रेलवे : 40 हजार बोगियों को वंदे भारत ट्रेनों की तर्ज पर किया जाएगा अपग्रेड, साल में 4 बार नौकरी का अवसर
Indian Railways : नई दिल्ली। अंतरिम बजट में रेलवे क्षेत्र के लिए भी कई ऐलान हुए हैं। वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में सरकार का फोकस वंदे भारत ट्रेनों पर रहा। अंतरिम बजट में वित्त मंत्री ने कहा कि तीन प्रमुख आर्थिक रेल गलियारा कार्यक्रम क्रियान्वित किए जाएंगे। इनमें पहला ऊर्जा, खनिज एवं सीमेंट गलियारा, दूसरा पत्तन संपर्कता गलियारा और तीसरा अधिक यातायात वाला गलियारा है। बजट में खास बात ये रही कि 40 हजार बोगियों को वंदे भारत ट्रेनों की तर्ज पर अपग्रेड किया जाएगा। साथ ही रेलवे में युवाओं को चार बार नौकरी के अवसर मिलेंगे।
कनेक्टिविटी को संभव बनाने के लिए प्रधानमंत्री गति शक्ति के अंतर्गत इन परियोजनाओं की पहचान की गई है। इनसे रसद व्यवस्था संबंधी कार्यकुशलता बढ़ेगी और लागत में कमी आएगी। इसके चलते अधिक यातायात वाले गलियारों में भीड़ कम होने से यात्री ट्रेनों के परिचालन में सुधार लाने में भी मदद मिलेगी और यात्री सुरक्षा एवं यात्रा की रफ्तार बढ़ेगी। समर्पित मालभाड़ा गलियारों के साथ-साथ इन तीन आर्थिक गलियारा कार्यक्रमों से हमारी जीडीपी की विकास दर बढ़ेगी तथा रसद व्यवस्था संबंधी लागत में भी कमी आएगी।
5 साल में खर्च होंगे 15 हजार करोड़ रुपए
एक अहम ऐलान में वित्त मंत्री ने कहा कि 40 हजार सामान्य बोगियों को वंदे भारत के पैमानों के अनुरूप विकसित किया जाएगा, ताकि यात्रियों की सुरक्षा और सहूलियत को बढ़ाया जा सके। यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा बढ़ाने के लिए लगभग 40,000 सामान्य रेल बोगियों को वंदे भारत मानकों में परिवर्तित किया जाएगा। इस कार्य पर अगले पांच वर्ष के दौरान 15 हजार करोड़ रुपए की लागत आएगी। साथ ही अगले वित्तीय वर्ष में प्रत्येक हफ्ते में कम से कम एक वंदे भारत चलाने का लक्ष्य है।
साल में चार बार मिलेगा नौकरी का अवसर
भर्ती अभियान को भी व्यवस्थित करते हुए वर्ष में अलग-अलग ग्रुप की चार बार निर्धारित समय पर रिक्तियां निकाली जाएंगी। जनवरी, अप्रैल, जून और अक्टूबर में नौकरी के अवसर मिलेंगे।
तीन नए रेल कारिडोर का होगा निर्माण
तीन प्रमुख आर्थिक रेलवे कॉरीडोर यानी ऊर्जा, खनिज, और सीमेंट कॉरीडोर तैयार किए जाएंगे। इसके साथ ही पोर्ट कनेक्टिविटी कॉरीडोर और हाई ट्रैफिक डेंसिटी कॉरीडोर्स लागू किए जाएंगे। पांच साल में तीनों कोरिडोर के निर्माण में 11 लाख करोड़ रुपये खर्च होंगे। डेडिकेटेड फ्रेड कारिडोर पर पहले से ही काम जारी है।
पांच वर्षों में 40 हजार किमी बनेंगे रेल ट्रैक
वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले दस वर्षों में 26 हजार किमी ट्रैक बने हैं। इस वर्ष पांच हजार पांच सौ किमी से ज्यादा ट्रैक बनाए जाएंगे। बुलेट ट्रेन का भी ट्रैक बनाया जा रहा है। जरूरत के अनुसार रेल ट्रैक की क्षमता बढ़ाई जाएगी। जहां अभी दो लाइन है, वहां चार लाइन किया जाएगा। इसी तरह चार लाइन को छह किया जाएगा। अगले पांच वर्षों के दौरान 40 हजार किमी रेल ट्रैक बनाया जाएगा।