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राजसमंद के इस शिक्षक को बैंड बाजे के साथ बिंदोरी निकाल विद्यार्थियों ने दी विदाई,टीचर को गुरू दक्षिणा में बाइक भी की गिफ्ट

10:13 AM Sep 02, 2024 IST | Anand Kumar

राजस्थान का एक ऐसा शहर जहां किसी शिक्षक के रिटायरमेंट पर बकायदा विद्यार्थियों से लेकर गांव वालों तक में गजब का उत्साह देखा गया। विद्यार्थियों और गांव के लोगो ने शिक्षक के रिटायरमेंट को बडा ही यादगार बनाने काम भी किया। शिक्षक को बकायदा विदाई समारोह में टीचर को घोड़े पर बैठाकर बैंड बाजे के साथ बिंदौरी निकाली। टीचर को गुरु दक्षिणा में बाइक गिफ्ट की। अपने विद्यार्थियों और गांव के लोगो से मिले इस प्यार और सम्मान के चलते जिससे शिक्षक सत्यनारायण शर्मा के चेहरे पर भी खुशी के आंसु तक छलक आए।

दोवड़ा गांव में मिली थी पहली पोस्टिंग

दरअसल, टीचर सत्यनारायण शर्मा राजसमंद के आगल गांव के गवर्नमेंट सेकेंडरी स्कूल से 31 अगस्त को प्रिंसिपल के पद से रिटायर हुए। उनकी पहली पोस्टिंग साल 1993 में राजसमंद के दोवड़ा गांव के गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल में ग्रेड थर्ड टीचर के तौर पर थी। यहां उन्होंने आठ साल सेवाएं दी थीं।

शिक्षक की ऐसी शिक्षा के विद्यार्थी उच्च पदो पर दे रहे सेवाएं

शिक्षक की बेहतर शिक्षा का ही नतीजा है कि आज उनके विद्यार्थी उच्च पदो पर अपनी सेवाएं तक दे रहे है। दोवड़ा गांव के स्कूल में पढ़ाए उनके स्टूडेंट आज सीआई, एसआई और पटवारी के पद पर हैं। दोवड़ा गांव के लोग सत्यनारायण शर्मा का काफी सम्मान करते हैं। यही वजह है कि दोवड़ा गांव के लोगों ने उन्हें रिटायर होने पर फूल मालाएं पहनाईं। बिंदौरी निकालते हुए गांव तक लेकर आए और उनका आभार जताया। ग्रामीणों ने उनके रिटायरमेंट पर पूरे गांव को दावत दी। पहली बार किसी शिक्षक के रिटायरमेंट पर इस तरह का नजारा देखने को मिला।

गांव को परिवार की तरह माना

ग्रामीणों की माने तो दोवड़ा गांव के स्कूल में 8 साल के अध्यापन कार्य और 31 साल के निवास के बाद सत्यनारायण शर्मा यहां के लोगों के दिलों में बस गए। वे बहुत ही मिलनसार हैं। हर छात्र से उनका लगाव है। ऐसे में दोवड़ा गांव के लोगो और स्टूडेंट्स ने उनका आभार प्रकट करने के लिए धूमधाम से विदाई समारोह का आयोजन किया। उन्होंने पूरे गांव को परिवार की तरह माना।

यह रहा शिक्षक का कार्यकाल

शिक्षक सत्यनारायण शर्मा जो कि अलवर जिले में राजगढ़ के तालाब गांव के रहने वाले हैं। शिक्षा विभाग में 29 साल की उम्र में नौकरी लगने के बाद 1993 में फर्स्ट पोस्टिंग के लिए दोवड़ा गांव आए। यहां उन्होंने गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल में बतौर ग्रेड थर्ड टीचर जॉइन किया। 2001 तक इसी स्कूल में पढ़ाया। इसके बाद 9 साल गवर्नमेंट सेकेंडरी स्कूल, भाकरोदा और 14 साल आगल के गवर्नमेंट सेकेंडरी स्कूल में सेवाएं दीं। ये स्कूल दोवड़ा गांव के आसपास के इलाकों में हैं।

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