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Rajasthan Election 2023: राजधानी से लगती 11 में से 5 सीटों पर बागियों का अड़ंगा

Rajasthan Election 2023: जयपुर। प्रदेश में चुनावों का शोर चरम पर है। दोनों बड़ी पार्टियों भाजपा व कांग्रेस के साथ ही चुनावी मैदान में ताल ठोक रही अन्य पार्टियों व निर्दलीयों ने पूरा जोर प्रचार में झोंक रखा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मंगलवार को जयपुर में रोड शो करेंगे वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी भी लगातार प्रदेश में सभाएं कर रहे हैं।
09:46 AM Nov 21, 2023 IST | BHUP SINGH

Rajasthan Election 2023: जयपुर। प्रदेश में चुनावों का शोर चरम पर है। दोनों बड़ी पार्टियों भाजपा व कांग्रेस के साथ ही चुनावी मैदान में ताल ठोक रही अन्य पार्टियों व निर्दलीयों ने पूरा जोर प्रचार में झोंक रखा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मंगलवार को जयपुर में रोड शो करेंगे वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी भी लगातार प्रदेश में सभाएं कर रहे हैं। प्रधानमंत्री अपने रोड शो से जयपुर शहर के मतदाताओं के साथ ही जयपुर ग्रामीण के 11 विधानसभा क्षेत्रों के मतदाताओं को भी साधने का काम करेंगे।

इन 11 सीटों के समीकरण देखें तो अधिकांश पर मुकाबला कांग्रेस व भाजपा में आमने-सामने का है लेकिन कुछ सीटें जैसे विराटनगर, शाहपुरा, कोटपूतली, बस्सी व झोटवाड़ा में बागियों ने मुकाबले को त्रिकोणीय या चतुष्कोणीय बना दिया है और यहां जीत का ऊंट किसी भी करवट बैठ सकता है। नए जिलों की घोषणा के बाद इन सीटों में जयपुर ग्रामीण, सीकर,
अजमेर और दौसा संसदीय क्षेत्र के कुछ हिस्से शामिल हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में भाजपा व कांग्रेस से बागी हुए नेताओं ने कई स्थानों पर मुकाबले को कांटे का बना दिया है।

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पुराने बागी के सामने नया बागी मुसीबत

कोटपूतली से कांग्रेस ने गृह राज्य मंत्री राजेंद्र यादव को टिकट दिया है। बीजेपी ने हंसराज पटेल को उतारा है। हंसराज पटेल पिछली बार बागी होकर निर्दलीय के रूप में लड़े थे। पिछली बार बीजेपी के प्रत्याशी रहे मुके श गोयल राजेन्द्र यादव से हार गए थे। इस बार भी वे टिकट की कतार में थे, नहीं मिला तो निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। हंसराज पटेल भाजपा के परंपरागत वोटों व गुर्जरों के भरोसे मैदान में हैं। मुके श गोयल का कोटपूतली शहर पर अच्छा होल्ड है जिससे यहां मुकाबला त्रिकोणीय बन गया है।

चौमूं में पुराने और नए की लड़ाई

चौमूं विधानसभा क्षेत्र में भी मुकाबला रोचक बनता दिख रहा है। यहां से भाजपा की ओर से मैदान में उतारे गए रामलाल शर्मा लगातार दूसरी बार विधायक हैं और कांग्रेस ने नए चेहरे शिखा मील बराला को टिकट दिया है। हालांकि आरएलपी के छुट्टन यादव और बसपा के कै लाश सैनी अपनी-अपनी सोशल इंजीनियरिंग के दम पर चुनाव को चतुष्कोणीय बनाने की कोशिश कर रहे हैं।

विराटनगर में त्रिकोणीय संघर्ष

विराटनगर में कांग्रेस से मौजूदा विधायक इंद्राज गुर्जर और बीजेपी से कुलदीप धनखड़ प्रत्याशी हैं। पूर्वविधायक रामचंद्र सराधना कांग्रेस से बागी होकर आजाद समाज पार्टी के टिकट पर मैदान में हैं। इसके चलते यहां मुकाबला त्रिकोणीय है।

इन सीटों पर आमने-सामने का मुकाबला

आमेर, फुलेरा, दूदू, चाकसू और जमवा रामगढ़ में आमने-सामने का मुकाबला है। आमेर सीट पर बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और प्रतिपक्ष के उप नेता सतीश पूनिया चुनावी मैदान में हैं। सिटिंग एमएलए पूनिया का मुकाबला कांग्रेस के प्रशांत शर्मा से होगा। पिछली बार भी इन दोनों का ही मुकाबला था। दोनों ही प्रत्याशी सोशल इंजीनियरिंग के दम पर समीकरण जमाने में लगे हैं। फुलेरा में भाजपा की ओर से निर्मल कुमावत और कांग्रेस के टिकट पर विद्याधर चौधरी मुकाबले में हैं। कु मावत पिछले चुनाव में नजदीकी मुकाबले में जीते थे।

पिछली बार भाजपा के बागी डीडी कुमावत व कांग्रेस की बागी स्पर्धा चौधरी मैदान में थी। इस बार मुकाबला सीधे तौर पर भाजपा-कांग्रेस का है तो ऊंट किसी भी करवट बैठ सकता है। दूदू विधानसभा सीट पर कांग्रेस के बाबूलाल नागर और भाजपा के प्रेमचंद बैरवा में सीधा मुकाबला दिख रहा है। पिछली बार बाबूलाल नागर निर्दलीय के रूप में चुनाव जीते थे, इस बार कांग्रेस के टिकट पर लड़ रहे हैं। जमवारामगढ़ सीट से दोनों ही पार्टियों ने अपने पुराने प्रत्याशियों को वापस मौका दिया है। बीजेपी के महेंद्र पाल मीणा का मुकाबला वर्तमान विधायक गोपाल मीणा से होगा। चाकसू में भाजपा से रामवतार बैरवा व कांग्रेस से मौजूदा विधायक वेद प्रकाश सोलंकी में सीधा मुकाबला है।

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झोटवाड़ा में बागी सुरपुरा ने बिगाड़े समीकरण

जयपुर ग्रामीण संसदीय क्षेत्र में आने वाली झोटवाड़ा सीट शहरी और ग्रामीण मतदाताओं के मिलेजुले प्रभाव वाली सीट है। यहां बीजेपी की ओर से पूर्व केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ और कांग्रेस की ओर से अभिषेक चौधरी चुनाव मैदान में हैं। यहां बीजेपी के बागी के रूप में आशु सिंह सुरपुरा मैदान में ताल ठोंक रहे हैं जिससे मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है। सुरपुरा 5 साल पहले भी चुनाव लड़ चुके हैं। अभिषेक चौधरी के बाहरी प्रत्याशी होने का मुद्दा भी आशु सिंह सुरपुरा और राज्यवर्धन सिंह राठौड़ उठा रहे हैं।

शाहपुरा में बगावत रिपीट

शाहपुरा की बात करें तो यहां भी मुकाबला त्रिकोणीय बनता दिख रहा है। मौजूदा विधायक आलोक बेनीवाल पिछली बार कांग्रेस से बगावत कर निर्दलीय के रूप में जीते थे। उन्हें इस बार भी टिकट नहीं मिला तो फिर वे मैदान में हैं। कांग्रेस ने पिछली बार के प्रत्याशी मनीष यादव को रिपीट किया है तो बीजेपी ने बेरोजगार युवकों के लिए संघर्ष से पहचान बनाने वाले उपेन यादव को मैदान में उतारा है। कांग्रेस और बीजेपी से यादव चेहरा आने के बाद आलोक बेनीवाल अपनी छवि को लेकर लोगों के बीच जगह बनाने का प्रयास कर रहे हैं।

बस्सी में तीन मीणा, मुकाबला चतुष्कोणीय

बस्सी में इस बार मुकाबला बेहद रोचक है। यहां पूर्व आईपीएस लक्ष्मण मीणा कांग्रेस से और पूर्व आईएएस चंद्र मोहन मीणा भाजपा के टिकट पर मैदान में हैं। मौजूदा विधायक लक्ष्मण मीणा पिछली बार निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में जीते थे। यहां भाजपा के बागी जितेंद्र मीणा बीजेपी के बागी हैं। पिछली बार भी वे टिकट की कतार में थे। पूर्वविधायक अंजू धानका भी निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में हैं। ऐसे में बस्सी सीट पर मुकाबला चतुष्कोणीय हो गया है।

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