पाकिस्तानी किसानों का भविष्य खतरे में, रेगिस्तान में बदल जाएगा पूरा देश
जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव का माहौल है। भारत सरकार ने इस आतंकी हमले के बाद सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया। इस निलंबन से पाकिस्तान के सामने एक अभूतपूर्व जल संकट खड़ा हो गया है। पाकिस्तान किसानों की आजीविका खतरे में है। आशंका जताई जा रही है कि खरीफ सीजन में पानी की 21% कमी और चिनाब नदी के सूखने से पाकिस्तान के कृषि क्षेत्र को भारी नुकसान होगा।
पाकिस्तान के शहरों में पेयजल समस्या
भारत के सिंधु जल निलंबन से पाकिस्तान के शहरों में पेयजल की समस्या आ जाएगी क्योकि पाकिस्तान के लगभग 80% शहर सिंधु के जल पर निर्भर है
दशकों तक दोनों देशों के बीच आधार रही है जलसंधि
साल 1960 में विश्व बैंक की मध्यस्थता के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु जल संधि हुई थी। जो दोनों देशों के बीच जल बंटवारे का आधार रही। इसके अंतर्गत सतलुज, रावी और ब्यास नदियों का पानी भारत को, जबकि सिंधु, चिनाब और झेलम नदियों का पानी पाकिस्तान को आवंटित करने पर भारत पाकिस्तान के बीच सहमति हुई थी। लेकिन भारत सरकार ने इस संधि को निलंबित करके पाकिस्तान के कृषि क्षेत्र के सामने बड़ा संकट खड़ा कर दिया है।
पाकिस्तानी किसानों पर संकट
सिंधु जल समझौते के निलंबन के फैसले ने पाकिस्तान के कृषि क्षेत्र खासकर खरीफ सीजन पर गंभीर संकट लाकर खड़ा कर दिया है। चिनाब नदी में पानी की कमी से किसानों को लगभग 21% तक पानी की संभावित कमी से जूझना पड़ सकता है।
पाकिस्तानी किसानों पर प्रभाव
सिंधु नदी प्रणाली पर पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था के साथ ही कृषि भी निर्भर है। पाकिस्तान की लगभग 90% कृषि भूमि की इस प्रणाली से ही सिंचाई होती है। लेकिन अब पानी की कमी से खरीफ की फैसले जैसे धान, मक्का, कपास आदि के उत्पादन में भारी गिरावट आ सकती है।
थार के रेगिस्तान में बदल जाएगा पाकिस्तान
पाकिस्तानी किसानों को यह चिंता सताई जा रही है कि यदि भारत के द्वारा पानी रोका जाता है तो इससे पंजाब और सिंह प्रति में खेत सूखने लगेंगे और यह इलाका थार के रेगिस्तान में बदल जाएगा।