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SDRF का 'ऑपरेशन जिंदगी', 17 घंटे...30 फीट की खुदाई के बाद बनी सुरंग, ऐसे बची नीरू की जान

03:07 PM Sep 19, 2024 IST | Digital Desk

DAUSA NEWS: दौसा जिले के बांदीकुई थाना अंतर्गत जोधपुरिया गांव में बुधवार शाम 5:00 बजे एक बोरवेल के समीप बने 35 फीट गहरे गड्ढे में खेलते समय गिरी 2 साल की मासूम नीरू गुर्जर को एसडीआरएफ एवं एनडीआरएफ की टीम ने संयुक्त ऑपरेशन कर सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया है।

खेलते समय गिर गई थी नीरू

एसडीआरएफ के कमाण्डेन्ट राजेंद्र सिंह सिसोदिया ने बताया कि बुधवार शाम करीब 5:20 बजे सूचना मिली कि जोधपुरिया गांव में एक दो साल की मासूम बच्ची नीरू गुर्जर एक 600 फीट गहरे बोरवेल के पास बने 35 फीट गहरे गड्ढे में खेलते समय गिर गई। बच्ची 30 फीट की गहराई पर फंसी हुई है। सूचना मिलते ही एसडीआरएफ जी कम्पनी की रिजर्व पुलिस लाईन जिला दौसा में तैनात रेस्क्यू टीम के प्रभारी हैड कांस्टेबल इन्द्रजीत कुलदीप को अविलम्ब घटना स्थल के लिए रवाना होने के निर्देश दिए गये।

स्पेशल टीम पहुंची

एसडीआरएफ के एडीजी अनिल पालीवाल के निर्देशानुसार बटालियन मुख्यालय गाडोता से बोरवेल रेस्क्यू उपकरणों के साथ बोरवेल का प्रशिक्षण प्राप्त जवानों की एक्सपर्ट टीम को घटनास्थल के लिए रवाना किया। साथ ही अजमेर में स्थित एनडीआरएफ के सहायक कमाण्डेन्ट योगेश मीणा से सम्पर्क कर रेस्क्यू टीम को घटनास्थल पर भेजने का अनुरोध किया।

रेस्क्यू टीम में ये जवान रहे शामिल

रेस्क्यू टीम प्रभारी 10 जवानों की टीम तथा आपदा राहत उपकरणों के साथ सांय 07ः15 बजे घटनास्थल पर पहुँचे। टीम कमाण्डर ने स्थिति का जायजा लिया। टीम कमाण्डर के निर्देश पर रेस्क्यू टीम के जवानों संदीप कुमार, बजरंग लाल, मदन, प्रदीप दान, रामप्रताप, सुनील कुमार, नरसी राम, मनोहर सिंह, मनोज कुमार, राकेश कुमार, रामरख, भागीरथ सिंह तथा कृष्ण कुमार ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया।

कुछ समय के पश्चात अजमेर से एनडीआरएफ की एक रेस्क्यू टीम सहायक कमाण्डेन्ट योगेश मीणा के नेतृत्व में घटना स्थल पर पहुँची। सबसे पहले रेस्क्यू टीमों ने बोरवेल में वीएलसी कैमरा डाल कर बच्ची पर निगरानी रख ऑक्सीजन सप्लाई पहुँचाई। स्थानीय प्रशासन द्वारा बोरवेल से 15 फीट की दूरी पर जेसीबी एवं एलएनटी मशीनों की मदद से खुदाई का कार्य जारी रखा।

30 फीट की खुदाई के बाद बनाई सुरंग

दोनों रेस्क्यू टीमों ने स्वनिर्मित उपकरणों एवं रोप से लूप बनाकर बच्ची को रेस्क्यू करने का प्रयास किया। लगातार प्रयास करने के बाद सफलता नहीं मिलने पर कमाण्डेन्ट सिसोदिया के निर्देशानुसार सुरंग से बालिका को जीवित रेस्क्यू करने की योजना बनाई। समय-समय पर बालिका को बोतल से पानी व दूध पीने के लिए दिया गया। जेसीबी मशीनों से करीब 30 फीट की खुदाई करने के बाद सुरंग बनाने का कार्य शुरू किया गया।

17 घंटे बाद सफल हुआ रेस्क्यू

खोदे गये गड्डे से बालिका तक पहुँचने के लिए 03 फीट चौड़े कंक्रीट पाईप के जरिये सुरंग खोदने का कार्य शुरू किया गया। 20 फीट लम्बा पाईप डालने के बाद भी बालिका तक नहीं पहुँच पाये तो एसडीआरएफ के दो जवानों संदीप कुमार तथा बजरंग लाल ने 20 फीट सुरंग से आगे खुदाई का कार्य शुरू किया। 03 फीट और खुदाई करने के बाद दोनों जवानों को प्रातः करीब 10ः10 बजे सफलता प्राप्त हुई। दोनों जवानों ने 23 फीट लम्बी सुरंग से 35 फीट की गहराई में फंसी 02 वर्षीय बालिका नीरू पुत्री राहुल गुर्जर को सुरक्षित बाहर निकाल लिया।

एसडीआरएफ टीम के जवानों ने संयुक्त रेस्क्यू ऑपरेशन से बोरवेल में गिरी बालिका को जीवित बचाकर साहस, शौर्य, बहादूरी एवं कौशल का परिचय तो दिया ही साथ ही एसडीआरएफ के स्लोगन को पूर्णरूप से चरितार्थ किया है।

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