For the best experience, open
https://m.sachbedhadak.com
on your mobile browser.

अजब-गजब: महिला की बच्चेदानी से गायब था बच्चा, डिलीवरी करने पहुँचे डॉक्टर के उड़े होश,जाने पूरा माजरा

09:16 PM Sep 28, 2024 IST | Ravi kumar
अजब गजब  महिला की बच्चेदानी से गायब था बच्चा  डिलीवरी करने पहुँचे डॉक्टर के उड़े होश जाने पूरा माजरा
Advertisement

अजब-गजब: भारत-पाकिस्तान की सीमा पर बसे बाड़मेर के एक प्राइवेट अस्पताल में हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है जहां प्रसव के ऑपरेशन के दौरान डॉक्टरों की टीम के होश उड़ गए। जब उन्होंने देखा कि महिला के बच्चेदानी में बच्चा ही नहीं है ऐसा के सिर्फ करोड़ों में एक होता है।

दरअसल बाड़मेर के चौहटन तहसील के बींजासर की रहने वाली लीला देवी की तबियत चौहटन के एक अस्पताल में बिगड़ने के बाद उसे जिला मुख्यालय के शिव अस्पताल लाया गया जहाँ ऑपरेशन के दौरान चिकित्सकीय टीम को एक्टोपिक प्रेगनेंसी का केस नजर आया जोकि करोड़ो में से एक होता है, ऐसे में अस्प्ताल की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर मंजू बामनिया ने डॉक्टर स्नेहल कटुडिया और डॉक्टर हरीश सेजू की मदद से लीला का ऑपरेशन किया है.

इस तरह के मामलों में माँ की जान बचना भी बेहद मुश्किल होता है ऐसे में बेहद बारीकी से ऑपरेशन को अंजाम देकर लीला की जान को बचाया गया है. अस्पताल प्रबंधक डॉक्टर मंजू बामनिया ने बताया कि अगर गर्भाशय के बाहर बच्चा ठहरता है और बच्चा 8 महीने तक जीवित रहता है,तो उसे एब्डोमिनल प्रेगनेंसी कहा जाता है.

इस तरह के मामले भी लाखों में एक होते है और इसी के एक अन्य प्रकार जिसे एक्टोपिक प्रेगनेंसी कहा जाता है,यह बेहद दुर्लभ और असामान्य प्रकार है. लीला के भी यही दुर्लभतम मामला था जिसे समय रहते डॉक्टरों ने बचा लिया है,हालांकि अस्पताल पहुँचने से पहले ही बच्चे की मौत हो चुकी थी लेकिन बाड़मेर के चिकित्सकों ने मेहनत कर माँ की जान को बचा ही लिया है.

एब्डोमिनल प्रेगनेंसी जिसे पेट में गर्भावस्था भी कहा जाता है, एक बहुत ही दुर्लभ और खतरनाक प्रकार की एक्टोपिक प्रेगनेंसी होती है, जहां भ्रूण गर्भाशय के बाहर, पेट के अंदर के अंगों (जैसे आंतों, लीवर, या अन्य अंगों) पर विकसित होता है। यह स्थिति तब उत्पन्न होती है जब फेलोपियन ट्यूब में गर्भाधान के बाद भ्रूण गर्भाशय तक पहुंचने में असफल रहता है और पेट के किसी हिस्से से जुड़ जाता है।

.