बेटियों के लिए राजस्थान सरकार की नई योजना,अब बेटी के जन्म पर मिलेंगे 1 लाख,बस ऐसे करना होगा आवेदन
इसमें गरीब परिवार की बालिकाओं के जन्म पर 1 लाख रुपए का सेविंग बॉन्ड राज्य सरकार की ओर से दिया जाएगा
राजस्थान में बालिकाओं के विकास को लेकर बात की जाए तो राजस्थान की भजनलाल सरकार लगातार प्रयासरत है। उसी के चलते बात करे तो राज्य में बालिका जन्म को प्रोत्साहित करने, जन्म से लेकर वयस्क होने तक बालिकाओं के समग्र विकास के लिए लाडो प्रोत्साहन योजना लागू की गई है. इसमें गरीब परिवार की बालिकाओं के जन्म पर 1 लाख रुपए का सेविंग बॉन्ड राज्य सरकार की ओर से दिया जाएगा. 1 अगस्त से योजना शुरू कर दी गई है. अब जिला स्तर पर इसका प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।
बालिकाओं को सरकार की बडी राहत
महिला अधिकारिता विभाग के अनुसार बालिका के जन्म से लेकर 21 साल आयु पूरी करने तक 1 लाख रुपए राशि का भुगतान 7 किश्तों में डीबीटी के माध्यम में ऑनलाइन किया जाएगा. पहली 6 किश्तें बालिका के माता-पिता, अभिभावक के बैंक खाते में, 7वीं किश्त बालिका के बैंक खाते में हस्तांतरित की जाएगी. पात्र चिकित्सा संस्थानों में बालिका का जन्म होने पर पहली किश्त 2500 रुपए, आयु एक वर्ष होने और टीकाकरण होने पर दूसरी किश्त 2500 रुपए, राजकीय स्कूल या मान्यता प्राप्त निजी स्कूल में पहली कक्षा में प्रवेश लेने पर तीसरी किश्त 4 हजार रुपए, छठी कक्षा में प्रवेश लेने पर चौथी किश्त 5 हजार रुपए, 10वीं में प्रवेश लेने पर पांचवीं किश्त 11 हजार, 12 वीं में प्रवेश लेने पर छठी किश्त 25 हजार और स्नातक परीक्षा उत्तीर्ण करने और 21 वर्ष की आयु पूरी करने पर 7वीं किश्त में 50 हजार हस्तांतरित किए जाएंगे।
बालिका के जन्म संबंधित जानकारी यहां होगी दर्ज
बालिका का जन्म सरकारी चिकित्सा संस्थान या जननी सुरक्षा योजना विवरण में दर्ज किया जाएगा. संस्थागत प्रसव के तहत बालिका का जन्म के बाद किसी अनुमोदित निजी चिकित्सा संस्थान में होना आवश्यक है. इसके अलावा मां का राजस्थान का मूल निवासी होना भी जरूरी है। गर्भवती महिला की एएनसी जांच के दौरान पीसीटीएस पोर्टल पर की जाएगी।
पोर्टल पर दर्ज होगी पूरी जानकारी
इसके बाद पीसीटीएस पोर्टल पर विवरण दर्ज किया जाएगा. संस्थागत प्रसव के तहत बालिका का जन्म होने के बाद प्रथम किश्त का लाभ बालिका की माता को, माता के नहीं होने पर पिता के बैंक खाते में देय होगा. माता-पिता दोनों नहीं रहे, तो अभिभावक के बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से ऑनलाइन हस्तांतरण होगा.