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3 बार के MP, पुराने राजनीतिक खिलाड़ी…कौन हैं देवजी पटेल जिनको MLA का टिकट मिलते ही उफन गया सांचौर

सांचौर से भाजपा प्रत्याशी बनाए जाने पर सांसद देवजी पटेल का जमकर विरोध हो रहा है.
01:29 PM Oct 11, 2023 IST | Avdhesh

Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 को लेकर भाजपा प्रत्याशियों की पहली सूची आने के साथ ही पार्टी से टिकट कटने के बाद कई इलाकों में स्थानीय दावेदारों की नाराजगी सिर चढ़कर बोल रही है जहां बुधलार को सांचौर से भाजपा प्रत्याशी बनाए जाने पर सांसद देवजी पटेल का जमकर विरोध हुआ जहां उन्हें काले झंडे दिखाए गए और उनकी गाड़ी के शीशे तक तोड़ दिए गए. बताया जा रहा है कि देव जी पटेल को टिकट मिलने से दानाराम चौधरी के समर्थक लगातार विरोध कर रहे हैं.

मालूम हो कि बीजेपी ने सोमवार को अपने 41 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की थी जिसके बाद 7 सांसदों और 29 नए चेहरों को चुनावी मैदान में उतारा था. वहीं सांसदों को टिकट दिए जाने से स्थानीय दावेदार नाराज हो गए और कई सीटों पर बगावत तक का ऐलान कर दिया.

सूबे के देवली उनियारा, तिजारा, किशनगढ़, झोटवाड़ा, सांचौर जैसी विधानसभा सीटों पर टिकट आने के बाद से लगातार विरोध हो रहा है. बता दें कि कांग्रेस का गढ़ रहे सांचौर से 2018 के प्रत्याशी दानाराम चौधरी की टिकट काटी गई है. वहीं इस सीट से बीजेपी लगातार तीन चुनाव हार चुकी है.

3 बार से सांसद हैं देवजी

बता दें कि देवजी पटेल जालौर सिरोही लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी से तीन बार 2009, 2013 और 2019 लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं और तीनों बार उन्होंने जीत हासिल की है. देवजी एम पटेल की शुरूआती शिक्षा सांचौर में हुई और उन्होंने 10वीं के बाद अहमदाबाद में खुद का स्टील का व्यापार शुरू कर लिया था.

वहीं परिसीमन के बाद जालोर संसदीय क्षेत्र अनुसूचित जाति से परिवर्तित होकर सामान्य हुआ जिसके बाद बीजेपी को 2009 के लोकसभा चुनावों में यहां किसी मजबूत चेहरे की तलाश थी. इसके बाद 2009 में पार्टी ने करीब 32 साल की उम्र में देवजी एम पटेल को जालौर संसदीय सीट से टिकट दिया जहां से उन्होंने पार्टी को निराश नहीं किया.

साल 2018 के विधानसभा चुनावों में सांचौर में बीजेपी हार गई लेकिन उसके कुछ महीनों बाद हुए 2019 के लोकसभा चुनावों में सांचौर विधानसभा क्षेत्र से देवजी पटेल ने 17 हजार से अधिक वोटों से जीत हासिल की थी.

सांचौर में केवल 2 बार जीती BJP

बता दें कि सांचौर विधानसभा में 1951 से अब तक 16 बार विधानसभा के चुनाव हुए हैं जहां बीजेपी केवल 2 बार ही जीत दर्ज कर पाई है. सांचौर शुरू से ही कांग्रेस का गढ़ रहा है. इस सीट पर 1990 में लक्ष्मीचंद मेहता और 2003 में जीवाराम चौधरी ने बीजेपी को बड़ी जीत दिलाई थी.

वहीं इसके बाद हुए चुनावों में 2008 में जीवाराम चौधरी निर्दलीय जीतकर आए थे और 2013, 2018 के चुनावों में कांग्रेस से सुखराम बिश्नोई जीते थे.

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