Rajasthan Election 2023 : टिकट कटा तो बदले सुर…बगावक पर उतरे 10 नेता! डैमेज कंट्रोल में जुटी BJP
Rajasthan Election 2023 : जयपुर। राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 को लेकर भाजपा प्रत्याशियों की पहली सूची आने के साथ ही पार्टी से टिकट कटने के बाद कई उम्मीदवारों के बगावती सुरों ने पदाधिकारियोंं को परेशानी में ला दिया हैं। सोमवार को 41 विधानसभा सीट पर प्रत्याशी की सूची जारी होने के बाद उन सीटों पर दावेदारी जता रहे अन्य उम्मीदवारों ने पार्टी के निर्णय का विरोध जताते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया।
बगावत का यह मामला जयपुर स्थित प्रदेश कार्यालय तक आ पहुंचा और कई दावेदार और उनके समर्थकों ने कार्यालय पहुंच कर भाजपा के खिलाफ नारेबाजी की और उतारे गए प्रत्याशियों का विरोध किया। हालांकि इन सबसे निपटने के लिए पार्टी डैमेज कंट्रोल में जुट गई है। यह कमेटी रोजाना सुबह नाराज नेताओं से बात करके उन्हें मनाने की कोशिश करेगी। वहीं पूरा मामला देखते हुए चुनाव प्रभारी अरुण सिंह को दिल्ली तलब किया गया हैं।
कोई रो पड़ा तो किसी ने किया विरोध प्रदर्शन
किशनगढ़ अजमेर सांसद भागीरथ चौधरी को टिकट देने के बाद 2018 में भाजपा प्रत्याशी रहे विकास चौधरी टिकट कटने पर रोने लग गए और बोले कि उनकी राजनीतिक हत्या हुई है। पार्टी का झंडा जलाने वाले को टिकट दे दिया। वही देवली उनियारा से भाजपा के प्रत्याशी विजय बैंसला के विरोध में स्थानीय कार्यकर्ताओं ने सैकड़ों की संख्या में भाजपा मुख्यालय के बाहर जमकर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने बैंसला को बाहरी बताते हुए अस्वीकार कर नकारा।
इसी तरह जयपुर में विद्याधर नगर से दीया कुमारी और झोटवाड़ा से राज्यवर्धन सिंह को भी बाहरी बताकर विरोध किया। विरोधियों ने कहा कि भाजपा हाईकमान ने जमीनी कार्यकर्ताओं की भावनाओं की उपेक्षा कर पैराशूट उम्मीदवार को प्राथमिकता दी है। इसके साथ ही पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के समर्थक और पूर्व मंत्री राजपाल सिंह का टिकट कटने बाद उनके समर्थन में कई पार्षद इस्तीफा देने की धमकी भी दे रहे हैं। वहीं कार्यकर्ताओं ने भाजपा मुख्यालय पहुंचकर विरोध जताया।
नगर विधानसभा से अनिता सिंह गुर्जर ने तो यह तक आरोप लगाए हैं कि वह वसुंधरा गुट है, इसलिए उनका टिकट काटा गया। किसी ने फेसबुक पेज पर पोस्ट लिखकर तो किसी ने सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल की अपनी नाराजगी जाहिर की। भाजपा ने नगर से जवाहर सिंह बेडम को प्रत्याशी घोषित किया हैं। वसुंधरा राजे के कट्टर समर्थक और उनकी सरकार में परिवहन मंत्री रहे रोहिताश्व शर्मा (फिलहाल भाजपा सेनिष्कासित) बानसूर से टिकट मांग रहे थे। टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा की।
कोटपूतली से टिकट कटने पर पिछले विधानसभा चुनावों में भाजपा के प्रत्याशी रहे मुकेश गोयल ने खुलकर विरोध जताया। इसी तरह सांचौर से भाजपा ने सांसद देवजी पटेल को टिकट दिया हैं। 2018 में प्रत्याशी रहे दानाराम चौधरी के समर्थन में मंगलवार को कार्यकर्ता धरने पर बैठक गए।
पूर्व विधायक मास्टर मामन सिंह यादव ने तिजारा में मंगलवार को एक महापंचायत का आयोजन किया और यादव भावुक हो गए और बोले- मैंने पूर्व विधायक रहते हुए भी एक नया पैसा नहीं कमाया। अपनी बेटी की शादी भी पुस्तैनी जमीन बेचकर की, इस बार मुझे बर्बाद मत कर देना। तो बानसूर में पूर्व यूआईटी चेयरमैन देवीसिंह शेखावत को भाजपा उम्मीदवार बनाए जाने के बाद पिछले चुनाव में भाजपा प्रत्याशी रहे महेंद्र यादव को टिकट नहीं मिलने से समर्थक नाराज दिखाई दिए।
इन सीटों पर इन नेताओं ने जताया विरोध
तिजारा: पूर्व विधायक मामन यादव
झोटवाड़ा: पूर्व मंत्री राजपाल शेखावत और आशुसिंह सूरपुरा
कोटपूतली: यादराम जांगल
देवली-उनियारा: राजेंद्र गुर्जर
किशनगढ़: विकास चौधरी
नगर: पूर्व विधायक अनिता सिंह गुर्जर
बानसूर: पूर्व मंत्री रोहिताश्व शर्मा
सांचौर: दानाराम चौधरी और पूर्व विधायक जीवाराम चौधरी
डैमेज कंट्रोल के लिए किया कमेटी का गठन
प्रत्याशियों की सूची जारी होने के साथ ही असंतोष खुलकर सामने आ गया है। स्थानीय क्षेत्र से लेकर पार्टी मुख्यालय तक कई प्रत्याशियों की खिलाफत शुरू हो गई हैं। इस असंतोष के बीच डैमेज कंट्रोल के लिए भाजपा ने कमेटी का गठन किया हैं। सांसद कैलाश चौधरी की अध्यक्षता वाली इस कमेटी में 10 अन्य लोगों को भी शामिल किया हैं। चुनाव संकल्प पत्र समिति के संयोजक अर्जुनराम मेघवाल ने कहा कि डैमेज कंट्रोल के लिए कमेटी बनी है। कमेटी सदस्य पार्टी के सभी नाराज कार्यकर्ताओं और नेताओं से बात करेंगे। उनको समझाने का काम करेंगे।
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