तियों के परिणाम जारी होने के बाद इंटरव्यू के लिए बोर्ड नहीं बन पा रहे हैं। इसका कारण यह है कि राजस्थान लोक सेवा आयोग में इंटरव्यू बोर्ड में एक सदस्य का बैठना जरूरी है। यह सदस्य उस बोर्ड के चेयरमैन होंगे, जबकि वर्तमान में अध्यक्ष के अतिरिक्त केवल चार ही सदस्य हैं। ऐसे ही साथ ही सीईटी का परिणाम सहित अन्य बड़ी परीक्षाओं का जिम्मा हैं। लेकिन सदस्यों की कमी से न तो आयोग और ना ही बोर्ड का कार्य ठीक ढंग संचालित हो पा रहा है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि जब भर्ती से जुड़े आयोग और बोर्ड में ही सरकार पद नहीं भर पा रही है तो कैसे भर्ती प्रक्रियाएं हो सकेंगी।
आयोग में होते हैं सात पद
राज्य लोक सेवा आयोग में सदस्यों के तीन पद खाली पड़े हैं। आयोग में एक अध्यक्ष और सात सदस्य होते हैं, लेकिन तीन पद खाली हो चुके हैं। सरकार इन पदों पर नियुक्ति नहीं कर पा रही है। आरपीएससी में अभी संजय क्षोत्रिय अध्यक्ष हैं और उनके अलावा संगीता आर्य, मंजू शर्मा, जसवंत राठी और बाबूलाल कटारा सदस्य हैं।
राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड में दो पद खाली
राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड में भी दो पद खाली पड़े हैं। अशोक गहलोत सरकार ने रिटायर्ड आईपीएस डॉ. हरिप्रसाद शर्मा को चेयरमैन बनाया था। साथ ही जोधपुर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर राम सिंह मीणा और प्रोफेसर इरफान मेहर को दो साल पहले जनवरी में सदस्य मनोनीत किया था, लेकिन अभी भी इसमें सदस्यों के दो पद खाली हैं और आने वाले समय में कर्मचारी चयन बोर्ड के पास कई भर्ती परीक्षाओं के आयोजन की जिम्मेदारी है।
भर्तियों के साथ अन्य काम हो रहे प्रभावित
राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड में लंबे समय से सदस्यों के पद खाली हैं, जिस कारण दोनों संस्थाओं में काम तो प्रभावित हो ही रहा है। पद खाली होने से अन्य सदस्यों पर ज्यादा काम का बोझ भी है। आरपीएससी में सदस्यों के पास साक्षात्कार करने और अन्य काम होते हैं। ऐसे में आयोग में पद खाली होने से पैनल बनाने में दिक्कत आ रही है। इसी तरह कर्मचारी चयन बोर्ड के सदस्यों के पास भी परीक्षा सहित कई काम होते हैं, लेकिन बोर्ड में सिर्फ दो ही सदस्य हैं और दो पदों पर नियुक्ति का इंतजार है। सदस्यों को परीक्षाओं से संबंधित कार्यों का क्रियान्वयन करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
सब इंस्पेक्टर के इंटरव्यू में लगेगा ढाई माह का समय
विश्लेषक जितेन्द्र यादव ने बताया कि अभी तक सब इंस्पेक्टर के केवल 520 अभ्यर्थियों के इंटरव्यू हुए हैं, जबकि 2400 के और होने हैं। जिस गति से इन 520 के इंटरव्यू हुए हैं, उसे देखते हुए लगता है कि ढाई माह का समय और लगेगा। वहीं आरएएस के इंटरव्यू का तो अभी तक शेड्यूल ही जारी नहीं हुआ है। सरकार को आरपीएससी के साथ ही चयन बोर्ड में सदस्य जल्द से जल्द नियुक्त करने चाहिए, ताकि इंटरव्यू समय पर हो सकें ।
आरपीएससी के पूर्व अध्यक्ष शिव सिंह राठौड़ ने कहा कि युवाओं से जुड़ी इन संस्थाओं में सदस्यों की नियुक्ति सरकार को समय पर करनी चाहिए। जिन युवाओं का परिणाम जारी हो चुका है, उनके इंटरव्यू कर तत्काल नियुक्ति देनी चाहिए। समय पर नियुक्ति मिलती है तो युवाओं में जोश बना रहता है। सरकार को चाहिए कि वह तत्काल युवाओं के भविष्य को ध्यान में रखते हुए सदस्यों की नियुक्ति करे।
(रिपोर्टर: अरविंद पालावत)