होमइंडिया
राज्य | राजस्थानमध्यप्रदेशदिल्लीउत्तराखंडउत्तरप्रदेश
मनोरंजनटेक्नोलॉजीस्पोर्ट्स
बिज़नेस | पर्सनल फाइनेंसक्रिप्टोकरेंसीबिज़नेस आईडियाशेयर मार्केट
लाइफस्टाइलहेल्थकरियरवायरलधर्मदुनियाshorts

'सरकार में अहंकार आ गया है'...Right To Health बिल को लेकर सतीश पूनिया ने CM गहलोत को भेजा पत्र

05:01 PM Mar 28, 2023 IST | Jyoti sharma

जयपुर। राइट टू हेल्थ बिल (Right To Health) को लेकर प्रदेश में निजी डॉक्टर्स का आंदोलन जारी है। इस प्रदर्शन को आज 11 दिन हो गए। जिससे राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था बुरी तरह चरमरा गई है। इस आंदोलन को लेकर और बिगड़ती हुई स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लेकर पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने CM अशोक गहलोत को पत्र लिखा है और यह गतिरोध जल्द खथ्म कराने की मांग की है।

मीडिया से बातचीत में उन्होंने कांग्रेस सरकार पर निशाना भी साधा है। उन्होंने कहा कि सरकार अहंकार में है, उसको इस समय चाहिए कि इस अहंकार को त्याग कर इस समस्या के समाधान का रास्ता निकाले।

इस पत्र में उन्होंने लिखा कि प्राईवेट अस्पतालों के चिकित्सकों के हड़ताल-प्रदर्शन से आमजन को स्वास्थ्य लाभ के लिए इधर – उधर भटकना पड़ रहा है और गंभीर मरीजों के समक्ष संकट उत्पन्न हो गया है। इन प्राईवेट अस्पतालों के चिकित्सकों के समर्थन में अखिल भारतीय सेवारत चिकित्सा संस्थान ने 29 मार्च को सामूहिक अवकाश पर रहने का फैसला लिया है। जिसके कारण प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं पूर्णतया ठप्प होने का अंदेशा है। इसलिए आप चिकित्सक वर्ग के साथ सामन्जस्य स्थापित कर उचित समाधान निकालें जिससे आम जन को राहत मिल सके।

अस्पताल में तड़प रहे हैं मरीज

इधर मीडिया से बातचीत में पूनिया ने कहा कि निजी डॉक्टर्स को आज आंदोलन करते हुए 11 दिन हो गए हैं लेकिन फिर भी सरकार कुछ नहीं कर पा रही है। अस्पतालों में मरीज तड़प रहे हैं, उन्हें इलाज नहीं मिल रहा है। कई मरीजों कि तो जान तक खतरे में है। फिर भी सरकार का दिल नहीं पसीजा रहा है। पूनिया ने कहा कि अगर इस बिल को लेकर सरकार की नीयत सही होती तो यह हालात ही नहीं बनते।

सरकार डॉक्टरों से बात क्यों नहीं कर रही है। अगर बात करेगी तो एक गतिरोध खत्म हो जाएगा। पूनिया ने कहा कि इस सरकार में आज अहंकार भर गया है। यह समय है कि अहंकार को त्याग कर वह जनसेवा को आगे बढ़े और डॉक्टरों से बैठकर बातचीत करे। यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां 24 घंटे डॉक्टरों की आवश्यकता पड़ती है।

ये सरकार की हठधर्मिता है

पूनिया ने कहा कि पक्ष और विपक्ष दोनों ही इस बिल के एकमत है लेकिन जिस तरह से निजी डॉक्टर्स विरोध कर रहे हैं उसे देखते हुए ऐसा लगता है कि कहीं ना कहीं बिल में कमी रह गई है। सरकार को चाहिए कि उस कमी को पूरा करें और इस आंदोलन को खत्म करे। पूनिया ने कहा कि प्रदेश के स्वास्थ्य इंतजाम बिगड़ रहे हैं लेकिन यह तो सरकार की हठधर्मिता है कि वह डॉक्टर से बात ही नहीं कर रही है।

पूनिया ने कहा कि अगर हालात ऐसे ही रहे तो राज्य को स्वास्थ्य क्षेत्र में बेहद परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। यहां सवाल आम जिंदगीयों का है क्योंकि हर जान कीमती है। इसलिए इस गतिरोध को जल्द से खत्म होना चाहिए।

Next Article