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Rajasthan Election 2023: 'किसानों' को अपने पाले में करने की कोशिश में भाजपा, क्या कहता है बीजेपी का संकल्प पत्र?

चुनाव से पहले जहां कांग्रेस ने 7 गांरटियां देकर प्रदेश में जनता का ध्यान अपनी ओर खींचा है। वहीं, दूसरी तरफ भाजपा ने राजस्थान में गुरुवार को अपना संकल्प पत्र जारी है। भाजपा के संकल्प पत्र की खास बात है कि भाजपा ने किसानों से जुड़े मुद्दे को प्राथमिकता दी है।
06:26 PM Nov 17, 2023 IST | Kunal Bhatnagar

Rajasthan Election 2023: चुनाव से पहले जहां कांग्रेस ने 7 गांरटियां देकर प्रदेश में जनता का ध्यान अपनी ओर खींचा है। वहीं, दूसरी तरफ भाजपा ने राजस्थान में गुरुवार को अपना संकल्प पत्र जारी है। भाजपा के संकल्प पत्र की खास बात है कि भाजपा ने किसानों से जुड़े मुद्दे को प्राथमिकता दी है। इस प्रमुख कारण के पीछे जाए तो राजस्थान में बड़ी आबादी गांव में निवास करती है। यह आबादी पूरी तरह से कृषि पर निर्भर है। कृषि गणना 2015-16 के मुताबिक किसानों की संख्या 76.55 लाख है। इनमें 16.77 लाख लघु किसान और 30.71 सीमांत किसान हैं।

कर्ज के तले दबा राजस्थान का किसान

कृषि गणना की बात करे तो राजस्थान में 2015-16 के मुताबिक किसानों की संख्या 76.55 लाख है। इनमें 16.77 लाख लघु किसान और 30.71 सीमांत किसान हैं। आधी से ज्यादा आबादी कृषि पर आश्रित है। राजस्थान के किसानों की दशा बहुत खराब स्थिति में है। यह बात राजस्थान में कृषि गणना के आकंड़े बताते है। प्रदेश में हर किसान परिवार पर औसतन 1 लाख 13 हजार रुपये का कर्ज है। वहीं, किसानों की औसत आय 9 हजार 156 रुपये मात्र है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के आंकड़ों के मुताबिक साहूकार से कर्ज लेने के मामले में भी राजस्थान तीसरे नंबर पर है।

'कर्ज माफी' कांग्रेस के लिए सत्ता का रास्ता!

2018 के चुनाव में कांग्रेस के द्वारा घोषणा की गई थी कि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनते है दस दिनों के अंदर प्रदेश के किसानों का संपूर्ण कर्जा माफ कर दिया जाएगा। राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी तो सहकारी बैंकों का कर्ज जरूर माफ हुआ, लेकिन कॉमर्शियल बैंकों का कर्जा माफ नहीं हो पाया। आकंड़ो की माने तो सहकारी बैंकों का 14 हजार करोड़ का कर्जा माफ हुआ था। उससे पहले 8500 करोड़ की कर्ज माफी वसुंधरा राजे सरकार ने भी की थी। किसानों को उम्मीद थी कि कांग्रेस सरकार उनका कर्ज माफ करेगी, लेकिन कॉमर्शियल बैंकों से सेटलमेंट न होने की वजह से सम्पूर्ण कर्जमाफी नहीं हो पायी।

किसानों को अपने पाले में करने की कोशिश

किसान सम्मान निधि के लिए राजस्थान में 80 लाख से अधिक किसान पंजीकृत हैं। इन किसानों को केंद्र सरकार 6000 रुपये सलाना देती है। केंद्र सरकार ने इसे बढ़ाकर 12,000 रुपये करने की घोषणा भाजपा भी की है। दो दिन पहले अखिल भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के प्रदेश अध्यक्ष राजाराम मील ने भी लक्ष्मणगढ़ में लोगों से भाजपा को वोट देने की अपील थी और प्रदेश सरकार पर सवाल उठाए थे. इन तमाम कोशिशों से पार्टी किसानों के बीच अपनी पैठ मजबूत करना चाहती है।

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