Rajgarh-Laxmangarh Vidhan Sabha: राजगढ़-लक्ष्मणगढ़ में प्रत्याशियों की भरमार! क्या होगा चतुष्कोणीय मुकाबला
Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान में विधानसभा चुनावों का आगाज हो गया है जहां सूबे की 200 सीटों पर एक चरण में 23 नवंबर को मतदान होगा और 3 दिसंबर को मतगणना के बाद नतीजे जारी किए जाएंगे। बीजेपी-कांग्रेस सहित सभी राजनीतिक दलों ने तैयारी शुरू कर दी है।
लेकिन, इस बार राजस्थान में किसकी सरकार बनेगी, ये तो चुनाव के नतीजे आने के बाद भी पता चल पाएगा। लेकिन, राजस्थान की एक ऐसी विधानसभा सीट है जहां कभी त्रिकोणीय, कभी चतुष्कोणीय और पंचकोणीय मुकाबले हुए हैं। लेकिन, इसके बाद भी सबसे ज्यादा जीत का रिकॉर्ड कांग्रेस के नाम है। हम बात कर रहे है अलवर जिले की 11 विधानसभा सीटों में से एक राजगढ़-लक्ष्मणगढ़ विधानसभा सीट की।
समरथ लाल मीणा के नाम रिकॉर्ड
राजगढ़-लक्ष्मणगढ़ विधानसभा क्षेत्र से सर्वाधिक जीत का रिकॉर्ड समरथ लाल मीणा के नाम है. उन्होंने कुल पांच बार जीत हासिल की, जिसमें से एक बार कांग्रेस के टिकट पर, एक बार निर्दलीय और तीन बार बीजेपी के टिकट पर उन्होंने जीत हासिल की। इस सीट से गोलमा देवी ने भी जीत हासिल की है।
जातीय समीकरण
इस सीट पर 50 फीसदी से ज्यादा आबादी मीना जनजाति की है। इसके बाद एससी और ब्राह्मण समुदाय का भी अच्छा प्रभाव है। इसके अलावा मेव मुस्लिम, गुर्जर, राजपूत और वैश्य समुदाय भी अपना राजनीतिक प्रभाव रखते हैं।
जौहरी लाल मीना ने जीता मुकाबला
2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जौहरी लाल मीना को टिकट दिया, जबकि बीजेपी से समरथ लाल के बेटे विजय समर्थ लाल को टिकट मिला, जबकि बसपा ने भी बाना राम मीना को टिकट दिया। सपा के सूरजभान को एक बार फिर टिकट मिला। इस चुनाव में कांग्रेस के जौहरी लाल मीना को 82,876 वोट मिले और इसी के साथ जौहरी लाल मीना की जीत हुई। बीजेपी के विजय समर्थ दूसरे और बीएसपी के बाना राम मीना तीसरे स्थान पर रहे।
अभी मुकाबला त्रिकोणीय, आगे स्थिति और बदलेगी
2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से 28 नेताओं ने इस सीट से अपनी दावेदारी पेश की है। जिसमें प्रमुख दावेदार वर्तमान विधायक जौहरी लाल मीणा हैं। इसके अलावा उम्मेद लाल मीना, हरिकिशन मीना और राहुल कुमार जैसे नाम भी शामिल हैं। वहीं, समरथ लाल मीना की अगली पीढ़ी यानी विजय मीना भी चुनाव मैदान में बीजेपी से टिकट मांग रहे हैं। हालांकि पिछले चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। इसके अलावा समाजवादी पार्टी ने सूरजभान धानका को टिकट देकर एक बार फिर मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है।