Rajasthan Election 2023: कैंपस की राजनीति से निकल प्रदेश की सत्ता पर छाते रहे हैं युवा नेता
Rajasthan Election 2023 जयपुर। यूनिवर्सिटी कैंपस राजनीति की पहली पाठशाला है। छात्र राजनीति ने प्रदेश में कई ऐसे सियासी चेहरे दिए हैं जो सांसद, विधायक, प्रदेश और केंद्र में मंत्री के साथ ही मुख्यमंत्री तक बने हैं। प्रदेश में बड़े स्तर के नेता तैयार करने में जयपुर की राजस्थान यूनिवर्सिटी सबसे आगे रही है। वहीं जयनारायण व्यास यूनिवर्सिटी जोधपुर और सुखाड़िया यूनिवर्सिटी उदयपुर ने भी कई बड़े नेता दिए हैं। हालांकि अशोक गहलोत प्रदेश के अकेले ऐसे नेता हैं जो छात्रसंघ की राजनीति से निकलकर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने लेकिन छात्रनेता से मंत्री, सांसद व विधायक पद तक का रास्ता तय करने वाले नेताओं की संख्या अच्छी खासी है।
छात्र राजनीति से मुख्य राजनीति में आने वाले नेताओं के ट्रेंड को देखें तो सामने आता है कि 2004 से पहले कैंपस की राजनीति करने वाले कई नेताओं ने मुख्य राजनीति में जगह बनाई। इसके बाद छात्रसंघ चुनाव बंद हो गए थे। वर्ष 2010 में छात्रसंघ चुनाव वापस शुरू हुए, उसके बाद से विवि के छात्रनेता 8 साल तक कुछ खास कमाल नहीं कर पाए।
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2018 के चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर लड़ेमुकेश भाकर व रामनिवास गावड़िया विधायक बने। भाकर ने राजस्थान विवि छात्रसंघ अध्यक्ष का चुनाव निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में लड़ा था लेकिन जीत नहीं पाए थे। गावड़िया भी राजस्थान विवि में छात्रनेता रहे हैं।
ये टिकटों की कतार में
कांग्रेस
अभिषेक चौधरी- लोहावट
किशोर चौधरी- जैतारण
सुल्तानिया- कामां
भरत सिराधना- रानीवाड़ा
पूजा वर्मा- चाकसू
दष्ु यंतसिंह चुण्डावत- चित्तौड़गढ़
रमेश भाटी- बगरू
अभिमन्यु पूनियां- सांगरिया
भाजपा
रविन्द्र सिंह भाटी- शिव
अरविन्द जाजड़ा- नागौर
महेन्द्र सिंह शेखावत- विराटनगर
शंकर गोरा- चौमू
राजस्थान यूनिवर्सिटी से निकली है नेताओं की खेप
प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में से राजस्थान विवि नेताओं की सबसे बड़ी उदय स्थली रहा है। 1998 में यहां के छात्रसंघ अध्यक्ष रहे ज्ञानसिंह चौधरी बाद में मंत्री बने। 1986 के अध्यक्ष चंद्रशेखर भी मंत्री बने। पूर्व मंत्री कालीचरण सराफ 1974-75 में, पूर्व मंत्री राजेन्द्र राठौड़ 1978-79 में राजस्थान विश्वविद्यालय छात्रसंघ अध्यक्ष रहे हैं। 1979 के अध्यक्ष महेश जोशी वर्तमान सरकार में मंत्री हैं, सांसद रहे हैं। पूर्व मंत्री राजपाल सिंह 1980-81 में यूनिवर्सिटी अध्यक्ष बने थे। 1981 से 1986 तक अध्यक्ष रहे रघु शर्मा राजस्थान सरकार में मंत्री और सांसद रहे हैं। फिलहाल खाद्य मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास भी छात्रसंघ अध्यक्ष रहे हैं। 1999-2000 के अध्यक्ष राजकु मार शर्मा मंत्री रहे हैं व वर्तमान में विधायक हैं।
हनुमान बेनीवाल आरएलपी के सुप्रीमो हैं, वे भी 1997 में छात्रसंघ अध्यक्ष रहे हैं। खेलमंत्री अशोक चांदना भी राजस्थान विश्वविद्यालय के छात्रनेता रहे हैं। इनके अलावा सतीश पूनिया (विधायक), अश्क अली टांक (पूर्व राज्यसभा सांसद), अशोक लाहोटी (विधायक), कै लाश वर्मा (पूर्व विधायक), जितेन्द्र मीणा (पूर्व अध्यक्ष एससी एसटी आयोग), मुके श भाकर (विधायक), रामनिवास गावड़िया (विधायक) सहित कई नेता राजस्थान विश्वविद्यालय की छात्र राजनीति से निकले हैं।
छात्रसंघ चुनाव हारा, तीन बार बने मुख्यमंत्री
जोधपुर की जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में छात्रसंघ की राजनीति कर चुके अशोक गहलोत राजस्थान के तीन बार मुख्यमंत्री बन चुके हैं। हालांकि वे विवि के छात्रसंघ अध्यक्ष का चुनाव नहीं जीत पाए थे। वर्तमान में केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत 1992-93 में जेएनवीयू छात्रसंघ के अध्यक्ष रहे हैं। जेएनवीयू के छात्रसंघ अध्यक्ष रहे मेघराज लोहिया राज्यमंत्री रह चुके हैं व बाबूिसंह विधायक रह चुके हैं।
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एमबी कॉलेज अध्यक्ष रहे हैं सीपी जोशी
विधानसभाध्यक्ष सीपी जोशी उदयपुर के एमबी कॉलेज के अध्यक्ष रहे हैं। उन्होंने सुखाड़िया यूनिवर्सिटी अध्यक्ष का चुनाव भी लड़ा था। राजसमंद सांसद रहे हरिओम सिंह राठौड़ भी सुखाड़िया यूनिवर्सिटी अध्यक्ष रहे हैं। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष व सांसद सीपी जोशी और पूर्व मंत्री श्रीचंद कृ पलानी चित्तौड़गढ़ सरकारी कॉलेज के अध्यक्ष रहे हैं।
इस बार इन नेताओं को मिले टिकट
कालीचरण सराफ
सीपी जोशी
राजेन्द्र राठौड़
सतीश पूनिया
प्रतापसिंह खाचरियावास
रघु शर्मा
राजकुमार शर्मा
अशोक चांदना
कैलाश चंद्र वर्मा
मुकेश भाकर
रामनिवास गावड़िया
पुष्पेन्द्र भारद्वाज
ललित यादव