सवाई माधोपुर पर रोचक मुकाबला, इस वजह से दानिश-किरोड़ीलाल के लिए मुसीबत बन सकती है आशा मीणा
Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान में विधानसभा चुनावों को लेकर अब जाजम पूरी तरह से तैयार है जहां बीजेपी और कांग्रेस दोनों दलों ने पूरी 200 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार दिए हैं. वहीं सूबे की हॉट सीटों में सवाई माधोपुर विधानसभा को लेकर काफी चर्चा हो रही है जहां इस बार मुकाबला रोचक हो गया है. राजा हठी हम्मीर की धरती के लिए प्रसिद्ध सवाई माधोपुर सीट के लिए कहा जाता है कि यहां जिस पार्टी का विधायक बनता है उसकी ही सरकार बनती है. इसके अलावा एक रोचक तथ्य यह भी है कि ये एक ऐसी विधानसभा है जहां का विधायक अगला चुनाव नहीं जीत पाता है.
बीजेपी ने इस सीट पर राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा और कांग्रेस ने वर्तमान विधायक दानिश अबरार को मौका दिया है. वहीं बीजेपी नेता और पूर्व चुनाव प्रत्याशी रही आशा मीणा ने टिकट कटने पर बगावती रूख अपनाते हुए निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने का निर्णय करते हुए नामांकन कर दिया है.
आशा मीणा के चुनावी बिगुल बजाने के साथ ही अब इस सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय बन गया है जिससे बीजेपी की मुश्किलें बढ़ सकती है. बता दें कि इस सीट पर 16 फीसदी एससी आबादी है और 23 फीसदी आबादी एसटी है.
स्थानीय होने का मिलेगा आशा को फायदा
सवाई माधोपुर से भाजपा नेत्री आशा मीणा के निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने का ऐलान करने के साथ ही यहां मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है जिससे बीजेपी की मुश्किलें बढ़ती हुई दिखाई दे रही है. मालूम हो कि आशा मीणा लगातार जनसंपर्क बनाए हुए हैं और उनके कार्यक्रमों में जनता का रुख देखकर लग रहा है कि चुनावों में उनके प्रतिद्वंद्वियों को कड़ी चुनौती मिल सकती है.
बता दें कि आशा मीणा सवाई माधोपुर में जनता के बीच काफी लोकप्रिय चेहरा रही हैं और पिछले काफी समय से वह स्थानीय मुद्दों को लेकर लोगों के बीच संघर्ष करती हुई दिखाई दे रही हैं. वहीं सवाई माधोपुर से स्थानीय प्रत्याशी को टिकट नहीं मिलने से क्षेत्र के लोग काफी नाराज हैं जिसका फायदा आशा मीणा को मिल सकता है.