राजस्थान में SC वोटर्स के लिए BJP-कांग्रेस ने लगाई वादों की झड़ी, गेम चेंजर बनेंगे या बिगाड़ेंगे चुनावी खेल!
(बजरंग लाल बुनकर) Rajasthan Election 2023: राजस्थान विधानसभा के चुनाव में सभी पार्टियों व प्रत्याशियों ने अपनी पूरी ताकत झोंक रखी है। प्रदेश के सभी इलाकों में प्रचार-प्रसार का दौर चरम पर है। चुनाव के समीकरणों को देखें तो प्रदेश में किसी भी सरकार की ताजपोशी में अनुसूचित जाति के मतदाताओं की भूमिका अहम रहने वाली है। अनुसूचित जाति की बड़ी भूमिका को दिखाने के लिए ये आंकड़े काफी हैं कि राजस्थान में 200 में से 34 यानि 17 प्रतिशत सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं।
प्रदेश में अनुसूचित जाति के लोगों की संख्या 1.2 करोड़ है जो करीब 18 प्रतिशत है। ऐसे में दोनों बड़ी पार्टियों के साथ ही अन्य पार्टियों की नजर भी एससी वोटर्स पर है। चंद्रशेखर रावण की आजाद समाज पार्टी के हनुमान बेनीवाल की आरएलपी के साथ गठबंधन के बाद मेवाड़ व मारवाड़ के समीकरण देखने लायक होंगे।
वहीं बसपा का पिछले चुनावों का प्रदर्शन देखें तो यह पार्टी भी चुनावी गणित को प्रभावित करेगी। दूसरी ओर हाल ही घोषित किए गए भाजपा व कांग्रेस के घोषणा पत्रों में किए गए वादों को लेकन एससी समुदाय में खुशी व कसक का मिलाजुला माहौल है। समाज की लंबे समय से चली आ रही कुछ मांगें अभी भी घोषणापत्रों से बाहर हैं वहीं कुछ नई घोषणाओं से समाज के लोग खुश भी हैं। हालांकि चुनावी घोषणाओं के साथ ही स्थानीय समीकरण व कई अन्य फैक्टर भी परिणामों को प्रभावित करेंगे। अब ये देखने वाली बात होगी कि अनुसूचित जाति के मतदाता अपने हिस्से का ताज कौनसी पार्टी को सौंपते हैं।
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कांग्रेस ने किए ये वादे
एससी एवं एसटी के लिए जनगणना के अनुसार आरक्षण के प्रतिशत को संशोधित करना। हालांकि इसमें सरकारी नौकरियों एवं शिक्षण संस्थानों के बारे में स्पष्टता नहीं है। संविदा रोजगारों में एवं सहकारी समितियों के पदाधिकारियों में आरक्षण। सरकारी विभागों और स्थानीय निकायों में अनुबंधित सफाई कर्मचारियों की जगह सीधे रोजगार। बैकलॉग पदों की भर्तियां सुनिश्चित करना राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पाठ्यक्रम में डॉ. भीमराव अम्बेडकर के जीवन एवं आदर्शों से संबंधित पाठ्यक्रम शामिल करना।
एससी एवं एसटी के बच्चों को शिक्षा में सहायता के लिए 3000/- प्रतिमाह की छात्रवृत्ति। जल, जंगल और जमीन पर आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा के लिए उचित कदम उठाना सामाजिक रूप से उत्पीड़ित जातियों के उद्यमियों के लिए बिना गारंटी ऋण। एससी-एसटी पर अत्याचारों में कमी के लिए ईमानदार एवं निष्पक्ष अधिकारियों की नियुक्तियां, फास्ट ट्रर्क को एवं शिकायत निवारण ढांचा मजबूत करना एससी-एसटी के व्यक्तियों को आवंटित कृषि भूमि को दूसरों के कब्जे से मुक्त कराने के लिए कानून बनाना। एससी-एसटी सब प्लान को अधिनियम में बदलना एवं इसकी 25% राशि महिलाओं के लिए आरक्षित करना। इन वर्गों की महिलाओं के लिए आर्थिक सशक्तिकरण में बहुत बड़ा कद।
कांग्रेस की संशोधित आरक्षण प्रतिशत के आधार पर नौकरी की घोषणा लागू होती है तो एससी को 20-25 हजार नौकरियों का फायदा मिलेगा। दोनों पार्यों ने अनुसूचित जाति आयोग को संवैधानिक दर्जा देने की हमारी मांग को शामिल नहीं किया जिससे निराश हैं। डॉ. अंबेडकर के जीवन को पाठ्यक्रम में शामिल करने व तीर्थयात्रा की दोनों पार्टियों की घोषणा सराहनीय है। -जीएल वर्मा, महासचिव, अंबेडकर मेमोरियल वेलफे यर सोसायटी, जयपुर
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पिछली बार कांग्रेस के साथ था SC वोटर्स
2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने 19 एससी आरक्षित सीटों पर जीत हासिल की थी। इससे पहले 2013 में प्रदेश की एससी सीटों पर बीजेपी को कांग्रेस पर 17 प्रतिशत वोट शेयर की बढ़त मिली थी, जो 15 वर्षों में सबसे कम बढ़त थी। 2019 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी ने एससी आरक्षित सीटों पर कांग्रेस से करीब 25 प्रतिशत वोट शेयर की बढ़त हासिल की थी। 2008 के बाद से बीजेपी को इन सीटों पर हर चुनाव में कम से कम 35 फीसदी वोट मिले हैं।
2018 के विधानसभा चुनाव में भी जब कांग्रेस सीटों और वोटों के मामले में आगे थी, तब बीजेपी को इन सीटों पर कांग्रेस से सिर्फ 1.57 फीसदी कम वोट मिले थे। चौथे परिसीमन के बाद राज्य में तीन विधानसभा और तीन लोकसभा चुनाव हुए हैं। इन 6 चुनावों के नतीजों में तीन-तीन चुनावों में भाजपा और कांग्रेस दोनों का दबदबा रहा है। 2013 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस एससी आरक्षित क्षेत्रों में एक भी सीट नहीं जीत पाई थी।
भाजपा ने की ये घोषणाएं
अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सरकारी पदों को शीघ्रता से भरना।
अनुसूचित जाति प्रमाण पत्रों का वितरण समयबद्ध रूप से करना।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रेप्यूट में प्रवेश पाने वाले एससी के छात्रों को शत प्रतिशत वित्तीय सहायता।
एससी समुदाय केविकास व शिकायतों के निवारण के लिए कल्याण बोर्ड का गठन।
डॉ. भीमराव अंबेडकर की जीवनी से जुड़े पंचतीर्थ भ्रमण के लिए अंबेडकर तीर्थस्थल यात्रा योजना।
मैनुअल स्केवेजिंग से जुड़े मजदूरों को प्रशिक्षण व पुन: रोजगार के लिए वित्तीय सहायता।