भाजपा की सरकार बनाने में मदद करने वाले दलबदलू हारे
बेंगलुरु। वर्ष 2019 में पाला बदलकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार बनाने में मदद करने वाले 8 विधायकों को कर्नाटक में 10 मई को हुए विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है। कांग्रेस के 13 और जनता दल (सेक्युलर) के तीन विधायकों ने 2019 में कर्नाटक विधानसभा से इस्तीफा दे दिया था, जिससे एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली कांग्रेस और जद (एस) की 14 महीने पुरानी गठबंधन सरकार गिर गई थी। बाद में, स्पीकर द्वारा अयोग्य घोषित किए गए इनमें से 16 विधायक भाजपा में शामिल हो गए।
इनमें से अधिकांश ने 2019 में उपचुनाव लड़ा और जीत हासिल कर बीएस येदियुरप्पा के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार में मंत्री भी बने। शनिवार को जब चुनाव परिणाम घोषित किए गए तो प्रतापगौड़ा पाटिल मस्की निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस के बसनगौड़ा तुर्विहाल से 13,053 मतों से हार गए। बीसी पाटिल (हिरेकेरूर) को कांग्रेस के उजनेश्वर बसवनप्पा बनाकर से 15,020 मतों से हार का सामना करना पड़ा।
स्वास्थ्य मंत्री साढ़े 10 हजार वोटों से हारे
स्वास्थ्यमंत्री डॉ. के सुधाकर (चिक्काबल्लापुरा) को कांग्रेस उम्मीदवार प्रदीप ईश्वर से 10,642 मतों से हार मिली। एमटीबी नागराज (होस्कोटे) को कांग्रेस उम्मीदवार शरथ कुमार बाचेगौड़ा से 5,150 मतों से हार मिली, जबकि श्रीमंत पाटिल (कगवाड) को कांग्रेस के बलरामपुरौडा अलगौड़ा कागे ने 8,827 मतों से हराया। महेश कुमाथल्ली (अथानी सीट) को लक्ष्मण सावदी ने 76,122 मतों के अंतर से हराया। सावदी ने भाजपा छोड़कर चुनाव से पहले कांग्रेस का दामन लिया था। केसी नारायण गौड़ा (के आर पेट) और आर शंकर (रानीबेन्नूर) भी चुनाव हार गए और वे अपने निर्वाचन क्षेत्रों में तीसरे स्थान पर रहे।
आनंद सिंह के बेटे की भी हार
भाजपा ने विजयनगर निर्वाचन क्षेत्र से सिद्धार्थ सिंह ठाकुर को मैदान में उतारा था। वह मंत्री आनंद सिंह के बेटे हैं। आनंद सिंह भी पाला बदलने वाले विधायकों में शुमार थे। उन्हें एचआर गवियप्पा से 33,723 मतों से हार का सामना करना पड़ा। रोशन बेग और एएच विश्वनाथ ने इस बार चुनाव नहीं लड़ा था। हालांकि, शिवराम हेब्बार (येलापुर), एसटी सोमशेखर (यशवंतपुर), बिराती बसवराज, एन मुनिरत्ना (आर आर नगर), रमेश जारकीहोली और के गोपालैया ने चुनाव में जीत दर्ज की।