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Gurjar Mahapanchyat: क्या है बैंसला का फैसला, सरकार को दिया अल्टीमेट टाइम खत्म, पुलिस अलर्ट मोड़ पर

12:43 PM Jun 08, 2025 IST | Ashish bhardwaj
gurjar mahapanchyat  क्या है बैंसला का फैसला  सरकार को दिया अल्टीमेट टाइम खत्म  पुलिस अलर्ट मोड़ पर

राजस्थान के पीलूपुरा (भरतपुर) में आज सुबह 8 बजे गुर्जर समाज की महापंचायत जारी है। इसमें प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से लोग आये है। प्रशासनिक स्तर और फिर सरकार की पहल के बावजूद वार्ता सफल नहीं हो पाई है। कल (7 जून) गृह राज्यमंत्री जवाहर सिंह बेढम ने भी एक होटल में गुर्जर समाज के लोगों के साथ बैठक की थी। इस दौरान उन्होंने उन्हें समझाने का प्रयास किया। हालांकि कोई समाधान नहीं निकल सका। गुर्जर समाज ने सरकार को दोपहर 12 बजे तक का अल्टीमेटम दिया है। साथ ही सरकार की ओर से सकारात्मक कदम नहीं उठाए जाने की दिशा में उग्र आंदोलन के संकेत भी मिले हैं। आंदोलन को देखते हुए आज पुलिस से लेकर अन्य सभी एजेंसियां ​​अलर्ट मोड पर हैं।

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विजय बैंसला ने पंचायत बुलाई
इस महापंचायत का नेतृत्व भाजपा नेता विजय बैंसला कर रहे हैं, जो कि गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष हैं। उन्होंने मौजूदा भाजपा सरकार पर आरोप लगाया है कि वह पिछली सरकारों के समझौतों को भी लागू नहीं कर रही है। उन्होंने मुकदमे वापस न लेने और केंद्र से जुड़ी मांगों पर राज्य सरकार की निष्क्रियता पर नाराजगी जताई है।

ये इलाके रहे हैं गुर्जर आंदोलन के मुख्य केंद्र

पीलूपुरा वह इलाका है, जहां कर्नल बैंसला की छवि और प्रभाव मजबूत था। दरअसल, साल 2008 में जब गुर्जर आरक्षण आंदोलन भड़का तो पीलूपुरा इसका केंद्र बन गया। कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के नेतृत्व में पूरा समाज आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन पर बैठ गया। इस आंदोलन में झड़पें हुईं और पुलिस फायरिंग में 72 लोगों की मौत हो गई। इस दौरान गुर्जरों की यह मांग राष्ट्रीय पटल पर आई और पूरे देश का ध्यान खींचा।

साल 2008, 2010, 2015 और 2019 में गुर्जर आरक्षण आंदोलन के मुख्य केंद्र पीपलखेड़ा-पाटोली (आगरा रोड, मेहंदीपुर बालाजी) और मलारना डूंगर (सवाई माधोपुर) और खुशाली दर्रा (खंडार) रहे।

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