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Rajasthan: ध्यान से करें पतंगबाजी…एक गलती डाल सकती है जेल में! मकर संक्राति पर एडवायजरी जारी

01:10 PM Jan 05, 2025 IST | Kunal Bhatnagar

 Jaipur: मकर संक्राति को देखते हुए पतंगबाजी को लेकर आमजन हित तथा पक्षियों की सुरक्षा को देखते हुए पशुपालन, गोपालन और डेयरी विभाग के शासन सचिव डॉ. समित शर्मा ने प्रदेश के सभी जिलों के लिए विभाग की ओर से एडवायजरी जारी की है। जिला कलक्टरों को लिखे अपने पत्र में उन्होंने कहा है कि प्रदेश में मकर संक्राति पर्व पर पतंगबाजी के दौरान दोपहिया वाहन चालकों तथा पक्षियों को जान का खतरा होने की अत्यधिक संभावना रहती है।

जनहानि होने की भी संभावना

पत्र में आगे लिखा गया है कि पतंग उड़ाने के दौरान अत्यधिक धारदार, नायलॉन या किसी सिंथेटिक सामग्री से बने मांझों एवं उन पर लोहे अथवा कांच के पाउडर की कोटिंग से आमजन एवं पशु पक्षियों को हानि पहुंचने और कई बार जनहानि होने की भी संभावना होती है। साथ ही यह मांझा विभिन्न धातुओं के मिश्रण से बने होने के कारण विद्युत सुचालक भी हो जाता है।

जिससे विद्युत तारों के संपर्क में आने पर विद्युत प्रवाह होने से पतंग उड़ाने वालों के लिए खतरनाक हो सकता है और विद्युत सप्लाई में भी बाधा उत्पन्न हो सकती है। इन्हीं संभावनाओं को दृष्टिगत रखते हुए ऐसी सामग्री से निर्मित मांझों पर तत्काल प्रतिबंधात्मक रोक लगाने की कार्यवाही किया जाना नितांत आवश्यक है।  

NGT के आदेशो की हो पालना

उन्होंने सभी जिलों को निर्देश दिए हैं कि राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेशों की अनुपालना में नायलॉन या किसी सिंथेटिक सामग्री से बने और सिंथेटिक पदार्थ से लेपित चायनीज और गैर बायो डिग्रेडेबल मांझे या धागे पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने और प्रतिबंध की पूर्ण अनुपालना सुनिश्चित करें। 

इन धाराओं में हो सकती है कार्यवाही

उन्होंने इस प्रकार के मांझे के निर्माण, भंडारण और विक्रय तथा उपयोग पर भी तत्काल रोक लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्देश दिए कि इसका उल्लंघन करने वालों के विरूद्ध पशुओं के प्रति क्रूरता निवारण अधिनियम, भारतीय न्याय संहिता तथा पर्यावरण संरक्षण अधिनियम और अन्य संबंधित वैधानिक प्रावधानों के तहत तत्काल कार्यवाही की जाए।

हेल्पलाइन नंबर जारी करने के निर्देश

डॉ. शर्मा ने घायल पक्षियों के बचाव के लिए विशेष प्रबंध करते हुए उनके ईलाज के लिए सभी जिलों में मकर संक्रांति के अवसर पर पशुपालन विभाग/स्वयंसेवी संस्थाओं/पक्षी प्रेमियों के माध्यम से पक्षी चिकित्सा शिविर लगाने तथा हेल्पलाइन नंबर जारी करने के भी निर्देश दिए हैं।

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