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राम मंदिर, अनुच्छेद-370, हिंदुत्व व मोदी की गारंटी…क्या इन मुद्दों के सहारे 2024 में BJP लगाएगी जीत की हैट्रिक?

राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में बीजेपी की प्रंचड जीत की हैट्रिक के बाद अब साल 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर चर्चा शुरू हो गई है।
01:11 PM Dec 12, 2023 IST | Anil Prajapat
राम मंदिर  अनुच्छेद 370  हिंदुत्व व मोदी की गारंटी…क्या इन मुद्दों के सहारे 2024 में bjp लगाएगी जीत की हैट्रिक

Lok Sabha Election-2024 : नई दिल्ली। राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में बीजेपी की प्रंचड जीत की हैट्रिक के बाद अब साल 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर चर्चा शुरू हो गई है। एक तरफ विपक्षी गठबंधन 'INDIA' ने मोदी को रोकने के लिए पूरी तरह से कमर कस ली हैं, तो दूसरी ओर बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में जीत की हैट्रिक के लिए तैयारी शुरू कर दी है। ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि मिशन-2024 के लिए बीजेपी का एजेंडा क्या हो सकता है?

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हाल ही में 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए थे। जिनमें से हिंदी पट्टी के तीन राज्य राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में मोदी की गारंटी वाला दांव काफी सफल रहा। ऐसे में माना जा रहा है कि बीजेपी लोकसभा चुनाव में भी मोदी की गांरटी पर दांव लगा सकती है। साथ ही राम मंदिर और अनुच्छेद 370 के मुद्दे को भी भुनाने की कोशिश करेगी। इसके अलावा नारी शक्ति वंदन अधिनियम के सहारे भी वोटर्स को लुभाया जा सकता है। लेकिन, यह तो साफ है कि बीजेपी ने 2024 का एजेंडा सेट कर दिया है।

क्या 2024 में इन मुद्दों के सहारे बीजेपी लगाएगी जीत की हैट्रिक?

  1. राम मंदिर : अयोध्या में राम मंदिर बनवाने के वादे के साथ ही बीजेपी साल 2014 में सत्ता में आई थी। इसके बाद साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी ने राम मंदिर के मुद्दे को अपने घोषणा पत्र में शामिल किया था। अब अगले साल 22 जनवरी को राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है। ऐसे में माना जा रहा है कि बीजेपी इस मुद्दे को उठाकर अब 2024 के लोकसभा चुनाव में पूरे देश में माहौल बनाने की कोशिश करेगी।

2. अनुच्छेद 370 : केंद्र की मोदी सरकार ने ही जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35 ए हटाया था। ये दोनों विधेयकों के कारण जम्मू-कश्मीर के विकास में रोड़े अटके हुए थे। लेकिन, इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई थी। ऐसे में अब इस पर भी सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ चुका है कि केंद्र सरकार के फैसला संवैधानिक था या नहीं? सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को पूर्ववर्ती राज्य जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को रद्द करने के 2019 के फैसले को सर्वसम्मति से बरकरार रखा है।

3. हिंदुत्व का मुद्दा : वैसे तो बीजेपी यही नारा देती है कि सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास। लेकिन, हाल ही में 5 राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने हिंदुत्व का मुद्दा उठाया और तीन राज्यों में हैट्रिक लगाने में सफलता भी मिली। ऐसे में माना जा रहा है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी की रणनीति हिंदुत्व को धार देने की होगी।

4. मोदी की गारंटी : बीजेपी ने पिछले दो लोकसभा चुनाव तो मोदी के चेहरे पर लड़ा था। लेकिन, माना जा रहा है इस बार बीजेपी मोदी की गारंटी के सहारे जीत की हैट्रिक लगा सकता है। क्योंकि बीजेपी ने राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में मोदी की गारंटी का दांव चला था और सफलता भी मिली थी। खास बात ये रही थी कि नेताओं के साथ-साथ पीएम मोदी ने भी चुनावी सभाओं में गारंटी का वादा किया था। ऐसे में माना जा रहा है कि इस बार लोकसभा चुनाव मोदी के चेहरे के साथ-साथ मोदी की गांरटी को बीजेपी अपने एजेंडे में शामिल कर सकती है।

5. ओबीसी वोटर्स पर फोकस : कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी पार्टियां लगताार बीजेपी को जातिगत जनगणना के मुद्दे पर घेर रही हैं। लेकिन, विपक्ष की रणनीति को काउंटर करने के लिए बीजेपी ने ओबीसी वोटर्स को लुभाने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए ओबीसी चेहरों पर फोकस के साथ ही बीजेपी इनसे जुड़े मुद्दों पर जोर देने में जुटी हुई है। बीजेपी महिला आरक्षण से लेकर उज्ज्वला योजना और जनधन खाते के सहारे महिला वोट बैंक बढ़ाने की रणनीति बना सकती है। इसके अलावा युवाओं और किसानों को भी अपने पाले में लाने की कोशिश की जा रही है।

6. केंद्र की योजनाओं पर फोकस : बीजेपी ने अलग-अलग योजनाओं के लाभार्थियों का एक वोट बैंक खड़ा कर लिया है। आम लोगों के लिए केंद्र सरकार की ओर से पीएम जनधन योजना, उज्ज्वला योजना, प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना, प्रधानमंत्री सौभाग्य योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, पीएम किसान सम्मान निधि, हर घर नल योजना, आयुष्मान भारत, स्वच्छ भारत मिशन, सुकन्या समृद्धि योजना सहित कई योजनाएं चलाई जा रही है। माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव में योजनाओं के लाभार्थियों पर भी विशेष फोकस रहेगा। विकसित भारत संकल्प यात्रा जैसी यात्राओं को इसी रणनीति का हिस्सा बताया जा रहा है।

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