Rajasthan Election: माला पहनाने के अंदाज से सामने वाले का मन पढ़ लेते थे भैरोंसिंह शेखावत
Rajasthan Assembly Election 2023: भारत निर्वाचन आयोग द्वारा राजस्थान मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ विधानसभा के चुनावों में दोनों ही पार्टियां लगातार अपने प्रत्याशियों की सूचियां जारी कर रही हैं। राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चुनाव से दो माह पहले प्रत्याशियों के नाम घोषित करने की बात कही थी ताकि प्रत्याशी और उनके समर्थक चुनाव के लिए सभी आवश्यक तैयारी कर लें, पर कांग्रेस पार्टी ने इस पर अमल नहीं किया और पहली सूची दो दिन पहले ही आई है। भाजपा की सूची भी पर नेताओं की प्रतिक्रिया भी मीडिया की सुर्ख़िया बन गई। यह कोई नई बात नहीं है।
प्राय: हर चुनाव में राजनैतिक दलों के नेतृत्व के सामने यह चुनौती आती है और इसके समाधान के लिए हरसम्भव प्रयास किए जाते हैं। कभी-कभार समझाइश से मामला शांत हो जाता है तो कभी चुनाव लड़ने के लिए कार्यकर्ता बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ते हैं। यही नहीं अन्य दलों से टिकट पाने की जुगाड़ में रहते हैं। ऐसे में केवल नेतृत्व की सूझबूझ ही पार्टी का भविष्य तय करती है।
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बहरहाल, नेताओं की समझबूझ का जीवंत उदाहरण जालोर-सिरोही संसदीय क्षेत्र के चुनाव के दौरान मिला और इसके प्रतीक बने भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता भैरों सिंह शेखावत। सोमवार को ही शेखावत का जन्मशती समारोह मनाया गया है। अपने पत्रकारीय जीवन के कार्यकाल में उन दिनों मैं जोधपुर में कार्यरत था। कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता बूटासिंह चुनाव मैदान में थे। इस चुनाव के कवरेज के लिए चंडीगढ़ से दैनिक ट्रिब्यून के प्रिंसीपल कोरेस्पोन्डर श्याम खोसला जोधपुर आए थे। उनके साथ मेरा भी जालोर जाना हुआ।
जालोर मुख्यालय पर पहुंचने से पहले हमे जानकारी मिली कि एक गांव में भैरोसिंह जी की सभा है। वहां पहुंचने पर जयपुर के वरिष्ठ पत्रकार मिलाप चंद डांडिया मिल गए। मंच से उतरते ही शेखावत हम सभी को एक साथ देख चौंक गए। मुस्कान बिखेरते हुए कहा कि-आपने यहां भी पीछा नहीं छोड़ा। शेखावत और हमे जालोर जाना था और मिलाप जी को जयपुर लौटना था। तय हुआ कि जालोर सड़क मार्ग पर जालोर फांटे तक मिलाप जी शेखावत से बात कर लेंगे और आगे की यात्रा में श्याम खोसला चर्चा करेंगे। हम जालोर फांटे से शेखावत के साथ कार में बैठे।
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यो ठाकुर तो आपणों नहीं लाग रह्यो
थोड़ी दूर सड़क के किनारे एक शामियाना लगा हुआ था जिसमें आस पास के गांवों के कुछ लोग जमा थे। कार की अगली सीट पर बैठे भाजपा जिला अध्यक्ष हरिशंकर राजपुरोहित ने गाड़ी रुकवाई तो शेखावत ने कहा कि हमे पहले ही देरी हो चुकी है। राजपुरोहित का कहना था- बाबोसा बस लोगों को भुलावण देनी है। हम सभी कार से उतरे और सड़क पार पाण्डाल में पहुंचे। लोग नारे लगा रहे थे। हरिशंकर ने एक ठाकुर का परिचय करवाया जिसने शेखावत को माला पहनाई। रामा श्यामा के पश्चात हम जालोर की और रवाना हो गए। कार में बैठने के कु छ समय बाद शेखावत ने हरिशंकर से कहा कि यो ठाकुर तो आपणों नहीं लाग रह्यो है।
भाजपा जिलाध्यक्ष ने सहमति जताते हुए कहा कि गांव का यह मुखिया लिहाजवश आपका स्वागत करने आया- यह हमारा समर्थक नहीं है। यह वार्तालाप सुन खोसला जी बोले कि बस उस शख्स ने आपको माला पहनाई तो आपने कैसे पता लगा लिया कि वह अपने पक्ष का नहीं है। खोसला जी बार बार शेखावत के इस ज्ञान की गहराई जानना चाह रहे थे। शेखावत का मुस्कान भरा उत्तर था- ये बाल ऐसे ही सफेद थोड़े किए हैं। और हम आश्चर्यचकित थे, उनका चेहरा देख रहे थे कि के वल माला पहनाने के अंदाज से शेखावत ने अपने पराये की सफल पहचान कर ली थी।
गुलाब बत्रा, वरिष्ठ पत्रकार