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Rajasthan: नाथद्वारा से सीपी जोशी के सामने पिता महाराणा प्रताप के वंशज, पिता भी रिकॉर्ड वोटों से जीत बने थे सांसद

मेवाड़ राजघराने के विश्वराज सिंह को बीजेपी ने नाथद्वारा से मौका दिया है. हाल में विश्वराज सिंह ने दिल्ली में बीजेपी जॉइन की थी। विश्वराज सिंह पूर्व सांसद महेंद्र सिंह मेवाड़ के बेटे हैं। इधर, कांग्रेस की पहली सूची में नाथद्वारा से डॉ सीपी जोशी को उम्मीदवार घोषित कर दिया है
07:05 PM Oct 21, 2023 IST | Kunal Bhatnagar
rajasthan  नाथद्वारा से सीपी जोशी के सामने पिता महाराणा प्रताप के वंशज  पिता भी रिकॉर्ड वोटों से जीत बने थे सांसद

Rajasthan Elections 2023: मेवाड़ राजघराने के विश्वराज सिंह को बीजेपी ने नाथद्वारा से मौका दिया है. हाल में विश्वराज सिंह ने दिल्ली में बीजेपी जॉइन की थी। विश्वराज सिंह पूर्व सांसद महेंद्र सिंह मेवाड़ के बेटे हैं। इधर, कांग्रेस की पहली सूची में नाथद्वारा से डॉ सीपी जोशी को उम्मीदवार घोषित कर दिया है हालाँकि, विश्वराज सिंह का बाहरी होने का विरोध झेलना पड़ सकता है तो वहीं उनको मेवाड़ राजघराने से जुड़े होने का लाभ भी मिल सकता है।

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जानिए कौन हैं विश्वराज सिंह

विश्वराज सिंह, महाराणा प्रताप के वंशज, मेवाड़ राज्य के अंतिम महाराणा भगवत सिंह के पोते हैं। उनके दो बेटे महेंद्र सिंह मेवाड़ और अरविंद सिंह मेवाड़ हैं। उनके पिता महेंद्र सिंह मेवाड़ चित्तौड़गढ़ से सांसद रह चुके हैं और इन दिनों वे पिछोला झील में बड़ी पाल के नीचे समोर बाग में रहते हैं। वहीं विश्वराज सिंह का परिवार मुंबई में रहता है. छोटे भाई अरविंद सिंह मेवाड़ अपने बेटे लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ के साथ सिटी पैलेस के पास राजमहल में रहते हैं। लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ सीधे तौर पर राजनीति से नहीं जुड़े हैं, लेकिन राज्यपाल कलराज मिश्र ने उन्हें अपना सलाहकार बनाया है.

पिता भी रह चुके हैं बीजेपी सांसद

चित्तौड़गढ़ सीट से सबसे बड़ी जीत का रिकॉर्ड विश्वराज सिंह मेवाड़ के पिता महेंद्र सिंह मेवाड़ के नाम है. साल 1989 में उन्होंने एक लाख 90 हजार से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की. हालांकि, बाद में वह कांग्रेस में शामिल हो गए और उन्हें हार का सामना करना पड़ा।

5 बार सीपी जोशी जीते चुनाव

नाथद्वारा सीट कांग्रेस का गढ़ मानी जाती है क्योंकि विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी 1980 से अब तक यहां से 5 बार विधायक रहे हैं। यहां से बीजेपी की सबसे छोटी जीत और कांग्रेस की सबसे छोटी हार का इतिहास भी रहा। 2008 के चुनाव में यहां एक वोट से सीपी जोशी को हार का सामना करना पड़ा था। बीजेपी के कल्याण सिंह ने वर्ष 2008 के विधानसभा चुनाव में सीपी जोशी को 1 वोट से हराया था।

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