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राजस्थान के सियासी घमासान में 'Modi गारंटी' Vs 'गहलोत की 7 गारंटी'...कौन किस पर कितना भारी ?

राजस्थान में बीजेपी ने गहलोत सरकार की 7 गारंटी के सामने अपना संकल्प पत्र जारी कर दिया है.
05:17 PM Nov 16, 2023 IST | Avdhesh

Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान में विधानसभा चुनाव का प्रचार की आंधी चल रही है जहां बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही दलों ने अपने राष्ट्रीय नेताओं की फौज उतार दी है और धुंआधार रैलियां और सभाओं का जोर है. कांग्रेस जहां अपनी 7 गारंटी और 5 साल के काम पर जनता के बीच जाकर वोट मांग रही है वहीं बीजेपी ने राजस्थान में मोदी की गारंटी का नारा दिया है. जयपुर में गुरुवार को बीजेपी ने अपना संकल्प पत्र जारी कर दिया जिसमें हर वर्ग के लिए कई वादे किए गए हैं.

बता दें कि मोदी की गांरटी को राजस्थान में कांग्रेस की 7 गारंटियों के सामने एक काउंटर के तौर पर देखा जा रहा है जहां बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मोदी सरकार के कामों को गिनाया. मालूम हो कि राज्य में अशोक गहलोत भी लगातार अपनी 7 गारंटी का प्रचार कर रहे हैं और सरकार आने पर इन गारंटियों को पूरा करने का वादा भी किया है. आइए जानते हैं कि सूबे के सियासी घमासान में किसकी गारंटी किस पर भारी है.

पहले जानें कांग्रेस ने कौनसी 7 गारंटी दी है?

बता दें कि बीते दिनों कांग्रेस ने सूबे की जनता के लिए अपनी 7 गारंटी लांच की जहां सीएम अशोक गहलोत ने ऐलान करते हुए कहा कि हमारी सरकार रिपीट होने पर प्रदेश में परिवारों की महिला मुखियाओं के लिए हर साल 10,000 रुपये का मानदेय दिया जाएगा. वहीं एक करोड़ से अधिक परिवारों के लिए 500 रुपये में सब्सिडी वाला गैस सिलेंडर दिया जाएगा.

इसके अलावा प्रथम वर्ष के छात्रों के लिए मुफ्त लैपटॉप या टैबलेट, सरकारी कॉलेज में मुफ्त अंग्रेजी मीडियम की शिक्षा और बायो-गैस के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए पशुपालकों से 2 रुपये प्रति किलो के हिसाब से गाय के गोबर की खरीदी. वहीं सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना देने का वादा कांग्रेस ने किया है.

बीजेपी ने किए संकल्प पत्र में वादे

वहीं बीजेपी ने चुनावों से पहले सरकार बनने पर संकल्प पत्र में कई वादे किए हैं जिनके मुताबिक पीएम किसान निधि बढ़ाकर साल में 12 हजार रुपये, मुख्यमंत्री फ्री स्कूटी योजना और पीएम उज्जवला योजना के लाभार्थियों को 450 रुपये में सिलेंडर देने का वादा बीजेपी ने किया है. इसके साथ ही 5 साल की सरकार में ढ़ाई लाख सरकारी नौकरियां, 15 हजार डॉक्टर और 20 हजार पैरा मेडिकल स्टाफ की नियुक्ति और किसानों की जमीन के लिए उचित मुआवजा नीति बनाने का भी वादा किया गया है.

पेपर लीक जांच के लिए SIT का गठन

इसके अलावा बीजेपी ने सरकार बनने पर हर जिले में महिला थाना और हर पुलिस स्टेशन में महिला डेस्क खोलने का वादा किया है. वहीं हर प्रमुख शहरों में एंटी रोमियो स्क्वायड भी बनाया जाएगा. वहीं किसानों के लिए गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य के ऊपर बोनस देकर 2, 700 प्रति क्विंटल की खरीदी के साथ ही गरीब परिवार की छात्राओं को केजी से पीजी तक मुफ्त गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने का चुनावी वादा किया गया है.

स्थानीय मुद्दे vs केंद्र की योजनाएं!

गौरतलब है कि चुनावी बिसात बिछने के साथ ही अब राजस्थान का रण गारंटियों के टकराने की गड़गड़ाहट से गूंज रहा है जहां सूबे के मुखिया अशोक गहलोत लगातार पीएम मोदी को विकास और काम पर बहस करने की चुनौती दे रहे हैं. इधर दूसरी ओर बीजेपी मोदी सरकार की योजनाओं के अलावा राम मंदिर, हिंदुत्व जैसे मसलों पर भी कांग्रेस की घेराबंदी कर रही है.

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