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Rajasthan Election 2023: 80 सीटों पर दो से ज्यादा पहलवानों का अखाड़ा, बागी बिगाड़ेंगे खेल!

Rajasthan Election 2023: जयपुर। राजस्थान में चुनावी बिगुल बजने के बाद अब मुकाबले का दिन नजदीक आने के साथ लगातार माहौल गर्म हो रहा है। इस बार मतदाताओं का भरोसा हासिल कर कौन सत्ता पर काबिज होगा ये तो अभी कहा नहीं जा सकता लेकिन इस बार दोनों ही बड़ी पार्टियों की सत्ता की राह मुश्किलों भरी नजर आ रही है।
10:21 AM Nov 16, 2023 IST | BHUP SINGH
rajasthan election 2023  80 सीटों पर दो से ज्यादा पहलवानों का अखाड़ा  बागी बिगाड़ेंगे खेल

Rajasthan Election 2023: जयपुर। राजस्थान में चुनावी बिगुल बजने के बाद अब मुकाबले का दिन नजदीक आने के साथ लगातार माहौल गर्म हो रहा है। इस बार मतदाताओं का भरोसा हासिल कर कौन सत्ता पर काबिज होगा ये तो अभी कहा नहीं जा सकता लेकिन इस बार दोनों ही बड़ी पार्टियों की सत्ता की राह मुश्किलों भरी नजर आ रही है। वजह हैं, दोनों पार्टियों के समीकरण बिगाड़ रहे बागी और अन्य पार्टियों के प्रत्याशी।

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जानकारों की मानें तो 200 में से 120 सीटों पर तो भाजपा व कांग्रेस में सीधा मुकाबला है लेकिन शेष 80 सीटों पर बागी निर्दलीय या तीसरी पार्टी के प्रत्याशी बहुत मजबूत स्थिति में हैं और दोनों पार्टियों के लिए मुश्किल बने हुए हैं। इन 80 सीटों में से करीब 68 पर मुकाबला त्रिकोणीय है और शेष 12 सीटों पर चतुष्कोणीय मुकाबला दिखाई दे रहा है। इन सीटों पर चुनाव किसी भी दिशा में जा सकता है। कई सीटों पर पार्टियों के दमदार बागी मैदान में हैं तो कई सीटों पर बसपा, रालोपा और आम आदमी पार्टी के प्रत्याशियों ने मुकाबले को रोमांचक बना दिया है।

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इन सीटों पर चार मजबूत चेहर

चौरासी, दांतारामगढ़, धोद, ब्यावर फतेहपुर, सूरतगढ़, विराटनगर, चौमूं, बस्सी, कपासन, और पुष्कर विधानसभा सीटों पर चतुष्कोणीय मुकाबला है।

कांग्रेस के ये मजबूत बागी मैदान में

खिलाड़ीलाल बैरवा, जौहरीलाल मीणा, रामलाल मेघवाल, नरेश मीणा, फतेह खान, श्रीगोपाल बाहेती, ओम बिश्नोई, दूर्ग सिंह चौहान, देवाराम रोत, हबीबुर्रहमान, करुणा चांडक, मनोज चौहान, आलोक बेनीवाल, सुनिल परिहार, कै लाश मीणा, राजकरण चौधरी, अजीजुद्दीन आजाद, वीरेन्द्र बेनीवाल, राके श बोयत, रामनिवास गोयल, महेन्द्र बारजोड़ और गोपाल गुर्जर।

भाजपा के ये बागी बिगाड़ेंगे खेल

यूनुस खान, चन्द्रभान आक्या, प्रियंका चौधरी, रविन्द्र सिंह भाटी, राजेन्द्र भाद, राजे ू न्द्र भाम्बू, राजेन्द्र नायक, ताराचंद धायल, कै लाश मेघवाल, आशा मीणा, गुलाब सिंवर, जीवाराम चौधरी, विजय कु मार मीणा, जसवीर सिंह खरवा, इन्द्र सिंह, हिम्मत सिंह राजपुरोहित, प्रभुदयाल सारस्वत, भवानी सिंह राजावत, मुके श गोयल, बंशीधर बाजिया, आशुसिंह सुरपुरा, पवनी मेघवाल, रामचन्द्र सुनेरीवाल, रितु बनावत, जितेन्द्र मीणा, अशोक कोठारी, ज्ञानचंद सारस्वत, रुपेश शर्मा, मधुसूदन भिंडा, योगी लक्ष्मण नाथ।

यहां तीन प्रत्याशियों में मुकाबला

सवाई माधोपुर, कोटपूतली, श्रीगंगानगर, चित्तौड़गढ़, लाडपुरा, डीडवाना, बाड़मेर, बायतु, संगरिया, उदयपुरवाटी, झोटवाड़ा, सिवाना, चैहटन, हिंडौन, सीकर, सरदारशहर, वल्लभनगर, खेरवाड़ा, सलूम्बर, राजसमंद, कुम्भलगढ़, जैतारण, जायल, बूंदी, के शोरायपाटन, मनोहरथाना, डग, प्रतापगढ़, रामगढ़, राजगढ़-लक्ष्मणगढ़, किशनगढ़बास, मुंडावर, गंगापुरसिटी, निवाई, करौली, सपोटरा, कठू मर, बहरोड़, शाहपुरा (भीलवाड़ा), खंडेला, लूणकरणसर, झुंझुनूं, मावली, सांचैर, पिलानी, खेतड़ी, सादलशहर, करणपुर, अनूपगढ़, रायसिंहनगर, हनुमानगढ़, भादरा, नोखा, डूंगरपुर, डूंगरगढ़, शाहपुरा (जयपुर), आसपुर, भीलवाड़ा, किशनगढ, नसीराबाद, आसींद, नागौर, खींवसर, मेड़ता, परबतसर, जालौर, अजमेर उत्तर और मसूदा में भाजपा-कांग्रेस के साथ एक अन्य प्रत्याशी मैदान में है जो इन दोनों पार्टियों के समीकरण बिगाड़ सकता है।

और यहां 5 प्रत्याशी मुकाबले में

इस बार के चुनाव में बाड़मेर जिले की शिव विधानसभा सीट पर पंचकोणीय मुकाबला होता दिखाई दे रहा है। यहां भाजपा के दो व कांग्रेस का एक मजबूत बागी मैदान में है। शिव के मौजूद विधायक कांग्रेस के अमीन खान हैं। अमीन इस बार भी कांग्रेस प्रत्याशी हैं। अमीन खान को टिकट के विरोधमें पार्टी के जिलाध्यक्ष रहे फतेह खान निर्दलीय मैदान में ताल ठोक रहे हैं। भाजपा ने स्वरूपसिंह खारा को मैदान में उतारा है।

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जेएनवीयू के छात्रसंघ अध्यक्ष रह चुके रविन्द्र सिंह भाटी व विधायक रह चुके जालम सिंह रावलोद निर्दलीय लड़ रहे हैं। भाटी हाल ही भाजपा में शामिल हुए थे। टिकट के दावेदार थे, पर टिकट नहीं मिली तो निर्दलीय मैदान में उतरे हैं। इस प्रकार शिव विधानसभा सीट पर पांच मजबूत उम्मीदवारों में मुकाबला देखने को मिल रहा है।

धमकी, कार्रवाई से भी नहीं डरे बागी

प्रदेश के चुनावों में दोनों बड़ी पार्टियां बागियों से पहले ही डरी हुई थीं। इसी के चलते दोनों पार्टियों की टिकट सूचियां भी खासी लेट हुई। कई स्तरों पर चले मंथन के दौर और लंबे इंतजार के बाद दाेनों पार्टियों ने सूची जारी की तो अपना नाम ना देख दावेदार भड़क गए। पहले नामांकन की तिथि तक पार्टी से बागी होकर मैदान में निर्दलीय उतरने वाले नेताओं की समझाइश चलती रही।

सरकार में एडजस्ट करने के प्रलोभन व कार्रवाई की धमकी के बावजूद जिन नेताओं ने नामांकन दाखिल कर दिए उनको इसके बाद भी मनाया गया। कई बागियों ने इसके बाद हथियार डाल दिए। लेकिन कई नेता अभी भी पूरे दमखम के साथ मैदान में अड़े हैं। अब निष्कासन की कार्रवाई की जा रही है।

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