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Rajasthan Election 2023: डीग-कुम्हेर विधानसभा सीट पर क्या कहता है समीकरण, पढ़ें इस सीट के आंकड़े

05:18 PM Oct 08, 2023 IST | Sanjay Raiswal

Rajasthan Election 2023 : भरतपुर। राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 का बिगुल बजने में कुछ ही समय बचा हुआ है। भारत निर्वाचन आयोग कभी भी राजस्थान में चुनावों की तारीखों का ऐलान कर सकता है। कभी भी अचार संहिता लग सकती है। इस बीच सभी राजनीतिक पार्टियां और चुनाव लड़ने के इच्छुक उम्मीदवार पूरे जोर-शोर से तैयारियां में जुटे हुए हैं। ऐसे में पूर्वी राजस्थान का भरतपुर संभाग जो जीतेगा वही सत्ता हासिल करेगा। इस बार भरतपुर संभाग के 4 जिलों की 19 सीटों पर विधानसभा चुनाव होंगे।

बता दें कि साल 2018 के विधानसभा चुनाव में भरतपुर संभाग के 4 में से 3 जिलों में भरतपुर, करौली और सवाईमाधोपुर में भाजपा एक भी सीट नहीं जीत सकी थी। इसके बाद राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनी थी।

भरतपुर में 7 विधानसभा सीटों पर जीत और हार का गणित हर विधानसभा चुनाव में बदल जाता है। साल 2013 के विधानसभा चुनाव में 7 में से 6 सीट पर भाजपा ने जीत दर्ज की थी। यहां कांग्रेस को तब एक ही सीट से संतोष करना पड़ा था। साल 2018 के विधानसभा चुनाव में 7 सीटों में से 5 पर कांग्रेस ने बीजेपी की हवा बिगाड़ दी। वहीं दो पर बसपा अपना पांव जमाने में कामयाब हो गई। वहीं डीग की नगर विधानसभा सीट की बात की जाएं तो यहां बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टियां अक्सर अपने ही समाज के व्यक्ति को अपना प्रत्याशी बनाते है।

साल 2008 में भाजपा ने दिगंबर सिंह (शैलेश) को चुनाव मैदान में टिकट देकर भेजा था। वहीं कांग्रेस पार्टी ने विश्वेंद्र सिंह को टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारा था। उस समय बीजेपी से दिगंबर सिंह (शैलेश) की जीत हुई थी और कांग्रेस के विश्वेंद्र सिंह चुनाव हार गए थे। इसके बाद साल 2013 के चुनाव में कांग्रेस ने एक बार फिर से विश्वेंद्र सिंह पर दांव खेला और नगर विधानसभा सीट का टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारा। वहीं भाजपा पार्टी ने दिगंबर सिंह (शैलेश) को टिकट देकर चुनाव में उतारा था।

इसके बाद कांग्रेस की ओर से की जीत हुई थी और बीजेपी के दिगंबर सिंह (शैलेश) चुनाव हार गए थे। इसके बाद साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने विश्वेंद्र सिंह को ही तीसरी बार टिकट दिया। वहीं बीजेपी ने दिगंबर सिंह (शैलेश) को टिकट देकर मैदान में उतारा। लेकिन इस बार डीग विधासभा के मतदाताओं ने कांग्रेस को चुना। साल 2018 में कांग्रेस के विश्वेंद्र सिंह को विजयी बनाकर विधानसभा में भेजा। भाजपा का प्रत्याशी दूसरे नंबर पर रहा।

बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत फिर से सरकार रिपीट की बात कहते हैं। मुख्यमंत्री मिशन 156 लेकर चल रहे है, लेकिन राजस्थान की कई विधानसभा सीट ऐसी है जहां कांग्रेस के प्रत्याशी लगभग 20 वर्षों से सीट पर जीत दर्ज नहीं कर पाए है। वहीं साल 2023 के विधानसभा चुनाव में डीग विधानसभा चुनाव की बात की जाएं तो इस बार यहां से कांग्रेस एक बार फिर से विश्वेंद्र सिंह को चुनावी मैदान में उतार सकती है।

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