Right To Health Bill: संशोधन की सहमति के बाद भी विरोध जारी, बैठक से पहले चिकित्सक करेंगे आंदोलन
जयपुर। प्रदेश में आमजन के सेहत के लिए लाया जा रहा राइट टू हेल्थ बिल में संशोधन की सहमति के बाद भी निजी अस्पतालों और चिकित्सकों का विरोध जारी है। आगामी रणनीति के तहत राज्य स्तर पर जाॅइंट एक्शन कमेटी का गठन किया गया है। ऐसे में 11 फरवरी को होने जा रही प्रवर समिति की बैठक से पहलेप्रदेशभर में तीन दिन आंदोलन की चेतावनी दी है।
जिसके तहत मंगलवार को प्रदेश के सभी जिलों में डॉक्टर्स ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों को बिल के विरोध में ज्ञापन दिया। कमेटी के अध्यक्ष डॉ. सुनील चुग ने कहा कि प्रस्तावित बिल से चिकित्सक समुदाय के नैसर्गिक और संवैधानिक अधिकारों का भी हनन होगा। इसलिए बुधवार 8 फरवरी को स्थानीय विधायक व सांसद को ज्ञापन सौंपे जाएंगे।
9 फरवरी को जिला स्तर पर सुबह 9 से दोपहर 12 बजे तक कार्य बहिष्कार एवं प्रेस वार्ता की जाएगी। 10 फरवरी को जिला व तहसील स्तर पर कैंडल मार्च निकाले जाएंगे। 11 फरवरी को होने वाली प्रवर समिति की बैठक में डॉक्टरों के सुझाव सुनने के बाद उन पर कमेटी चर्चा करके उनके सुझावों को बिल में शामिल करने पर विचार करेगी। उसके बाद बिल को पास करने की कार्रवाई की जाएगी।
डॉक्टरों ने किया सद्बुद्धि यज्ञ
राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के बैनर तले चिकित्सकों ने मंगलवार को सीकर जिला कलेक्ट्रेट के बाहर सरकार की सद्बुद्धि के लिए यज्ञ किया। यज्ञ में आहुतियां देकर राइट टू हेल्थ बिल को वापस लेने व राज्य सरकार को सद्बुद्धि देने की कामना की गई।
इसी के तहत बुधवार को मैराथन का आयोजन होगा और साईकिल रैली निकाली जाएगी और उसके बाद भी अगर मांग नहीं मानी गई तो आगे की रणनीति बनाई जाएगी। इसको लेकर आईएमए के अध्यक्ष डॉ. रामदेव चौधरी ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से स्वास्थ्य का अधिकार अधिनियम के लागू होने से चिकित्सकों व आमजन के बीच विवाद की स्थिति पैदा हो जाएगी और प्रदेश में अराजकता का माहौल बनने की आशंका हो जाएगी।