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राजस्थान में पहली बार दलित चेहरा होगा नेता प्रतिपक्ष, कौन हैं टीकाराम जूली जिन पर कांग्रेस ने खेला दांव

अलवर ग्रामीण से विधायक और गहलोत सरकार में मंत्री रहे टीकाराम जूली को राजस्थान में नेता प्रतिपक्ष बनाया गया है.
05:36 PM Jan 16, 2024 IST | Avdhesh
राजस्थान में पहली बार दलित चेहरा होगा नेता प्रतिपक्ष   कौन हैं टीकाराम जूली जिन पर कांग्रेस ने खेला दांव

Tika Ram Jully Leader of Opposition: राजस्थान में कांग्रेस ने आखिरकार नेता प्रतिपक्ष के नाम का ऐलान कर दिया है जहां अलवर ग्रामीण से विधायक और गहलोत सरकार में मंत्री रहे टीकाराम जूली को ये जिम्मेदारी दी गई है. कांग्रेस ने नेता प्रतिपक्ष के पद पर दलित चेहरे पर दांव चला है जिसके बाद राजस्थान विधानसभा के इतिहास में पहली बार कोई दलित चेहरा नेता प्रतिपक्ष की कमान संभालेगा. मालूम हो कि इससे पहले कांग्रेस-बीजेपी किसी भी दल ने नेता प्रतिपक्ष के पद पर दलित चेहरे पर मुहर नहीं लगाई थी. वहीं पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा अभी प्रदेशाध्यक्ष बने रहेंगे.

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टीकाराम जूली को लेकर पिछले 2 दिनों से अटकलों का बाजार गरम था. जूली अलवर ग्रामीण से तीसरी बार विधायक बने हैं और गहलोत सरकार में इससे पहले राज्य मंत्री रहे और प्रमोट होकर आखिर तक कैबिनेट मंत्री रहे हैं. जूली को अलवर के कांग्रेस नेता भंवर जितेंद्र सिंह का करीबी माना जाता है.

टीकाराम जूली को नई जिम्मेदारी मिलने के बाद पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने उन्हें बधाई देते हुए कहा है कि कांग्रेस सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे एवं अलवर ग्रामीण से विधायक टीकाराम जूली को नेता, कांग्रेस विधायक दल मनोनीत होने पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं, मुझे पूर्ण विश्वास है कि आप राजस्थान की जनता के हित की आवाज पुरजोर तरीके से विधानसभा में उठाएंगे.

अलवर ग्रामीण से तीसरी बार विधायक हैं जूली

जानकारी के मुताबिक 43 साल के टीकाराम जूली अलवर ग्रामीण से तीसरी बार विधायक चुनकर आए हैं और पिछली गहलोत सरकार में वे कैबिनेट मंत्री रहे थे. जूली का जन्म अलवर के बहरोड़ के पास काठूवास गांव में हुआ था और इससे पहले वह कांग्रेस के अलवर जिला प्रमुख भी रहे हैं.

दरअसल राजस्थान में आजादी के बाद से 1952 से लेकर आज तक ​कांग्रेस और बीजेपी ने कभी भी दलित चेहरे को विधानसभा में प्रतिपक्ष का नेता नहीं चुना था. इसके बाद अब टीकाराम जूली राजस्थान में पहले दलित वर्ग के नेता बन गए हैं जो इस पद को संभालेंगे. मालूम हो कि अब तक सवर्ण और ओबीसी नेता ही इस जिम्मेदारी को संभालते रहे हैं.

2023 में जूली को मिले एक लाख से अधिक वोट

बता दें कि 2023 के विधानसभा चुनावों में टीकाराम जूली को 55.56 फीसदी यानी कि 108,584 वोट मिले थे. वहीं इससे पहले वह 2018 के चुनावों में अलवर ग्रामीण से ही विधायक बने थे. इसके अलावा किसी भी राज्य में नेता प्रतिपक्ष को कैबिनेट मंत्री के बराबर का दर्जा मिलता है जिसमें सरकारी गाड़ी, बंगला, स्टाफ और सुरक्षा दी जाती है ऐसे में सिविल लाइंस का जूली का बंगला अभी उनके पास ही रखा जा सकता है.

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