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Rajasthan Election 2023 : योजनाओं और जातीय समीकरणों के बीच झूल रहा मारवाड़ का ‘मूड’

Rajasthan Election 2023 : राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का मुख्य मुद्दा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा हाल के महीनों में घोषित की गई कल्याणकारी योजनाओं को माना जा रहा है। लेकिन क्या यह पार्टी के लिए राज्य में दूसरा कार्यकाल जीतने में सक्षम होगा? मारवाड़ क्षेत्र के लूनी, बिलाड़ा और ओसियां विधानसभा क्षेत्रों में मतदाता 25 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले मिश्रित संकेत दे रहे हैं।
09:22 AM Nov 07, 2023 IST | BHUP SINGH

Rajasthan Election 2023 : जयपुर/जोधपुर। राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का मुख्य मुद्दा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा हाल के महीनों में घोषित की गई कल्याणकारी योजनाओं को माना जा रहा है। लेकिन क्या यह पार्टी के लिए राज्य में दूसरा कार्यकाल जीतने में सक्षम होगा? मारवाड़ क्षेत्र के लूनी, बिलाड़ा और ओसियां विधानसभा क्षेत्रों में मतदाता 25 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले मिश्रित संकेत दे रहे हैं।

कई लोगों का मानना है कि बुजुर्गों के लिए पेंशन, सब्सिडी वाली रसोई गैस और महिलाओं के लिए मुफ्त स्मार्टफोन जैसी योजनाओं पर जाति समीकरण भारी पड़ सकता है। बिलाड़ा से कांग्रेस की और से मोहन लाल कटारिया और भाजपा की ओर से अर्जुन लाल गर्ग मैदान में हैं जबकि लूनी से महेंद्र बिश्नोई कांग्रेस व जोगाराम पटेल भाजपा उम्मीदवार हैं। ओसियां से कांग्रेस की दिव्या मदेरणा के सामने भाजपा के भैरा राम हैं।

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राशन किट से खुश महिलाएं

लूनी विधानसभा क्षेत्र में राशन की दूकान के बाहर इंतजार कर रही महिलाओंके एक समूह ने सरकार की उन योजनाओंकी सराहना की जो पेंशन, मुफ्त स्मार्टफोन, राशन किट और 500 रुपए में सब्सिडी वाला एलपीजी सिलेंडर प्रदान करती हैं। गीता देवी का कहना था कि सरकारी योजनाएं अच्छी हैं। मुझे पेंशन मिल रही है और एक स्मार्टफोन के साथ-साथ राशन किट भी मिला है। समूह में मौजूद अन्य महिलाएं भी गीता देवी से सहमत दिखीं।

स्थानीय समस्याओं का निदान स्मार्टफोन से ज्यादा जरूरी

बिलाड़ा निर्वाचन क्षेत्र के पुरुषों के एक समूह ने कहा कि मुफ्त स्मार्टफोन बांटने के लिए इस्तेमाल की गई धनराशि का उपयोग अन्य स्थानीय समस्याओं को हल करने के लिए किया जा सकता था। लक्ष्मण सिंह का कहना था कि मोबाइल फोन की खरीद में करोड़ों रुपए का इस्तेमाल किया गया। हमारे क्षेत्र में पीने के पानी की और अन्य स्थानीय समस्याएं हैं। इस राशि का इस्तेमाल ऐसे बुनियादी मुद्दों को हल करने के लिए किया जा सकता था।

वहां एकत्र अन्य लोगों ने राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी चिरंजीवी स्वास्थ्य योजना की सराहना की, जो एक परिवार को 25 लाख रुपए का स्वास्थ्य बीमा कवर प्रदान करती है। राज्य में कुल 5.26 करोड़ में से लगभग 2.51 करोड़ महिला मतदाता हैं, इसे ध्यान में रखकर कांग्रेस ने उनके लिए कई योजनाओं की घोषणा की है। पिछले पांच वर्षों में अशोक गहलोत सरकार का ध्यान महिला मतदाताओं पर रहा है और सरकार ने 34 अन्य महिला-केंद्रित योजनाएं चलाते हुए विशेष रूप से उनके लिए लगभग 10 नयी योजनाएं शुरू कीं।

बागी हुए पूर्व महापौर, बिगाड़ेंगे समीकरण

मुख्यमंत्री के बेहद करीबी कांग्रेस नेता व जोधपुर के पूर्व महापौर रामेश्वर दाधीच ने जोधपुर के सूरसागर विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन भर कर यहां के समीकरण बिगाड़ दिए हैं। कांग्रेस ने सूरसागर विधानसभा क्षेत्र से एक दिन पहले शहजाद खान को टिकट दिया था। दाधीच सूरसागर से टिकट की मांग कर रहे थे। उन्हेांने कहा कि आम कार्यकर्ताओंकी भावना को देखते हुए वे चुनाव में उतरे हैं। उन्होंने कहा कि अगर नहीं जीता तो राजनीति छोड़ दूंगा। गौरतलब है कि दाधीच को एक दिन पहले ही कांग्रेस सरकार की गारंटी योजना का कोऑर्डिनेटर बनाया गया था।

टिकट नहीं मिलने के बाद उन्होंने कहा कि पार्टी के लिए जीवन लगा दिया। पार्टी उप मुख्यमंत्री बना दे तो भी कम है। दाधीच का कहना है कि सूरसागर के टिकट से जोधपुर डिवीजन की कई सीटों पर नकारात्मक असर पड़ेगा। दाधीच के साथ ही कई कांग्रेस पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने भी इस्तीफे देने की घोषणा की है। दूसरी ओर कांग्रेस प्रत्याशी शहजाद खान का कहना है कि पार्टी ने पहली बार युवा को मौका दिया है। सूरसागर की पूरी जनता, छत्तीस कौम मेरे साथ है। कहीं कोई विरोध नहीं है। जो विरोध कर रहे हैं उन्हें मना लिया जाएगा।

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योजनाएं अपनी जगह, वोट अपनी जगह

कई लोगों का मानना है कि कल्याणकारी नीतियों और विकास के मुद्दों के बावजूद जातिगत समीकरण मतदाताओं की पसंद तय कर सकते हैं। जाति समीकरण के प्रभाव का हवाला देते हुए लूनी ब्लॉक के झालामंद गांव के पूर्व सरपंच का कहना था कि विकास भले ही हुआ हो और योजनाओं को सराहना मिल रही हो, लेकिन लोग अब भी उसी तरह वोट देंगे, जैसे वे पीढ़ियों से देते आ रहे हैं।

उन्होंने कहा कि चाहे विधानसभा चुनाव हो या लोकसभा चुनाव, उनके क्षेत्र के लोग हमेशा अपने पसंद की पार्टी और अपनी जाति के समर्थक को वोट देते हैं। वहीं एक स्थानीय राशन डीलर का कहना है कि लोगों को योजनाओंके बारे में उतना याद नहीं रहता और वे हमेशा पीने के पानी और बेहतर सड़कों को प्राथमिकता देते हैं।

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