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जादूगर का तुरूप का पत्ता..देश में चमकेगा मरुधरा, क्या है 'Mission 2030' जहां 1 करोड़ लोगों से सुझाव लेगी सरकार

राजस्थान को देश के नम्बर वन राज्यों की श्रेणी में लाने के लिए गहलोत सरकार मिशन 2030 में जुट गई है.
11:56 AM Aug 22, 2023 IST | Avdhesh

Ashok Gehlot Mission-2030 Rajasthan: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत साल के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले मिशन 2030 राजस्थान को साकार करने में जुट गए हैं जहां सूबे के लिए साल 2030 तक का एक विजन तैयार किया जाएगा जिसके तहत राजस्थान को देश के नम्बर वन राज्यों की श्रेणी में कैसे लाया जाए. जानकारी के मुताबिक राजस्थान सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार सहित हर क्षेत्र में राज्य के विकसित बनाने के लिए का एक विजन डॉक्युमेंट तैयार कर रही है.

दरअसल सीएम ने बीते 15 अगस्त को विजन 2030 के लिए जनता से सुझाव देने का आह्वान किया है था जिसके बाद मंगलवार को जयपुर के बिरला ऑडिटोरियम में सरकार तकरीबन दो हज़ार लोगों का एक बड़ा कार्यक्रम करने जा रही है.

बता दें कि गहलोत के इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट को लेकर अलग-अलग क्षेत्रों में काम करने वाले विशेषज्ञों की राय ली जाएगी और जनता के सुझावों के बाद खाका तैयार किया जाएगा. माना जा रहा है कि गहलोत सरकार की सामाजिक सुरक्षा की योजनाओं और काम के बाद विजन 2030 तुरूप का पत्ता साबित हो सकता है.

राजस्थान में पहली बार अनूठा प्रयोग

दरअसल सीएम गहलोत ने बीते दिनों मुख्यमंत्री निवास पर एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि साल 2030 तक राज्य पूरी तरह से विकसित हो जहां जनता को किसी भी तरह की समस्याओं का सामने नहीं करना पड़े. उन्होंने कहा था कि 2030 में मुख्यमंत्री की कुर्सी पर कौन होगा इसका नहीं पता लेकिन जनता को हर तरह की सुविधाओं की गारंटी मिलनी चाहिए.

जानकारी के मुताबिक राजस्थान को देश में विकसित राज्य बनाने का प्लान गहलोत सरकार बना रही है जिसके तहत जयपुर के कार्यक्रम में 1000 से अधिक विषय-विशेषज्ञ प्रतिनिधि अपनी राय सरकार को देंगे. इसके अलावा हर जिले से 500 युवा मतदाताओं को इस प्रोग्राम से जोड़ा जाएगा. वहीं कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री एक वेबसाइट भी लांच करेंगे.

1 करोड़ लोग देंगे सरकार को सुझाव

बताया गया है कि सरकार के विजन 2030 के लिए 30 सितम्बर तक 1 करोड़ लोगों से सुझाव मांगे जाएंगे जिसमें आमजन अपनी अपेक्षाएं भी साझा कर सकते हैं. वहीं सभी राजपत्रित सरकारी अधिकारियों के लिए अपने विभागीय स्तर पर राजस्थान मिशन 2030 के लिए विचार और सुझाव देना अनिवार्य होगा.

इसके अलावा 2030 के तहत फेस टू फेस सर्वे, फोन और ऑनलाइन वीडियो बनाकर भी लोगों से सुझाव लिए जाएंगे. सरकार को सुझाव देने वाले लोगों में अर्थशास्त्री, लेखक, पत्रकार, विद्यार्थी, सरकारी कर्मचारी, अधिवक्ता, किसान, मजदूर, महिलाएं, युवा, बुद्धिजीवी, खिलाड़ी सहित एक करोड़ प्रदेशवासी शामिल होंगे.

वहीं स्कूल-कॉलेज में निबंध प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएगी जहां माध्यम से बच्चे अपने विचार व सुझाव देंगे. इसके बाद विभागीय स्तर पर बनी मुख्यमंत्री राजस्थान आर्थिक सुधार सलाहकार परिषद सभी चर्चा के बाद विकसित राजस्थान 2030 का प्लान सीएम को सौंपेगी.

कैसे तैयार होगा विजन डॉक्यूमेंट?

गौरतलब है कि सीएम गहलोत ने हाल में कहा था कि 2018-19 में प्रदेश की अर्थव्यवस्था करीब 9 लाख 11 हजार करोड़ रुपए थी और वर्तमान में करीब 14.14 लाख करोड़ रुपए है जिसे 2030 तक करीब ढाई गुना बढ़ाकर 35.71 लाख करोड़ रुपए ले जाना हमारा टारगेट है. वहीं विजन डॉक्यूमेंट तैयार करने के लिए सरकार राज्य स्तरीय संवाद के बाद प्रत्येक विभाग द्वारा जिला और संभाग स्तर पर भी अलग-अलग सेक्टर के एक्सपर्ट और स्टेक होल्डर्स की राय लेगी.

इसके बाद उपयोगी सुझावों और महत्वपूर्ण बिंदुओं को अपने-अपने विभाग से संबंधित विजन डॉक्युमेंट-2030 में जोड़ा जाएगा. वहीं विभागों को जिला और संभाग स्तर पर होने वाले संवाद-सुझाव कार्यक्रम 23 अगस्त से 15 सितंबर तक चलने के बाद एक खाका तैयार कर आयोजना विभाग को देना है. इसके बाद इस पूरे खाके को कंपाइल कर पूरा विजन डॉक्यूमेंट आयोजना विभाग तैयार करेगा.

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