सुकन्या समृद्धि योजना से करे बेटियों का भविष्य उज्जवल
मोदी सरकार द्वारा शुरू की गई सुकन्या समृद्धि योजना अब लाखों बालिकाओं के लिए अपने जीवन में आगे बढ़ने का रास्ता खोल रही है। सुकन्या समृद्धि योजना की शुरुआत आज से दस वर्ष पूर्व बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के रूप में 22 जनवरी 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई थी।
सुकन्या समृद्धि योजना के 10 वर्ष पूरे
सुकन्या समृद्धि योजना को 10 वर्ष पुरे हो चुके हैं, जो परिवारों को अपनी बेटियों के उज्ज्वल भविष्य में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करती है, यह समावेश और प्रगति की संस्कृति को बढ़ावा देती है। इस योजना के तहत नवंबर 2024 तक 4.1 करोड़ से अधिक सुकन्या समृद्धि खाते खोले जा चुके हैं।
जानते हैं कि सुकन्या समृद्धि योजना कैसे काम करती है-
बैंक में खाता खोलना
अभिभावक बालिका के जन्म के तुरंत बाद से लेकर उसके 10 वर्ष की आयु होने तक खाता खोल सकते हैं। कोई भी बालिका जो भारत की निवासी है, वह इस योजना का लाभ ले सकती है। प्रत्येक बालिका के लिए केवल एक खाता खोला जा सकता है। जबकि माता-पिता अपनी बालिकाओं के लिए अधिकतम दो खाते खोल सकते हैं। हालांकि, जुड़वां या तीन बच्चे होने की स्थिति में अधिक खाते खोलने की छूट है। खाते को भारत में कहीं भी स्थानांतरित किया जा सकता है।
खाता खोलने के लिए निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होती है
-सुकन्या समृद्धि खाता खोलने का फॉर्म
-बालिका का जन्म प्रमाणपत्र
-पहचान प्रमाण (आरबीआई केवाईसी दिशानिर्देशों के अनुसार)
-निवास प्रमाण (आरबीआई केवाईसी दिशानिर्देशों के अनुसार)
आवश्यक जमा राशि
यह योजना माता-पिता को किसी भी डाकघर या कुछ चुनिंदा बैंको की शाखा में सुकन्या समृद्धि खाता के नाम से खोला जा सकता है। इसके लिए न्यूनतम 250 रुपये जबकि अधिकतम 1.5 लाख रुपए वार्षिक जमा कराये जा सकते हैं।
खाते का प्रबंधन
अभिभावक बालिका के खाते का प्रबंधन तब तक किया जा सकता है जब तक बालिका 18 वर्ष की आयु तक नहीं पहुंच जाती हैं। 18 वर्ष की आयु के बाद बालिका आवश्यक दस्तावेज जमा करके स्वयं खाते का नियंत्रण ले सकती है।
खाते की परिपक्वता
खाताधारक के खाता खोलने की तिथि से इक्कीस वर्ष पूरे होने पर खाता परिपक्व हो जाता है।
हालांकि, कुछ विशेष परिस्थितियों में समय से पहले भी खाता बंद किया जा सकता है खासकर तब जब खाताधारक बालिका 18 साल से अधिक आयु की हो और शादी करना चाहती हो। ऐसे मामलों में, खाताधारक को आवश्यक दस्तावेज जमा कराने होंगे। विवाह की स्थिति में एक माह पूर्व संबंधित बैंक को जानकारी देनी होगी।
निकासी
खाताधारक बालिका विशेष रूप से शैक्षिक उद्देश्यों के लिए राशि के पचास प्रतिशत तक की निकासी के लिए आवेदन कर सकती है। यह निकासी तभी स्वीकार्य है जब खाताधारक 18 वर्ष की हो जाए या दसवीं कक्षा पूरी कर ले, जो भी पहले हो।
समय से पहले बंद करना
खाताधारक की दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु की स्थिति में, मृत्यु प्रमाणपत्र जमा कराकर खाता तुरंत बंद किया जा सकता है। मृत्यु की तारीख तक शेष राशि और अर्जित ब्याज अभिभावक को दिया जाएगा। इसके अलावा खाताधारक किसी चिकित्सा समस्याओं में हो या अभिभावक की मृत्यु हो गई हो । जैसी परिस्थितियों में खाता बंद किया जा सकता हैं।
निष्कर्ष
सुकन्या समृद्धि योजना भारत में बालिकाओं के बेहतर भविष्य को सुरक्षित करने के उद्देश्य से एक परिवर्तनकारी पहल है। इस योजना में परिवारों में वित्तीय सहायता देना। और शिक्षा तथा सशक्तिकरण को बढ़ावा देना हैं । ताकि बालिकाओं का बेहतर भविष्य सुनिश्चित किया जा सके।