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Rajasthan Prison Bill-2023 : जेल में 129 साल पुराने कानून बदलेंगे, सभी जेलों में लगेंगे जैमर 

प्रदेश की 96 प्रतिशत जेलों में वीसी के माध्यम से पेशी की सुविधा उपलब्ध है और जल्द ही शेष जेलों में भी यह सुविधा स्थापित कर ली जाएगी।
07:24 AM Jul 19, 2023 IST | Anil Prajapat
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Rajasthan Prison Bill-2023 : जयपुर। कारागार मंत्री टीकाराम जूली ने कहा कि वर्तमान में राज्य में 129 वर्ष पुराना प्रशासन एवं प्रबंधन कारागार अधिनियम–1894 एवं 63 वर्ष पुराना राजस्थान बंदी अधिनियम–1960 प्रभावी है। इन अधिनियमों में समय-समय पर किए गए विभिन्न संशोधनों को मिलाकर राजस्थान कारागार विधेयक-2023 लाया गया है।

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यह विधेयक बंदियों के साथ ही जेलों में कार्यरत अधिकारियों- कर्मचारियों के लिए कार्य करेगा। मंगलवार को विधानसभा में राजस्थान कारागार विधेयक– 2023 पर हुई चर्चा के बाद जूली अपना जवाब दे रहे थे। विधेयक पर चर्चा के बाद सदन ने विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया।

96 प्रतिशत जेलों में वीसी की सुविधा

जूली ने बताया कि जेलों में सुविधाओं का विस्तार तीव्र गति से किया जा रहा है। प्रदेश की 96 प्रतिशत जेलों में वीसी के माध्यम से पेशी की सुविधा उपलब्ध है और जल्द ही शेष जेलों में भी यह सुविधा स्थापित कर ली जाएगी। साथ ही, जेलों में सुरक्षा की दृष्टि से जैमर लगाए जाएं गे। प्रशासनिक, पुलिस एवं न्यायिक अधिकारियों द्वारा जेलों का निरन्तर निरीक्षण किए जा रहा है। लापरवाही पाए जाने पर संबंधित अधिकारियों-कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई भी की जा रही है। ऐसे कुछ मामलों में अधिकारियों-कर्मचारियों को निलंबित एवं बर्खास्तगी की कार्यवाही भी की गई है।

हरीश चौधरी ने बजरी मामले में अपनी ही सरकार को घेरा 

पूर्व मंत्री व बायतु विधायक हरीश चौधरी ने विधानसभा में संगठित अपराध और बजरी के मुद्दे पर जमकर हमला बोला। उन्होंने बजरी के मुद्दे पर बोलते हुए कहा कि उच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार लीजधारक को ही रॉयल्टी के ठेके का अधिकार है। ओपन बिड के आधार पर ही ठे के दिए गए हैं। जहां बजरी की लीज खत्म हो चुकी है और लीजधारक को ही बजरी स्टॉक करने का अधिकार है। चौधरी ने कहा कि बजरी के मुद्दे पर विवाद करने वाले अपनी ही जेब भर रहे हैं। यह पैसा आम जनता की जेब से ही लिया जा रहा है। उन्होंने पूछा कि बजरी के मुद्दे पर राजनीति करने वाले लोग जनता के बीच सही बात बताने कभी नहीं जाएं गे। हंगामा करने वाले लोग ठे के दारों का फायदा चाहते हैं, जनता का नहीं।

संगठित अपराध प्रदेश के लिए चुनौती 

हरीश चौधरी ने कहा कि प्रदेश में पेपर बनाने से ले कर पेपर लीक करने में संगठित अपराध हुआ है। उन्होंने कहा कि मादक पदार्थ जैसे सिंथेटिक ड्र ग्स, MD, स्मैक आदि का व्यापार एक संगठित अपराध के रूप में उभर कर पूरे राजस्थान में सामने आया है और यह एक चिंता का विषय है। आजकल ये मादक पदार्थ गांव से लेकर ढाणियों तक पहुंच चुके हैं, जिसके ऊपर सख्ती अति आवश्यक है। चौधरी ने कहा कि साइबर अपराध आने वाले समय में हमारी सबसे बड़ी चुनौती होगी।

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