होमइंडिया
राज्य | राजस्थानमध्यप्रदेशदिल्लीउत्तराखंडउत्तरप्रदेश
मनोरंजनटेक्नोलॉजीस्पोर्ट्स
बिज़नेस | पर्सनल फाइनेंसक्रिप्टोकरेंसीबिज़नेस आईडियाशेयर मार्केट
लाइफस्टाइलहेल्थकरियरवायरलधर्मदुनियाshorts

Rajasthan Election: कैसे होती है EVM से वोटों की गिनती, मतगणना केंद्र में कितने होते हैं काउंटिंग एजेंट?

3 दिसंबर को 4 राज्यों के चुनाव नतीजे सामने आ जाएंगे जिसके लिए वोटों की गिनती की तैयारियां पूरी कर ली गई है.
03:25 PM Dec 02, 2023 IST | Kunal Bhatnagar

Rajasthan Election 2023: कल 3 दिसंबर को 4 राज्यों के चुनाव नतीजे सामने आ जाएंगे। 3 दिसंबर को वोटिंग की गिनती शुरु हो जाएगी। वोटों की गिनती के लिए तैयारियां शुरु हो गई हैं। वोटों की गिनती की एक विशेष प्रक्रिया है। हर जिले में एक बड़ा मतगणना केंद्र होता है, जहां ईवीएम के जरिए वोटों की गिनती होती है। वोटों की गिनती के दौरान चुनाव आयोग इस बात पर खास नजर रखता है कि पूरी प्रक्रिया त्रुटिहीन और पारदर्शी तरीके से पूरी हो।

वोटों की गिनती का प्रोटोकॉल क्या है?

लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम-1951 की धारा 128 एवं 129 के अनुसार मतगणना से संबंधित जानकारी को गुप्त रखना बहुत जरूरी है। वोटों की गिनती से पहले इस बात की सारी जानकारी सामने नहीं आती है कि कौन से अधिकारी किस विधानसभा क्षेत्र की गिनती कितने टेबल पर करेंगे।

सभी अधिकारियों को सुबह 6 बजे तक मतगणना केंद्र पर पहुंचना होगा। इसके बाद जिले के मुख्य निर्वाचन अधिकारी और मतगणना केंद्र के रिटर्निंग अधिकारी यादृच्छिक रूप से पर्यवेक्षकों और कर्मचारियों को हॉल नंबर और टेबल नंबर आवंटित करते हैं।

किसी एक काउंटिंग हॉल में काउंटिंग के लिए 14 टेबल और रिटर्निंग ऑफिसर के लिए 1 टेबल होती है। किसी भी हॉल में 15 से अधिक टेबल लगाने का नियम नहीं है, हालांकि विशेष परिस्थिति में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के आदेश पर टेबलों की संख्या बढ़ाई जा सकती है।

वोट कैसे गिने जाते हैं?

वोटों की गिनती तीन दिसंबर को सुबह 8 बजे शुरू होगी। इससे पहले रिटर्निंग ऑफिसर और सहायक रिटर्निंग ऑफिसर वोटों की गोपनीयता बनाए रखने की शपथ लेते है।

ईवीएम मशीनों की जांच की गई

वोटिंग शुरू होने से पहले सभी ईवीएम मशीनों की जांच होती है। यह जांच भी रिटर्निंग ऑफिसर की मौजूदगी में की जाती है।, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इससे कोई छेड़छाड़ तो नहीं हुई है।

कितने काउंटिंग एजेंट होते हैं?

वोटों की गिनती के दौरान चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को अपने काउंटिंग एजेंट या चुनाव एजेंट के साथ मतगणना केंद्र पर रहने की अनुमति होगी। मतगणना एजेंट वोटों की गिनती की पूरी प्रक्रिया पर नजर रखते है।

सबसे पहले मतपत्र मतों की गिनती

सबसे पहले पोस्टल बैलेट वोटों की गिनती होगी, उसके बाद ईवीएम वोटों की गिनती शुरू होगी। सभी प्रकार की मतगणना के दौरान रिटर्निंग अधिकारी मौजूद रहेंगे। अगर वोटों की गिनती के दौरान ईवीएम क्षतिग्रस्त हो जाती है या वीवीपैट पर्चियों में कोई गड़बड़ी पाई जाती है तो चुनाव की निगरानी कर रहे रिटर्निंग ऑफिसर तुरंत चुनाव आयोग को सूचित करते है।

गड़बड़ी की आशंका पर क्या होगा?

मतगणना के दौरान गड़बड़ी की स्थिति में मामले की गंभीरता पर निर्भर करेगा कि चुनाव आयोग क्या फैसला लेगा? अगर मामले का अध्ययन करने के बाद चुनाव आयोग को कोई बड़ी गलती या कमी नहीं मिलती है तो वह प्रक्रिया जारी रखने को कहेगा और अगर कोई गंभीर कमी या गलती पाई जाती है तो चुनाव आयोग चुनाव को खारिज कर देगा और दोबारा चुनाव कराने का आदेश देगा।

परिणाम कैसे घोषित होता है?

अगर वोटों की गिनती बिना किसी गड़बड़ी की शिकायत के और चुनाव आयोग के निर्देश के बिना खत्म हो जाती है तो रिटर्निंग ऑफिसर वोटों की गिनती पूरी होने के बाद नतीजे घोषित करेगा।

Next Article